नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल (BJP Minister Satya Pal Singh Baghel) की मुसलमानों पर टिप्पणी को दिल्ली के पूर्व एलजी नजीब जंग ने 'दुर्भाग्यपूर्ण' और 'हास्यास्पद' करार दिया है. भाजपा के मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल ने कल कहा था कि 'कुछ ही सहिष्णु मुसलमान हैं और जो सहिष्णु दिखते हैं वे इसे सार्वजनिक जीवन में रहने और राज्यपाल और उपराष्ट्रपति बनने के लिए 'मुखौटा' के रूप में उपयोग करते हैं.'
बघेल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए नजीब जंग ने कहा, 'यह हास्यास्पद बयान है और इस तरह के बयान देश या समाज के हित में नहीं हैं.' ईटीवी भारत से विशेष रूप से बात करते हुए दिल्ली के पूर्व एलजी ने कहा, 'ऐसे बयान संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ हैं, जिन्हें भारत इतना महत्व देता है. और उन्हें अधिक सतर्क रहना चाहिए था और ऐसा कुछ भी कहने से पहले सोचना चाहिए था.'
मदनी ने साधा निशाना : इसी तरह, जमीयत-उलमा-ए-हिंद (मदनी गुट) के अध्यक्ष और राज्यसभा के पूर्व सांसद महमूद मदनी ने बीजेपी पर तंज कसा और कहा, 'इस बयान का सबसे अच्छा जवाब केवल केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Governor Arif Mohammad Khan) ही दे सकते हैं. लोग आरिफ साहब का बहुत सम्मान करते हैं और उन्हें सबसे प्रमुख और सहिष्णु भारतीय मुसलमान के रूप में देखा जाता है. लेकिन इस बयान से ऐसा लगता है कि वे आरिफ साहब के चेहरे से नकाब हटा रहे हैं. यह आरिफ साहब का अपमान है, उन्हें इसका जवाब देना चाहिए.'
'द केरल स्टोरी' पर भी बोले मदनी : 'द केरल स्टोरी' विवाद पर मदनी ने कहा, 'ये लोग अलग-अलग आयोजनों में मुसलमानों को बदनाम करने के लिए व्यवस्थित रूप से अलग-अलग तरीकों की कोशिश कर रहे हैं. जब यहां हिंदू धर्म या हिंदू संस्कृति के खिलाफ कुछ दिखाया जाता है, तो पहले इसे संतुलित किया जाता है और फिर दिखाया जाता है, इसे किसी पर थोपा नहीं जाता है. लेकिन मुसलमानों के मामले में, पूरी फिल्म को मुस्लिम विरोधी बयानबाजी में पेश किया गया है और हम पर थोपा जा रहा है. यहां तक कि पीएम मोदी भी इस फिल्म की सराहना कर रहे हैं. तो आप इस बारे में क्या कह सकते हैं?'
संघ प्रमुख के साथ बैठक पर भी नजीब जंग ने प्रतिक्रिया : गौरतलब है कि दिल्ली के पूर्व एलजी नजीब जंग उन पांच मुस्लिम बुद्धिजीवियों में शामिल हैं, जो आरएसएस के साथ बातचीत कर रहे हैं और पिछले साल बढ़ते मुस्लिम विरोधी मामलों और सांप्रदायिक वैमनस्य की पृष्ठभूमि में आरएसएस सुप्रीमो डॉ. मोहन भागवत से मिले थे. इन बैठकों की स्थिति और क्या इन वार्ताओं से कोई परिणाम निकला, इस पर टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर नजीब जंग ने जवाब दिया, 'आप एक दो बैठकों में बड़े विकास की उम्मीद नहीं कर सकते. इसमें समय लगेगा, इसलिए हमारी पांच या सात बैठकें हों. यह तो समय ही बताएगा इन मुलाकातों से क्या निकलकर आता है, यह भी देखने की जरूरत है. भागवत के बयानों और अन्य वरिष्ठ लोगों से स्पष्ट है कि देश को सद्भाव की जरूरत है. और जब लोग ऐसा बयान देते हैं तो इससे माहौल ही खराब होता है.'
यह पूछे जाने पर कि क्या हम ऐसी और बैठकों की उम्मीद कर सकते हैं और क्या पर्दे के पीछे अभी भी कुछ बातचीत चल रही है? जंग ने जवाब दिया, 'आप और बैठकों की उम्मीद कर सकते हैं, इसमें क्या बुराई है? और मैं यह साझा नहीं करने जा रहा हूं कि पर्दे के पीछे क्या हो रहा है, लेकिन आप मुझसे यह मान सकते हैं कि ये बैठकें जारी रहेंगी, और हम साम्प्रदायिक सद्भाव के आगे के रास्ते को चाक-चौबंद करने की पूरी कोशिश करेंगे.'
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'द केरल स्टोरी' की राज्य में स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके बाद भाजपा और गैर-भाजपा शासित राज्यों के बीच ये फिल्म विवाद का एक नया कारण बन गई है. उत्तर प्रदेश ने इसे टैक्स फ्री कर दिया है.
जंग ने कहा कि 'ये ऐसे तत्व हैं जो समाज को अशांत करना चाहते हैं. चाहे वह 'द कश्मीर फाइल्स' हो, या अब 'द केरल स्टोरी', या कल 'द डेल्ही फाइल्स', या 'द यूपी फाइल्स', बस इतना है कि आप कलह पैदा करने के लिए मुट्ठी भर लोगों को चुनते हैं. लेकिन देश के लोग समझदार हैं.'
उन्होंने कहा कि 'हम एक धर्मनिरपेक्ष माहौल में 75 साल जीवित रहे हैं, और कोई भी इसे हमसे नहीं छीन सकता है. और यह धर्मनिरपेक्ष माहौल कई साल पीछे चला जाता है, कई राजा और राजनीतिक दल सांप्रदायिक होने के बावजूद, लेकिन भारत धर्मनिरपेक्ष बना हुआ है.'
जंग ने कहा कि 'भारत में 80% हिन्दू हैं. अगर लोग इन लोगों का अनुसरण करते या ऐसी बातें सुनते तो क्या भारत पाकिस्तान या अफगानिस्तान जैसा नहीं हो जाता? लेकिन हम ऐसे नहीं हैं.'