नई दिल्ली : बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत ने फर्रुखाबाद का नाम बदलकर पांचाल नगर करने की मांग की है. उन्होंने इस संबंध में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है. जिले के इतिहास पर विस्तार से बताते हुए भाजपा सांसद मुकेश राजपूत ने लिखा है कि फर्रुखाबाद का संबंध महाभारत काल से है.
उन्होंने कहा कि गंगा और रामगंगा और काली नदी के करीब स्थित फर्रुखाबाद का इतिहास पुराणों के समय से ही काफी समृद्ध है. राजा द्रुपद की राजधानी यहां हुआ करती थी और इसे पांचाल क्षेत्र के नाम से जाना जाता था. द्रौपदी का 'स्वयंवर' भी वहां हुआ था. पांडवों ने 'अज्ञातवास' के दौरान एक मंदिर बनाया था, जो अभी भी वहां मौजूद है. इसलिए इसका नाम बदलकर पांचाल नगर कर दिया जाना चाहिए. उन्होंने ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर दलील दी है कि 1714 में मुगल शासन के दौरान फर्रुखसियर ने इसका नाम फर्रुखाबाद रखा था. उनका कहना है कि फर्रुखाबाद का नाम हमारी विरासत के अनुसार हो ताकि लोगों को अच्छा लगे. उन्होंने सीएम से अनुरोध किया है कि इसका नाम बदलकर पांचाल नगर या अपराकाशी कर दिया जाए. भाजपा सांसद ने कहा कि काशी की तरह यहां की हर गली में 'शिवालय' मौजूद हैं, इसलिए इस फर्रुखाबाद को 'अपराकाशी' भी कहा जाता है.
गौरतलब है कि फर्रुखाबाद को फतेहगढ़ के नाम से भी जाना जाता है और यहां स्थित कंपिल को द्रौपदी का जन्मस्थान माना जाता है. द्रौपदी को पांचाली भी कहा जाता था. फतेहगढ़ से उत्तर-पश्चिम दिशा में 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह स्थान ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. महाभारत में कहा गया है कि राजा द्रुपद ने द्रौपदी का स्वयंवर यहीं आयोजित किया था. कंपिल पांचाल देश की राजधानी भी था. यह स्थान हिंदू और जैन, दोनों ही धर्मों के लिए पवित्र है. जैन धर्मग्रंथों के अनुसार, प्रथम तीर्थंकर श्री ॠषभदेव ने इस नगर को बसाया और उन्होंने अपना पहला उपदेश भी यहीं दिया था. जैन धर्म के तेरहवें तीर्थंकर बिमलदेव ने यहीं अपना पूरा जीवन बिताया था.
बता दें कि योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल के दौरान यूपी में कई जिलों के नाम बदले गए थे. इसके अलावा रेलवे स्टेशनों का नाम भी बदला गया था. इसकी शुरुआत मुगलसराय स्टेशन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर करने से हुई थी. इसके बाद इलाहाबाद को प्रयागराज और फैजाबाद को अयोध्या का नाम दिया गया था. फैजाबाद रेलवे स्टेशन का नाम भी अयोध्या कैंट कर दिया गया था. दिसंबर 2021 में, उत्तर प्रदेश सरकार ने झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन कर दिया.
(इनपुट भाषा)
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