मुंबई : भाजपा ने धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल से संबंधित निर्देशों पर चर्चा करने के लिए सोमवार को महाराष्ट्र के गृह विभाग द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया और पूछा कि क्या राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल के पास इस पर कोई निर्णय लेने का अधिकार है. उन्होंने सवाल किया कि हनुमान चालीसा महाराष्ट्र में नहीं बोली जाएगी, तो क्या पाकिस्तान में होगी. आखिर क्यों उन्हें हनुमान चालीसा से नफरत है.
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने पत्रकारों से कहा कि इस मुद्दे पर उनकी पार्टी का रुख बहुत स्पष्ट है कि इस मामले में अदालतों द्वारा दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, 'पहले, हम पूरे नवरात्र में जागते थे, गरबा खेलते थे, भजन बजाते थे. गणेश चतुर्थी पर मध्यरात्रि तक कार्यक्रम होते थे. उच्चतम न्यायालय ने जैसे ही रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगाई, हमने उसका सख्ती से पालन किया. हम केवल 15 दिन इसका उपयोग करते हैं, जिसके लिए छूट प्राप्त है.'
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन किया जाना चाहिए. सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होने के कारण पर फडणवीस ने शनिवार को शिवसेना कार्यकर्ताओं और राज्य के निर्दलीय विधायक रवि राणा तथा उनकी सांसद पत्नी नवनीत राणा के बीच हुई झड़प का जिक्र किया. राणा दंपति ने इससे पहले उपनगरीय बांद्रा में स्थित मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का आह्वान किया था.
इस पर शिवसैनिकों द्वारा राणा के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने आरोप लगाया था कि शनिवार को जब वह खार थाने पहुंचे जहां राणा दंपति को ले जाया गया था, तो उन पर शिवसेना के लोगों ने हमला किया और उनकी कार में तोड़फोड़ की गई. बाद में, राणा दंपति को गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया. फडणवीस ने दावा किया कि मुंबई में जो कुछ भी हो रहा है वह मुख्यमंत्री के इशारे पर हो रहा है.
भाजपा नेता ने पूछा कि अगर (सर्वदलीय) बैठक में कोई मुख्यमंत्री मौजूद नहीं है तो गृह मंत्री क्या करेंगे? भाजपा नेता ने कहा कि यदि आप हिटलर के तरीकों का उपयोग करना चाहते हैं, तो हम संवाद पर संघर्ष को प्राथमिकता देंगे. यह हमारी मानसिकता बन गई है, इसलिए हमने बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है. अगर हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं पर लोगों के सामने हमला किया जा रहा है, और फिर भी हमें प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, तो ऐसी बैठकों में शामिल होने का क्या फायदा है. इस बीच, सर्वदलीय बैठक के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि राज्य सरकार के पास लाउडस्पीकर लगाने या हटाने का कोई प्रावधान नहीं है.