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भाजपा नेता राजीव बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष से मुलाकात की

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने वाले राज्य के पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी ने अपनी पुरानी पार्टी में वापसी की अटकलों के बीच शनिवार को तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष से मुलाकात की.

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Published : Jun 12, 2021, 11:01 PM IST

कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होकर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने वाले राज्य के पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी ने अपनी पुरानी पार्टी में वापसी की अटकलों के बीच शनिवार को तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष से मुलाकात की. पार्टी सूत्रों ने बताया कि बनर्जी शहर के उत्तरी क्षेत्र में स्थित घोष के आवास पर गए, जहां दोनों के बीच लंबी चर्चा हुई.

यह घटनाक्रम भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में तृणमूल कांग्रेस में फिर से शामिल होने के एक दिन बाद सामने आया है.

घोष ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि यह शिष्टाचार के नाते मुलाकात थी. राजीव बनर्जी ने हाल में सोशल मीडिया पोस्ट में अपने नये दल को चेतावनी दी थी कि लोग भारी जनादेश से चुनी गयी सरकार के खिलाफ राष्ट्रपति शासन की धमकी को पसंद नहीं करेंगे.

जनवरी में तृणमूल कांग्रेस छोड़ने के बाद बनर्जी ने दावा किया था कि वह ऐसा करने के लिए बाध्य हुए क्योंकि तृणमूल नेताओं के एक वर्ग ने 'उनके कामकाज के तौर तरीके को लेकर अपनी शिकायतें सामने रखने पर उन्हें अपमानित किया.'

राजीव बनर्जी 2011 और 2016 में तृणमूल कांग्रेस की सरकार में मंत्री रहे थे.

कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होकर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने वाले राज्य के पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी ने अपनी पुरानी पार्टी में वापसी की अटकलों के बीच शनिवार को तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष से मुलाकात की. पार्टी सूत्रों ने बताया कि बनर्जी शहर के उत्तरी क्षेत्र में स्थित घोष के आवास पर गए, जहां दोनों के बीच लंबी चर्चा हुई.

यह घटनाक्रम भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में तृणमूल कांग्रेस में फिर से शामिल होने के एक दिन बाद सामने आया है.

घोष ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि यह शिष्टाचार के नाते मुलाकात थी. राजीव बनर्जी ने हाल में सोशल मीडिया पोस्ट में अपने नये दल को चेतावनी दी थी कि लोग भारी जनादेश से चुनी गयी सरकार के खिलाफ राष्ट्रपति शासन की धमकी को पसंद नहीं करेंगे.

जनवरी में तृणमूल कांग्रेस छोड़ने के बाद बनर्जी ने दावा किया था कि वह ऐसा करने के लिए बाध्य हुए क्योंकि तृणमूल नेताओं के एक वर्ग ने 'उनके कामकाज के तौर तरीके को लेकर अपनी शिकायतें सामने रखने पर उन्हें अपमानित किया.'

राजीव बनर्जी 2011 और 2016 में तृणमूल कांग्रेस की सरकार में मंत्री रहे थे.

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