इंफाल : भाजपा को मणिपुर विधानसभा चुनाव (Manipur Assembly Poll) के बाद नेताओं के पाला बदलने का डर सताने लगा है. चुनाव के बाद उनके नेता कहीं दल न बदल डालें इसलिए, पार्टी ने अनूठा तरीका निकाला है. भाजपा ने मणिपुर में चुनाव नतीजों के बाद भी अपने नेताओं को खेमे बदलने से रोकने के लिए समझौतापत्र दस्तखत कराया है. भाजपा ने अपने उन कार्यकर्ताओं से समझौते पर दस्तखत कराए हैं, जिन्हें आगामी मणिपुर विधानसभा चुनाव में उतारा ने की संभावना है.
सूत्रों के मुताबिक, कार्यकर्ताओं में वे लोग शामिल हैं, जिन्हें इम्फाल पश्चिम जिले के केसामथोंग विधानसभा क्षेत्र और काकचिंग जिले के सुगनू में नामित किये जाने की संभावना है. राज्य में भाजपा के मुख्य प्रवक्ता सीएच बिजॉय ने कहा कि पार्टी ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की मौजूदगी में कई संभावित उम्मीदवारों से इस तरह के सहयोग समझौते (Agreement of Cooperation) पर दस्तखत लिया है, ताकि वे दल-बदल की सोचे भी नहीं.
भगवा पार्टी चुनाव में उम्मीदवार बनाये जा सकने वाले पार्टी के सदस्यों के बीच सहयोग सुनिश्चित करने के लिए बैठकें आयोजित कर रही है. मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में, 27 फरवरी और तीन मार्च को चुनाव होना है, जबकि मतगणना 10 मार्च को होगी. उल्लेखनीय है कि चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा के तीन मंत्रियों ने हाल में पार्टी छोड़ दी. भाजपा द्वारा मणिपुर विधानसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची की घोषणा करना अभी बाकी है.
(पीटीआई-भाषा)