नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का पाकिस्तान के एक पत्रकार के साथ कथित संपर्क रहने के मुद्दे पर शुक्रवार को कांग्रेस पर प्रहार किया और एक तस्वीर का हवाला देते हुए दावा किया कि भारत में एक सम्मेलन के दौरान उन दोनों ने मंच साझा किया था. हामिद अंसारी के कार्यालय ने इसका खंडन किया है. उनकी ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वह अपने पुराने बयान पर कायम हैं. उन्होंने कहा था कि उनकी कभी भी उस पाकिस्तानी पत्रकार से मुलाकात नहीं हुई है.
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के एक पत्रकार नुसरत मिर्जा ने दावा किया था कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल के दौरान उसने पांच बार भारत का दौरा किया था और उसने यहां से हासिल संवेदनशील गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) को मुहैया कराई थी.
सोशल मीडिया पर वायरल मिर्जा के साक्षात्कार के एक वीडियो क्लिप में उन्हें यह दावा करते देखा जा सकता है कि वह अंसारी के आमंत्रण पर भारत आए थे और उनसे मिले भी थे. हालांकि, अंसारी ने मिर्जा के दावों को 'झूठ का पुलिंदा' करार देते हुए खारिज कर दिया था और कहा था कि उन्होंने इस पत्रकार से कभी मुलाकात नहीं की है और ना ही उसे कभी भारत आमंत्रित किया.
हामिद अंसारी ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि, मैंने न तो उसे कभी बुलाया है और न ही उससे मुलाकात की है. मेरे खिलाफ मीडिया के एक सेक्शन में झूठ का पुलिंदा चलाया जा रहा है. इसमें बीजेपी के आधिकारिक प्रवक्ता शामिल हैं. विदेशी मेहमानों को उप राष्ट्रपति द्वारा बुलाने की प्रक्रिया सरकार के सलाह पर की जाती है और इसमें मुख्य रूप से विदेश मंत्रालय शामिल होता है.
भाजपा ने मिर्जा के दावों का हवाला देते हुए पिछले दिनों कहा था कि अंसारी ने उसके साथ कई 'संवेदनशील और अत्यंत गोपनीय' सूचना साझा की थी. भाजपा ने अंसारी पर पाकिस्तानी पत्रकार को भारत आमंत्रित करने का आरोप भी लगाया था. मिर्जा ने यह भी दावा किया था कि उसने गोपनीय सूचना आईएसआई को मुहैया की थी.
भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एक तस्वीर दिखाई, जिसमें अंसारी और मिर्जा 2009 में भारत में आतंकवाद के मुद्दे पर हुए एक सम्मेलन में मंच साझा करते नजर आ रहे हैं. भाटिया ने कहा कि संवैधानिक पदों पर आसीन किसी व्यक्ति का जब कोई कार्यक्रम होता है तो उसके प्रोटोकॉल के तहत उनका कार्यालय यह जानकारी प्राप्त करता है कि उस कार्यक्रम में कौन-कौन शामिल होंगे.
कांग्रेस पर प्रहार करते हुए उन्होंने आरोप लगाया, 'क्या यह सच नहीं है कि इस तरह का कोई भी कार्यक्रम आयोजित होता है तो उसकी स्वीकृति खुफिया एजेंसियों से प्राप्त जानकारी के आधार पर दी जाती है ? ऐसे में क्या ये मानना सही नहीं होगा कि कांग्रेस चाहती थी कि पाकिस्तान का व्यक्ति भारत में घुसे और भारत की अखंडता को नुकसान पहुंचाए? उन्होंने कहा कि अगर हामिद अंसारी चाहते तो वह कह सकते थे कि उस व्यक्ति को सम्मेलन में नहीं बुलाया जाए. उन्होंने कहा कि वह उसके साथ मंच साझा करने से मना कर सकते थे. उन्होंने सोनिया गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि, कांग्रेस का तार पाकिस्तान से जुड़ता है और करंट वहीं से आता है.
भाटिया ने कहा, 'संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्ति की जिम्मेदारी भी बड़ी होती है. किसी भी व्यक्ति से ऊपर देश और इसके नागरिकों का हित है.' गौरतलब है कि मिर्जा के दावों को खारिज करते हुए अंसारी ने कहा था कि उन्होंने 11 दिसंबर, 2010 में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और मानवाधिकारों पर न्यायविदों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया था और जैसा कि सामान्य परंपरा है, आयोजकों द्वारा आमंत्रित लोगों की सूची तैयार की गई होगी. उन्होंने कहा था, 'मैंने उसे (पाकिस्तानी पत्रकार को) कभी आमंत्रित नहीं किया या उससे मुलाकात नहीं की.
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