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भाजपा की छल-कपट की राजनीति ने गृह मंत्रालय तक को नहीं बख्शा: महबूबा मुफ्ती - Mehbooba Mufti

पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि वह छल कपट की राजनीति के जरिये गृह मंत्रालय को नहीं छोड़ा है. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि भाजपा राजौरी घटना का इस्तेमाल कर रही है. पढ़िए पूरी खबर...

PDP president Mehbooba Mufti
पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती
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Published : Jan 4, 2023, 7:26 PM IST

Updated : Jan 4, 2023, 7:47 PM IST

जानिए क्या कहा पीडीपी की अध्यक्ष ने

श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि इसने अपनी छल-कपट की राजनीति के जरिये गृह मंत्रालय तक को नहीं बख्शा. उन्होंने राजौरी आतंकी हत्या पर भाजपा की निंदा करते हुए कहा कि पार्टी ध्रुवीकरण के लिए ऐसी घटनाओं का इस्तेमाल कर रही है. वह जम्मू-कश्मीर के संबंध में मंत्रालय की एक रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दे रही थीं.

महबूबा ने कई ट्वीट कर कहा, 'स्तब्ध हूं कि भाजपा ने छल-कपट की राजनीति के जरिये गृह मंत्रालय तक को नीचा दिखाया है. इस रिपोर्ट से न केवल झूठ की बू आती है, बल्कि यह सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व वाले एक महत्वपूर्ण विभाग को भी बदनाम करती है.' रिपोर्ट के उस हिस्से पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, जिसमें कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर में पहले लोकतंत्र का मतलब केवल तीन परिवार था, महबूबा ने भी भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह का परोक्ष संदर्भ दिया, जो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे हैं.

उन्होंने कहा, 'कम से कम हम तथाकथित वंशवाद में आज जहां हैं, वहां खड़े होने के लिए हमने कड़ी मेहनत की है. हममें से किसी को बीसीसीआई के नेतृत्व के लिए ऊपर से नहीं भेजा गया है.' पार्टी की एक बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यह दुखद है कि गृह मंत्रालय जम्मू-कश्मीर में चीजों को इतने हल्के में ले रहा है. उन्होंने कहा, 'गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के बारे में कोई क्या कह सकता है! यह दुखद है कि वे चीजों को इतने हल्के में ले रहे हैं. वे ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे जम्मू-कश्मीर में पहली बार पंचायत चुनाव हुए हैं. जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव सबसे पहले शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के समय हुए थे. उसके बाद फारूक साहब के समय में भी.'

उन्होंने कहा, 'वे झूठ पर झूठ बोल रहे हैं. सरकार ने संसद में निवेश के आंकड़े दिए हैं. वे आंकड़े क्या हैं और गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में क्या आंकड़े दिए गए हैं? वे कितना झूठ बोल सकते हैं?' महबूबा ने कहा कि भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का दुरुपयोग कर रही है और इसके बुरे नतीजे होंगे. उन्होंने कहा, 'उनके पास लोगों को देने के लिए नौकरी नहीं है. जब भी राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का दुरुपयोग किया जाता है, तो परिणाम विनाशकारी होते हैं. आप देख सकते हैं कि पड़ोसी देश या सीरिया में क्या हुआ, जहां इस्लाम को गलत तरीके से पेश किया गया. इसी तरह भाजपा दूसरे धर्म का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही है.'

लद्दाख को भू-अधिकारों का संरक्षण मिलने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात होगी. उन्होंने कहा कि जब अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया तो कश्मीरियों, डोगरा और लद्दाखियों ने अपनी पहचान खो दी. उन्होंने कहा, 'सबसे ज्यादा प्रभावित डोगरा हैं, जिन्होंने भाजपा को वोट दिया... हमने राजौरी की घटना देखी है, हमने जम्मू में कारोबार का नुकसान देखा है, खनन और एम्स जैसी प्रमुख निर्माण परियोजनाओं के ठेके बाहरी लोगों को दिए गए.'

उन्होंने कहा, 'यहां तक कि शराब के ठेके भी जम्मू-कश्मीर के बाहर के लोगों को दिए जाते हैं. वे चाहते हैं कि जम्मू के लोग शराब का सेवन करें, लेकिन पैसा कमाने के लिए उनके पास कहीं और के लोग हैं.' महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन साल में हालात बद से बदतर हो गए हैं.

