जयपुर. भाजपा नेता व हिंदू इकोसिस्टम के संस्थापक अध्यक्ष कपिल मिश्रा रविवार को जयपुर के दौरे पर रहे, जहां उन्होंने देश की मौजूदा हालात पर बेबाक अंदाज में अपनी बातें रखी. उन्होंने कहा कि आज देश में जो हालात हैं, उससे लगता है कि आने वाले समय में रामनवमी पर तीन दिन की छुट्टी करनी पड़ेगी. एक दिन उत्सव मनाने के लिए और दो दिन मरहम-पट्टी और उपचार के लिए. रविवार को जयपुर में नवोन्मेष फाउंडेशन की ओर से आयोजित 'नवोन्मेष' कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान भाजपा नेता रामनवमी की शोभायात्राओं पर बढ़ती पथराव की घटनाओं को लेकर ये बातें कहीं.
उन्होंने कहा कि आज यह कहा जा रहा है कि मुस्लिम इलाकों से रामनवमी की शोभायात्राएं निकलेंगी तो पथराव तो होगा. आजादी से पहले 1920 में मोहम्मद अली जिन्ना ने भी कराची में यही बात कही थी. उसके बाद वहां अलग देश बनाने की मांग उठी. कपिल मिश्रा ने कहा कि आजादी के बाद हमसे कई झूठ बोले गए और किताबों के जरिए गलत जानकारियां दी गई, जो खोज हमारी ज्ञान परंपरा ने की, उनका श्रेय विदेशियों को दे दिया गया. आमतौर पर हमें बताया जाता है कि अंग्रेजों के आने के बाद हमारे यहां पढ़ाई का मॉडल आया, जबकि भारत ने अंग्रेजों से शिक्षा का मॉडल नहीं लिया, बल्कि अंग्रेजों ने यहां से शिक्षा का मॉडल लिया था.
अंग्रेजों ने अपने सर्वे में बताया कि यहां गांव-गांव में गुरुकुल की व्यवस्था थी और सभी जातियों के लोगों को पढ़ने का अधिकार था. 18वीं सदी के बाद ये व्यवस्था अंग्रेज भारत से अपने यहां ले गए और इसके बाद वहां साक्षरता की दर बढ़ी. मिश्रा ने कहा कि हमसे आज भी ये झूठ बोला जाता है कि हम जातियों में बंटे हैं और कभी एक नहीं हो सकते हैं. हमारे समाज में जातीय भेदभाव की बातें अंग्रेजों ने गढ़ी हैं. जबकि हालात ये हैं कि इस्लामिक और ईसाई देश भी आपस में लड़ रहे हैं.
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भारत कभी गुलाम ही नहीं था - कपिल मिश्रा ने कहा कि हमें यह पढ़ाया जाता है कि हमारा देश हजारों साल तक गुलाम रहा, जबकि हकीकत ये है कि भारत एक दिन भी किसी का गुलाम नहीं रहा. हमें मुगलों का झूठा इतिहास पढ़ाया जा रहा है. जब मुगल भारत में थे तो उनसे बड़े कई साम्राज्य भारत में थे. जिन्होंने कभी उनकी अधीनता स्वीकार नहीं की. अंग्रेजों का भी साम्राज्य नहीं रहा. देश के आधे से ज्यादा राज्यों से उनकी संधि नहीं रही. आजादी के समय सभी रियासतों से अलग-अलग संधि की गई. इसका मतलब यही है कि तब भी रियासतों का स्वतंत्र अस्तित्व था.
कांग्रेस पर कपिल का प्रहार - उन्होंने कहा कि आज हमसे पूछा जाता है कि आजादी की लड़ाई में किसका कितना योगदान था. कहा जाता है कि कांग्रेस ने देश को आजादी दिलवाने के लिए लड़ाई लड़ी. जबकि कांग्रेस तो बनी ही इसलिए थी, ताकि अंग्रेजों के जाने के बाद सत्ता देशभक्तों के हाथ में जाने से रोका जा सके. कपिल मिश्रा ने आरोप लगाए कि कांग्रेस ने हमेशा आजादी मिलने की राह में रोड़े अटकाए. वास्तव में आजादी सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों के बलिदान के कारण मिली. उन्होंने आगे कहा कि पहले झूठ बोला गया कि हिंदू-मुसलमान साथ नहीं रह सकते, लेकिन जैसे ही देश के दो टुकड़े हुए तो कहा गया कि हिंदू-मुसलमान साथ रह सकते हैं.
सियासी दुकान चलाने के लिए किया गांधी सरनेम का इस्तेमाल - कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 'गांधी हूं, सावरकर नहीं' वाले बयान पर तंज कसते हुए कपिल मिश्रा ने कहा कि आप सावरकर हो ही नहीं सकते हैं, क्योंकि उसके लिए पहली शर्त राष्ट्रवादी होने की है. लेकिन यह भी सच है कि आप गांधी भी नहीं हैं. गांधी सरनेम का बोर्ड आपने अपनी सियासी दुकान चलाने के लिए लगाया है. उन्होंने कहा कि विपक्षी देश को बर्बाद करना चाहते हैं, लेकिन मोदी दीवार बनकर खड़े हैं.
जब रामलला टैंट में थे तो वो बंगलों में रहे, आज बंगले खाली हो रहे हैं - उन्होंने कांग्रेस व राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि आज रामलला का भव्य मंदिर बन रहा है. उनके अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों के बंगले खाली हो रहे हैं. जब रामलला टैंट में थे तब वे लोग बड़े-बड़े बंगलों में रह रहे थे. कभी सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर राम और रामसेतु के अस्तित्व को ही नकार रहे थे, लेकिन आज भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है. उनके अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों के बंगले खाली हो रहे हैं.