नई दिल्ली : उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच पीलीभीत से बीजेपी के सांसद वरुण गांधी लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ 'पटाखे' फोड़ रहे हैं. किसानों के मुद्दे से प्रदेश और केंद्र पर हमले की शुरुआत करने वाले वरुण गांधी ने बैंक और रेलवे के निजीकरण पर सवाल उठाए हैं. बीजेपी नेता ने ट्वीट कर दावा किया है कि इन दोनों राष्ट्रीयकृत संस्थानों के निजीकरण के 5 लाख लोगों को जबरन रिटायर किया जाएगा, इससे देश में बेरोजगारी बढ़ेगी.
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केवल बैंक और रेलवे का निजीकरण ही 5 लाख कर्मचारियों को ‘जबरन सेवानिवृत्त’ यानि बेरोजगार कर देगा।
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समाप्त होती हर नौकरी के साथ ही समाप्त हो जाती है लाखों परिवारों की उम्मीदें।
सामाजिक स्तर पर आर्थिक असमानता पैदा कर एक ‘लोक कल्याणकारी सरकार’ पूंजीवाद को बढ़ावा कभी नहीं दे सकती।
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— Varun Gandhi (@varungandhi80) February 22, 2022
समाप्त होती हर नौकरी के साथ ही समाप्त हो जाती है लाखों परिवारों की उम्मीदें।
सामाजिक स्तर पर आर्थिक असमानता पैदा कर एक ‘लोक कल्याणकारी सरकार’ पूंजीवाद को बढ़ावा कभी नहीं दे सकती।केवल बैंक और रेलवे का निजीकरण ही 5 लाख कर्मचारियों को ‘जबरन सेवानिवृत्त’ यानि बेरोजगार कर देगा।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) February 22, 2022
समाप्त होती हर नौकरी के साथ ही समाप्त हो जाती है लाखों परिवारों की उम्मीदें।
सामाजिक स्तर पर आर्थिक असमानता पैदा कर एक ‘लोक कल्याणकारी सरकार’ पूंजीवाद को बढ़ावा कभी नहीं दे सकती।
वरुण गांधी ने लिखा कि - केवल बैंक और रेलवे का निजीकरण ही 5 लाख कर्मचारियों को ‘जबरन सेवानिवृत्त' यानि बेरोजगार कर देगा. समाप्त होती हर नौकरी के साथ ही समाप्त हो जाती है लाखों परिवारों की उम्मीदें. सामाजिक स्तर पर आर्थिक असमानता पैदा कर एक 'लोक कल्याणकारी सरकार' पूंजीवाद को बढ़ावा कभी नहीं दे सकती. तीन दिन पहले भी अपनी ही पार्टी की सरकार पर हमलावर भाजपा सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट कर बैंकों से कर्ज लेकर विदेश भागने वाले नीरव मोदी और विजय माल्या को धनपशु बताया था. साथ ही उन्होंने अपने 'मजबूत सरकार' से एक्शन लेने की उम्मीद जताई थी.
बता दें इससे पहले भी फरवरी महीने में ही बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने कर्ज के बोझ से दबे लोगों की खुदकुशी का मामला उठाया था. उन्होंने गोल्ड लोन की रकम नहीं चुकाने वालों की जूलरी बेचने फैसले का विरोध किया था. वह युवाओं के रोजगार, किसान आंदोलन के समर्थन में, महिला सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर, UP में 27 परीक्षाएं कैंसिल होने जैसे मसलों पर गंभीर सवाल उठाते रहे हैं. पिछले दिनों उन्होंने लखीमपुर खीरी केस में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग कर पार्टी को दुविधा में डाल दिया था.
वरुण गांधी और मेनका गांधी यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान अपने निर्वाचन क्षेत्रों में सक्रियता कम कर दी है. वे बीजेपी के लिए प्रचार करते भी नजर नहीं आए. उत्तर प्रदेश में 23 फरवरी को होने वाले चौथे चरण के विधानसभा चुनावों में पीलीभीत क्षेत्र में अपने सांसद वरुण गांधी की गैरहाजिरी के कारण बीजेपी को असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है.
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