ये भी पढ़ें - भारत में बुनियादी अधिकार 'सुख साधन' और 'हकदारी' बन गए हैं: महबूबा ने CJI को पत्र लिखा

जानिए क्या कहा पीडीपी की अध्यक्ष ने

श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि इसने अपनी छल-कपट की राजनीति के जरिये गृह मंत्रालय तक को नहीं बख्शा. उन्होंने राजौरी आतंकी हत्या पर भाजपा की निंदा करते हुए कहा कि पार्टी ध्रुवीकरण के लिए ऐसी घटनाओं का इस्तेमाल कर रही है. वह जम्मू-कश्मीर के संबंध में मंत्रालय की एक रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दे रही थीं.

महबूबा ने कई ट्वीट कर कहा, 'स्तब्ध हूं कि भाजपा ने छल-कपट की राजनीति के जरिये गृह मंत्रालय तक को नीचा दिखाया है. इस रिपोर्ट से न केवल झूठ की बू आती है, बल्कि यह सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व वाले एक महत्वपूर्ण विभाग को भी बदनाम करती है.' रिपोर्ट के उस हिस्से पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, जिसमें कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर में पहले लोकतंत्र का मतलब केवल तीन परिवार था, महबूबा ने भी भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह का परोक्ष संदर्भ दिया, जो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे हैं.

उन्होंने कहा, 'कम से कम हम तथाकथित वंशवाद में आज जहां हैं, वहां खड़े होने के लिए हमने कड़ी मेहनत की है. हममें से किसी को बीसीसीआई के नेतृत्व के लिए ऊपर से नहीं भेजा गया है.' पार्टी की एक बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यह दुखद है कि गृह मंत्रालय जम्मू-कश्मीर में चीजों को इतने हल्के में ले रहा है. उन्होंने कहा, 'गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के बारे में कोई क्या कह सकता है! यह दुखद है कि वे चीजों को इतने हल्के में ले रहे हैं. वे ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे जम्मू-कश्मीर में पहली बार पंचायत चुनाव हुए हैं. जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव सबसे पहले शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के समय हुए थे. उसके बाद फारूक साहब के समय में भी.'

उन्होंने कहा, 'वे झूठ पर झूठ बोल रहे हैं. सरकार ने संसद में निवेश के आंकड़े दिए हैं. वे आंकड़े क्या हैं और गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में क्या आंकड़े दिए गए हैं? वे कितना झूठ बोल सकते हैं?' महबूबा ने कहा कि भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का दुरुपयोग कर रही है और इसके बुरे नतीजे होंगे. उन्होंने कहा, 'उनके पास लोगों को देने के लिए नौकरी नहीं है. जब भी राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का दुरुपयोग किया जाता है, तो परिणाम विनाशकारी होते हैं. आप देख सकते हैं कि पड़ोसी देश या सीरिया में क्या हुआ, जहां इस्लाम को गलत तरीके से पेश किया गया. इसी तरह भाजपा दूसरे धर्म का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही है.'

लद्दाख को भू-अधिकारों का संरक्षण मिलने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात होगी. उन्होंने कहा कि जब अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया तो कश्मीरियों, डोगरा और लद्दाखियों ने अपनी पहचान खो दी. उन्होंने कहा, 'सबसे ज्यादा प्रभावित डोगरा हैं, जिन्होंने भाजपा को वोट दिया... हमने राजौरी की घटना देखी है, हमने जम्मू में कारोबार का नुकसान देखा है, खनन और एम्स जैसी प्रमुख निर्माण परियोजनाओं के ठेके बाहरी लोगों को दिए गए.'

उन्होंने कहा, 'यहां तक कि शराब के ठेके भी जम्मू-कश्मीर के बाहर के लोगों को दिए जाते हैं. वे चाहते हैं कि जम्मू के लोग शराब का सेवन करें, लेकिन पैसा कमाने के लिए उनके पास कहीं और के लोग हैं.' महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन साल में हालात बद से बदतर हो गए हैं.

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Last Updated : Jan 4, 2023, 7:47 PM IST
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