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अंकिता हत्याकांड पर बोले निशिकांत, सुरक्षा मांगती रही बेटी, मुख्यमंत्री मंत्री और विधायकों को खिलाते रहे मटन भात

अंकिता हत्याकांड को लेकर दुमका, रांची से लेकर दिल्ली तक घमासान मचा है. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि बेटी सुरक्षा मांगती रही और मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों को मटन भात खिलाते रहे और उसकी मौत हो गई.

BJP MP Nishikant Dubey reaction on Ankita murder case
BJP MP Nishikant Dubey reaction on Ankita murder case
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Published : Aug 29, 2022, 9:19 PM IST

नई दिल्ली: झारखंड में सियासी अस्थिरता के बीच एक ऐसी घटना जो मानवता को शर्मशार करती है, एक नाबालिग लड़की को झारखंड के दुमका में जिंदा जला देने की घटना ने राज्य की जनता और सियासत दोनों को झकझोर कर रख दिया है. एक तरफ झारखंड के मुख्यमंत्री अपने विधायकों के साथ पिकनिक प्रवास कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इस घटना में सरकारी तंत्र की ऐसी लापरवाही हुई जिसकी वजह से अंकिता को समुचित इलाज भी नहीं मिल पाया और उसने दम तोड दिया.

ये भी पढ़ें- अंकिता मर्डर केस, फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी सुनवाई, 10 लाख मुआवजे का ऐलान

इस घटना पर बीजेपी ने मुख्यमंत्री से सवाल किया है और साथ ही अंकिता को न्याय देने की मांग की है. इस मुद्दे पर बात करते हुए बीजेपी सांसद और झारखंड बीजेपी के वरिष्ठ नेता निशिकांत दुबे ने कहा की इस मुद्दे पर बीजेपी कोई राजनीति नहीं सिर्फ अंकिता के लिए न्याय मांग रही है और राज्य के मुख्यमंत्री को इसपर जवाब देना चाहिए.

सांसद निशिकांत दुबे के साथ संवाददाता अनामिका रत्ना

उन्होंने कहा की अभी भी अपराधियों को बचाने की कोशिश हो रही है. सुरक्षा मांगती रही बेटी मगर उसे सुरक्षा नहीं दी गई. इलाज मांगती रही बेटी, प्रशासन ने इलाज नहीं कराया. मुख्यमंत्री अपने विधायकों को कोलकाता से लाकर बस में बिठाकर पिकनिक मनाते रहे, मटन भात खिलाते रहे और एक बेटी की जान चली गई. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की मां जब बीमार पड़ती हैं, तब आप एयर एंबुलेंस से हैदराबाद ले जाते हैं, और खुद मुख्यमंत्री चार्टर्ड प्लेन से कई बार हैदराबाद पहुंचते हैं, लेकिन इस बेटी के लिए आखिर चार्टर्ड प्लेन की व्यवस्था क्यों नहीं की गई, उसे बचाने की कोशिश क्यों नहीं हुई. इलाज के अभाव में उसने दम तोड दिया और अब उनके परिवार को 10 लाख देकर मुंह बंद करने की कोशिश की जा रही है. ना थाना प्रभारी, ना एसी, ना एसडीएम बदले गए. पूरा का पूरा थाना वही है, जबकि ये घटना दुमका में हुई जहां से मुख्यमंत्री खुद हैं.

बीजेपी सांसद ने कहा की कांग्रेस क्यों चुप है उनकी सरकार भी गठबंधन में है, और प्रियंका गांधी खुद कहती हैं कि लड़की हूं लड़ सकती हूं. उनके मंत्री उनके राज्य प्रभारी सभी वहां बैठे हैं, मगर कोई देखने तक नहीं गया, ना ही बेटी की किसी ने सुध ली. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि इससे ज्यादा भयावह और क्या होगा कि जिस जनता ने मुख्यमंत्री को चुना हैं, दुमका की बहु बेटियां ही सुरक्षित नहीं तो बाकी झारखंड की बेटियां कैसे सुरक्षित रहेंगी.

इस सवाल पर की क्या स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए? बीजेपी सांसद ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को क्यों इस मामले में मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए. मगर वो इस समय राजनीति नहीं करना चाहते, वो चाहते हैं कि वहां के पूरे थाने को बदला जाए और महिला एसपी की नियुक्ति की जाए. बीजेपी ने कहा कि लोगों के आक्रोश को दबाने के लिए दुमका में 144 धारा लगाई जा रही है. मगर मैं कहना चाहता हूं कि श्रीलंका में जैसे हुआ, लोग वंशवाद को नकारने के लिए राष्ट्रपति भवन तक पहुंच गए, अगर झारखंड में भी ऐसा हो तो आश्चर्य की बात नहीं. उन्होंने कहा कि ना मुख्यमंत्री ना ही राज्य प्रभारी दुमका गए और ना ही सोनिया जी ने कुछ बयान दिया. ये तुष्टिकरण की पराकाष्ठा नहीं तो और क्या है?

