नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बार फिर से घमासान शुरू हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं ने मंगलवार को ममता बनर्जी के खिलाफ सचिवालय नबान्न की ओर मार्च किया था. इस दौरान राज्य की पुलिस ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसाई और आंसू गैस के गोले छोड़े. पार्टी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि इन नेताओं और महिला कार्यकर्ताओं के साथ बदसलूकी की गई है. भाजपा ने दो दिन बाद इस पर दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस कर पश्चिम बंगाल को अलोकतांत्रिक सरकार (BJP targets TMC) बताया. साथ ही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद अभिषेक बनर्जी के उस बयान का भाजपा ने कड़ा विरोध जताया है, जिसमें उन्होंने कहा कि यदि वह प्रदर्शनस्थल पर होते तो प्रदर्शनकारियों पर गोली चला देते.
इस मुद्दे पर ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना ने पश्चिम बंगाल के नेता और भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य अनिर्बान गांगुली और सांसद सौमित्र खान से विशेष बातचीत की. इस दौरान तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी के उस बयान का उल्लेख करते हुए कि जहां पुलिस के वाहन को आग लगाई गई, वह यदि वहां पर मौजूद होते तो हमलावर के सर पर गोली चला देते, गांगुली ने कहा, 'यह अभिषेक की मानसिकता को दर्शाता है, जिनके पास पश्चिम बंगाल में संविधानेत्तर प्राधिकार है.'
उन्होंने कहा, 'हमने ऐसी बातें कभी किसी निर्वाचित सांसद से नहीं सुनी. यह उनकी और उनकी बुआ (ममता बनर्जी) की मानसिकता दर्शाता है. उनकी मानसिकता फासीवादी और तानाशाही है और उन्हें संविधान में कोई भरोसा नहीं है. वे एक लोकतांत्रिक विपक्ष को बर्दाश्त नहीं कर सकते.' उन्होंने कहा, 'कोलकाता में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ हिंसा की गई. किस नियम के तहत कोलकाता पुलिस को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों पर पत्थर फेंकने के लिए अधिकृत किया गया. भाजपा के शांतिपूर्ण मार्च को ममता बनर्जी दबाना चाहती हैं, इसलिए पार्टी के नेताओं को लहूलुहान कर दिया गया.'
भाजपा नेता सुवेंदू अधिकारी को मिले सीआईडी की नोटिस पर अनिर्बान गांगुली ने कहा कि ये राज्य के अंदर आता है. सुवेंदू अधिकारी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने लगे थे. उनकी आवाज को दबाने के लिए ईडी की रेड करवायी गई, लेकिन ईडी की रेड में करोड़ों रुपये जब्त किये गए. साथ ही भाजपा ने डायमंड हार्बर में टीएमसी के नेताओं के पास मिले पैसे भी सीधे-सीधे तृणमूल कांग्रेस के बड़े नेताओं से संबंधित होने का भी दावा किया.
इसी मुद्दे पर बंगाल से सांसद सौमित्र खान ने तृणमूल कांग्रेस को माफिया पार्टी करार दिया और कहा कि वह कई घोटालों में संलिप्त है. उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस ने हिंसा भड़काने के लिए अपने कार्यकर्ताओं का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि टीएमसी चाहे कितनी भी दमनकारी नीति चलाए, लेकिन भाजपा डरनेवाली नहीं है और राज्य सरकार के अन्याय के खिलाफ आवाज उठाती रहेगी.