ETV Bharat / bharat

यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध करने वाले महिलाओं को गुलाम बनाने की सोच रखते हैं : भाजपा सांसद - हरनाथ सिंह से खास बातचीत

भाजपा के दो सांसदों ने शुक्रवार को समान नागरिक संहिता (uniform civil code) का मुद्दा संसद में उठाया, जिस पर विपक्षी पार्टियों ने काफी हंगामा भी किया. इन दो सांसदों में से एक भाजपा सांसद हरनाथ सिंह ने शून्य काल में इस मुद्दे पर नोटिस दिया था. इस मुद्दे पर उन्होंने ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना से बात की. जानिए उन्होंने क्या कहा (BJP MP Harnath Singh on uniform civil code) .

Harnath Singh
हरनाथ सिंह
author img

By

Published : Dec 10, 2022, 4:41 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के 2014 से चले आ रहे तमाम मुद्दे पूरे हो चुके हैं. अब पार्टी की नज़र 2023 में कई राज्यों के चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव पर है. ऐसे में समान नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण कानून ऐसे मुद्दे हैं जिन पर पार्टी का फोकस बढ़ा है. हालांकि बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह (BJP MP Harnath Singh) का कहना है कि 'समान नागरिक संहिता जनसंघ के समय से हमारा मुद्दा रहा है. ये हमारा कोई चुनावी एजेंडा नहीं. धर्म, लिंग संप्रदाय और भाषा के आधार पर किसी भी संप्रदाय की महिलाओं से भेद-भाव नहीं किया जाना चाहिए, ये हमारा मुद्दा पहले से ही रहा है, लेकिन कुछ लोगों ने इसे धर्म से जोड़ दिया है.'

हरनाथ सिंह से खास बातचीत

हरनाथ सिंह ने कहा कि 'ये भी कहना होगा कि इसका जनसंख्या नियंत्रण कानून से भी कोई लेना देना नही है. हम चाहते हैं की बहू-बेटियों को सम्मान से जीने का अधिकार जैसे हिंदू धर्म में है, वैसे ही सभी धर्मों के लोगों की महिलाओं को ये फायदा मिले. इसमें गुजारा भत्ता, पालन पोषण और नि:संतान दंपति को बच्चे एडॉप्ट करने जैसे अधिकार की बात की गई है, इसमें गलत क्या है?'

हरनाथ सिंह ने कहा कि कुछ पार्टियां और मौलाना कुतर्क कर रहे हैं. वे अपने संप्रदाय की महिलाओं को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते है. उन्होंने कहा कि 'भाजपा संविधान के अनुरूप समान अधिकार सभी महिलाओं को देना चाहती है, मगर शुक्रवार को जिस तरह कई पार्टियों ने विरोध किया वह आश्चर्यजनक और हास्यास्पद है, वे मौलानाओं जैसी बात कर रहे थे.'

हरनाथ सिंह का कहना था कि बीजेपी वोट बैंक की राजनीति नही कर रही. उनका कहना है कि 'हम सभी धर्मों की महिलाओं को सशक्त करने की बात कर रहे, यदि कोई नि:संतान व्यक्ति बच्चे को गोद लेने की बात करता है या महिला गुजारा भत्ता की मांग करती है, तो इसमें धर्म कहां से आता है. जो विरोध करते हैं वो महिलाओं को गुलाम बनाने की सोच रखते हैं.'

ये पूछने पर कि कई राज्य समान नागरिक संहिता पर आगे बढ़ चुके हैं और कई ने इस पर समितियां भी बना दी हैं, मगर भाजपा उसे राष्ट्रीय कानून बनाने की बात क्यों नहीं कर रही? सांसद हरनाथ सिंह ने कहा कि इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाना होगा और कानून बनाने की जरूरत है.

2024 के एजेंडे पर बोलते हुए हरनाथ सिंह ने कहा कि 'हम इसे कोई एजेंडा नही मानते, बीजेपी सबको समृद्ध बनाने की बात करती है और देश की सार्वभौमिकता सुरक्षित रहे ये बातें करती है.'

इस सवाल पर कि क्या कृष्ण जन्मभूमि का मुद्दा भी 2024 में बड़ा मुद्दा होगा? उन्होंने कहा कि पहले ये तो स्पष्ट होना चाहिए कि भगवान राम या श्री कृष्ण की जन्मभूमि से जुड़ा मुद्दा हो, विदेशी आक्रांताओं ने इन पर अवैध कब्जा किया. श्री कृष्ण जन्मभूमि का भी मुद्दा ऐसा ही है. जाहिर तौर पर इस पर श्री कृष्ण का मंदिर ही बनना चाहिए.

