नई दिल्ली : मानहानि मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को दो साल जेल की सजा हुई. इसके बाद उनकी संसद सदस्यता समाप्त हो गई. इस आदेश को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था. यह तो स्वाभाविक था. लेकिन भारत उस समय चकित हो गया, जब जर्मनी के विदेश प्रवक्ता ने इस मामले पर टिप्पणी कर डाली. उन्होंने कहा कि हम भारतीय कोर्ट के इस फैसले पर नजर बनाए हुए हैं. भाजपा सांसद ने इसका जवाब दिया है. यह जैसे को तैसा वाला जवाब है.
भाजपा सांसद बैजयंत जय पांडा ने कहा कि जर्मन पुलिस ने जिस तरीके से लटजेरत विलेज में प्रदर्शनकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया, उसे देखकर भारतीय हैरान हैं. उन्होंने आगे लिखा कि खुद प्रदर्शनकारियों ने जर्मन पुलिस द्वारा हिंसा किए जाने का आरोप लगाया है. पांडा ने लिखा कि जर्मनी में जिस तरीके से प्रजातांत्रिक मूल्यों का क्षरण हो रहा है, हम भारतीयों की इस पर नजर बनी हुई है.
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Was dismayed to read about Germany’s police brutality at Lützerath village in January this year.
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Protestors accused the police of ‘pure violence,’ & said they had been beaten ‘unrestrainedly, often on the head.’
Indians are taking note of such decline in democratic norms in…
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यह जवाब एक तरीके से जैसे को तैसा वाला था. जर्मन विदेश प्रवक्ता ने कहा था कि हमने राहुल गांधी मामले का संज्ञान लिया है. उन्होंने आगे कहा कि हमें उम्मीद है कि इस मामले में न्यायिक इंडिपेंडेंस और डेमोक्रेटिक प्रिंसिपल का पालन किया जाएगा. प्रवक्ता ने यह भी लिखा कि हमें यह जानकारी मिली है कि राहुल गांधी इस आदेश को चुनौती देंगे और उसके बाद ही पता चल पाएगा कि यह ऑर्डर कितना सही है और क्या उनके संस्पेंशन का आधार सही था या नहीं. जर्मनी की यह टिप्पणी सीधे तौर पर भारतीयों के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप की तरह था. यहां तक कि वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी जर्मनी की इस टिप्पणी को उचित नहीं ठहराया.
लेकिन जर्मनी के इस ट्वीट पर दिग्विजय सिंह ने अपनी टिप्पणी लिखकर इसे और अधिक विद्रूप जरूर बना दिया. दिग्विजय सिंह ने लिखा था, 'आपका बहुत-बहुत धन्यवाद, आपने राहुल गांधी को परेशान करने वाली खबर का संज्ञान लिया, क्योंकि भारत में लोकतंत्र से समझौता किया जा रहा है.' सोशल मीडिया में भी दिग्विजय सिंह की खूब आलोचना हुई थी. विवाद बढ़ने के बाद कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से बयान जारी कर दिग्विजय सिंह के बयान को निजी बयान बताया. दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट पर कानून मंंत्री किरेन रिजिजू ने भी जवाब दिया था.