नई दिल्ली: झारखंड में सियासी अस्थिरता के बीच एक ऐसी घटना जो मानवता को शर्मशार करती है, एक नाबालिग लड़की को झारखंड के दुमका में जिंदा जला देने की घटना ने राज्य की जनता और सियासत दोनों को झकझोर कर रख दिया है. एक तरफ झारखंड के मुख्यमंत्री अपने विधायकों के साथ पिकनिक प्रवास कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इस घटना में सरकारी तंत्र की ऐसी लापरवाही हुई जिसकी वजह से अंकिता को समुचित इलाज भी नहीं मिल पाया और उसने दम तोड दिया.

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इस घटना पर बीजेपी ने मुख्यमंत्री से सवाल किया है और साथ ही अंकिता को न्याय देने की मांग की है. इस मुद्दे पर बात करते हुए बीजेपी सांसद और झारखंड बीजेपी के वरिष्ठ नेता निशिकांत दुबे ने कहा की इस मुद्दे पर बीजेपी कोई राजनीति नहीं सिर्फ अंकिता के लिए न्याय मांग रही है और राज्य के मुख्यमंत्री को इसपर जवाब देना चाहिए.

सांसद निशिकांत दुबे के साथ संवाददाता अनामिका रत्ना

उन्होंने कहा की अभी भी अपराधियों को बचाने की कोशिश हो रही है. सुरक्षा मांगती रही बेटी मगर उसे सुरक्षा नहीं दी गई. इलाज मांगती रही बेटी, प्रशासन ने इलाज नहीं कराया. मुख्यमंत्री अपने विधायकों को कोलकाता से लाकर बस में बिठाकर पिकनिक मनाते रहे, मटन भात खिलाते रहे और एक बेटी की जान चली गई. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की मां जब बीमार पड़ती हैं, तब आप एयर एंबुलेंस से हैदराबाद ले जाते हैं, और खुद मुख्यमंत्री चार्टर्ड प्लेन से कई बार हैदराबाद पहुंचते हैं, लेकिन इस बेटी के लिए आखिर चार्टर्ड प्लेन की व्यवस्था क्यों नहीं की गई, उसे बचाने की कोशिश क्यों नहीं हुई. इलाज के अभाव में उसने दम तोड दिया और अब उनके परिवार को 10 लाख देकर मुंह बंद करने की कोशिश की जा रही है. ना थाना प्रभारी, ना एसी, ना एसडीएम बदले गए. पूरा का पूरा थाना वही है, जबकि ये घटना दुमका में हुई जहां से मुख्यमंत्री खुद हैं.

बीजेपी सांसद ने कहा की कांग्रेस क्यों चुप है उनकी सरकार भी गठबंधन में है, और प्रियंका गांधी खुद कहती हैं कि लड़की हूं लड़ सकती हूं. उनके मंत्री उनके राज्य प्रभारी सभी वहां बैठे हैं, मगर कोई देखने तक नहीं गया, ना ही बेटी की किसी ने सुध ली. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि इससे ज्यादा भयावह और क्या होगा कि जिस जनता ने मुख्यमंत्री को चुना हैं, दुमका की बहु बेटियां ही सुरक्षित नहीं तो बाकी झारखंड की बेटियां कैसे सुरक्षित रहेंगी.

इस सवाल पर की क्या स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए? बीजेपी सांसद ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को क्यों इस मामले में मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए. मगर वो इस समय राजनीति नहीं करना चाहते, वो चाहते हैं कि वहां के पूरे थाने को बदला जाए और महिला एसपी की नियुक्ति की जाए. बीजेपी ने कहा कि लोगों के आक्रोश को दबाने के लिए दुमका में 144 धारा लगाई जा रही है. मगर मैं कहना चाहता हूं कि श्रीलंका में जैसे हुआ, लोग वंशवाद को नकारने के लिए राष्ट्रपति भवन तक पहुंच गए, अगर झारखंड में भी ऐसा हो तो आश्चर्य की बात नहीं. उन्होंने कहा कि ना मुख्यमंत्री ना ही राज्य प्रभारी दुमका गए और ना ही सोनिया जी ने कुछ बयान दिया. ये तुष्टिकरण की पराकाष्ठा नहीं तो और क्या है?

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