पढ़ें- Private Member Bill : राज्यसभा में समान नागरिक संहिता पर प्रस्ताव पेश

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के 2014 से चले आ रहे तमाम मुद्दे पूरे हो चुके हैं. अब पार्टी की नज़र 2023 में कई राज्यों के चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव पर है. ऐसे में समान नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण कानून ऐसे मुद्दे हैं जिन पर पार्टी का फोकस बढ़ा है. हालांकि बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह (BJP MP Harnath Singh) का कहना है कि 'समान नागरिक संहिता जनसंघ के समय से हमारा मुद्दा रहा है. ये हमारा कोई चुनावी एजेंडा नहीं. धर्म, लिंग संप्रदाय और भाषा के आधार पर किसी भी संप्रदाय की महिलाओं से भेद-भाव नहीं किया जाना चाहिए, ये हमारा मुद्दा पहले से ही रहा है, लेकिन कुछ लोगों ने इसे धर्म से जोड़ दिया है.'

हरनाथ सिंह से खास बातचीत

हरनाथ सिंह ने कहा कि 'ये भी कहना होगा कि इसका जनसंख्या नियंत्रण कानून से भी कोई लेना देना नही है. हम चाहते हैं की बहू-बेटियों को सम्मान से जीने का अधिकार जैसे हिंदू धर्म में है, वैसे ही सभी धर्मों के लोगों की महिलाओं को ये फायदा मिले. इसमें गुजारा भत्ता, पालन पोषण और नि:संतान दंपति को बच्चे एडॉप्ट करने जैसे अधिकार की बात की गई है, इसमें गलत क्या है?'

हरनाथ सिंह ने कहा कि कुछ पार्टियां और मौलाना कुतर्क कर रहे हैं. वे अपने संप्रदाय की महिलाओं को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते है. उन्होंने कहा कि 'भाजपा संविधान के अनुरूप समान अधिकार सभी महिलाओं को देना चाहती है, मगर शुक्रवार को जिस तरह कई पार्टियों ने विरोध किया वह आश्चर्यजनक और हास्यास्पद है, वे मौलानाओं जैसी बात कर रहे थे.'

हरनाथ सिंह का कहना था कि बीजेपी वोट बैंक की राजनीति नही कर रही. उनका कहना है कि 'हम सभी धर्मों की महिलाओं को सशक्त करने की बात कर रहे, यदि कोई नि:संतान व्यक्ति बच्चे को गोद लेने की बात करता है या महिला गुजारा भत्ता की मांग करती है, तो इसमें धर्म कहां से आता है. जो विरोध करते हैं वो महिलाओं को गुलाम बनाने की सोच रखते हैं.'

ये पूछने पर कि कई राज्य समान नागरिक संहिता पर आगे बढ़ चुके हैं और कई ने इस पर समितियां भी बना दी हैं, मगर भाजपा उसे राष्ट्रीय कानून बनाने की बात क्यों नहीं कर रही? सांसद हरनाथ सिंह ने कहा कि इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाना होगा और कानून बनाने की जरूरत है.

2024 के एजेंडे पर बोलते हुए हरनाथ सिंह ने कहा कि 'हम इसे कोई एजेंडा नही मानते, बीजेपी सबको समृद्ध बनाने की बात करती है और देश की सार्वभौमिकता सुरक्षित रहे ये बातें करती है.'

इस सवाल पर कि क्या कृष्ण जन्मभूमि का मुद्दा भी 2024 में बड़ा मुद्दा होगा? उन्होंने कहा कि पहले ये तो स्पष्ट होना चाहिए कि भगवान राम या श्री कृष्ण की जन्मभूमि से जुड़ा मुद्दा हो, विदेशी आक्रांताओं ने इन पर अवैध कब्जा किया. श्री कृष्ण जन्मभूमि का भी मुद्दा ऐसा ही है. जाहिर तौर पर इस पर श्री कृष्ण का मंदिर ही बनना चाहिए.

पढ़ें- Private Member Bill : राज्यसभा में समान नागरिक संहिता पर प्रस्ताव पेश

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.