ETV Bharat / bharat

रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर घिर गई भाजपा

रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर एकबार फिर राजनीति गरम है, इसबार इस बवाल की शुरुआत बीजेपी के केंद्रीय मंत्री की तरफ से हुई है. इसपर पार्टी को बार बार सफाई देनी पड़ रही है. पढ़िए ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट

bjp trapped on rohingya refugees
रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर बीजेपी फंसी
author img

By

Published : Aug 18, 2022, 7:56 PM IST

नई दिल्ली : रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर पहले भी राजनीति होती रही है मगर अभी तक उन्हें देश से निकालने पर बहस होती थी, पहली बार इस बहस की शुरुआत उन्हें देश में बसाने को लेकर हुई है. भले ही एक केंद्रीय मंत्री के ट्वीट से ये बवाल शुरू हुआ है मगर वो केंद्रीय मंत्री देश के प्रमुख मंत्रालय में काबिज हैं और बकायदा उन्होंने ट्वीट कर ये ऐलान कर दिया था की रोहिंग्याओं को दिल्ली के द्वारका में बने ईडब्ल्यूएस के फ्लैट्स में जगह दी जाएगी. इसके बाद ये मामला तूल पकड़ता गया और विरोधी पार्टियों ने केंद्र सरकार और सत्ताधारी पार्टी को जवाब देने पर मजबूर कर दिया.

हैरानी की बात ये है की केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने ये ट्वीट तब किया जब वो खुद निजी अवकाश पर विदेश में हैं,और बकायदा सरकार से अवकाश स्वीकृत करवाकर गए हैं. हालांकि बाद में ट्वीट कर उन्होंने सफाई दी लेकिन तबतक तीर कमान से निकल चुका था. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने आनन-फानन में बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर सफाई देने के बजाय अरविंद केजरीवाल की उस बैठक का जिक्र किया जिसमे उन्होंने रोहिंग्याओं की कॉलोनी जल्द से जल्द तैयार करने के निर्देश दिए थे. मगर अपने ही केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के ट्वीट जिसपर ये पूरा मामला ही शुरू हुआ,उसपर से पल्ला झाड़ लिया.

बात यहीं खत्म नहीं हुई, विदेश मंत्रालय तक को बुधवार को एक बयान के माध्यम से सफाई देनी पड़ी की रोहिंग्या देश के नागरिक नहीं हैं बल्कि उन्हें देश से भेजे जाने की तैयारी पर बातचीत चल रही है. इस मामले पर गृह मंत्रालय ने भी ट्वीट कर सफाई पेश की और रही सही कसर तो तब पूरी हो गई जब संघ की तरफ से हरदीप पुरी की कड़ी आलोचना करते हुए हिंदू शरणार्थियों के लिए उठाए जाने वाले कदम पर सरकार से सवाल किया गया. पिछले दो दिन से ये मुद्दा विपक्षी पार्टियों के हाथ लगा हुआ है और वो सरकार से रोहिंग्या पर नीति स्पष्ट करने की मांग कर रहे हैं.

वहीं गुरुवार को इस मुद्दे पर सूचना और प्रसारण मंत्री को भी आगे आकर सरकार की तरफ से सफाई देनी पड़ी,जिसमें उन्होंने कहा कि रोहिंग्या जो यहां रहे रहें हैं वो अवैध तरीके से रह रहे हैं,उन्हें वापस भेजने के लिए सरकार उनके देश से बातचीत कर रही है. उन्होंने ये भी आरोप लगाया की दिल्ली की केजरीवाल सरकार उन्हें मुफ्त राशन,बिजली और पानी तो देती थी अब मकान देने की बात भी कह रही है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार रेवड़ी राजनीति के तहत ये चीजे मुहैया करवा रही हैं. इस बारे में सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केजरीवाल सरकार क्यों उस जगह को जहां रोहिंग्या रह रहे उसे डीटेंशन सेंटर घोषित नहीं कर पाई है.

अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस मामले पर गृह मंत्रालय ने साफ-साफ कहा है कि रोहिंग्या अवैध शरणार्थी हैं और उन्हें देश के नागरिक के तौर पर कभी स्वीकार नही किया जाएगा,उन्हें वापस जल्द भेजा जाएगा और यही अंतिम व्यक्तव्य है. यही नहीं बीजेपी वो चिट्ठी भी सार्वजनिक कर रही है जिसके अनुसार केजरीवाल सरकार ने 23 जून 2021 को एनडीएमसी को पत्र लिखकर बक्करवाला में बने 240 ईडब्ल्यूएस फ्लैट रोहिंग्याओं को देने कहा था, जिसमे ये बहाने दिए गए थे कि 11 बांग्लादेशी और 71 रोहिंग्याओं के लिए रिस्ट्रिक्शन सेंटर बनाना है,साथ इस चिट्ठी में बारात घर देने की भी मांग की गई थी.

ये भी पढ़ें - गृह मंत्रालय का बड़ा बयान, फ्लैट नहीं डिटेंशन सेंटर्स में ही रखे जाएंगे रोहिंग्या

वहीं आप के नेता मनीष सिसोदिया ने दावा किया की रोहिंग्या को वोट बैंक के रूप में देख रही बीजेपी उन्हें चोरी छिपे फ्लैट देकर बसाने किं कोशिश कर रही थी मगर उनकी सरकार रोहिंग्या को दिल्ली में बसाने नहीं देगी. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि उपराज्यपाल और गृह मंत्रालय ने इसपर बैठक कर फैसला भी लिया था. वहीं बीजेपी बार-बार वो लेटर दिखाकर ये आरोप लगा रही की पिछले साल ही केजरीवाल सरकार ने एनडीएमसी को रोहिंग्याओं को ईडब्ल्यूएस के लिए बने फ्लैट्स दिए जाने की सिफारिश की थी.

बहरहाल इस मामले में दोनो ही पार्टियां फंसती नजर आ रही हैं. मगर बीजेपी के लिए चिंता का विषय यह है की इन्ही रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों को असम और पश्चिम बंगाल चुनाव में देश से बाहर करने के मुद्दे को बीजेपी ने एक बड़ा मुद्दा बनाया था मगर एक ट्वीट ने पार्टी को इस स्थिति में पहुंचा दिया कि उसे बार-बार सफाई तो देनी ही पड़ रही है बल्कि संघ और उसकी अपनी सहयोगी पार्टियां भी इस मुद्दे पर सरकार पर कटाक्ष कर रहीं हैं.

ये भी पढ़ें - थरूर बोले, रोहिंग्या मामले पर सरकार में असमंजस देश के लिए कलंक

नई दिल्ली : रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर पहले भी राजनीति होती रही है मगर अभी तक उन्हें देश से निकालने पर बहस होती थी, पहली बार इस बहस की शुरुआत उन्हें देश में बसाने को लेकर हुई है. भले ही एक केंद्रीय मंत्री के ट्वीट से ये बवाल शुरू हुआ है मगर वो केंद्रीय मंत्री देश के प्रमुख मंत्रालय में काबिज हैं और बकायदा उन्होंने ट्वीट कर ये ऐलान कर दिया था की रोहिंग्याओं को दिल्ली के द्वारका में बने ईडब्ल्यूएस के फ्लैट्स में जगह दी जाएगी. इसके बाद ये मामला तूल पकड़ता गया और विरोधी पार्टियों ने केंद्र सरकार और सत्ताधारी पार्टी को जवाब देने पर मजबूर कर दिया.

हैरानी की बात ये है की केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने ये ट्वीट तब किया जब वो खुद निजी अवकाश पर विदेश में हैं,और बकायदा सरकार से अवकाश स्वीकृत करवाकर गए हैं. हालांकि बाद में ट्वीट कर उन्होंने सफाई दी लेकिन तबतक तीर कमान से निकल चुका था. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने आनन-फानन में बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर सफाई देने के बजाय अरविंद केजरीवाल की उस बैठक का जिक्र किया जिसमे उन्होंने रोहिंग्याओं की कॉलोनी जल्द से जल्द तैयार करने के निर्देश दिए थे. मगर अपने ही केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के ट्वीट जिसपर ये पूरा मामला ही शुरू हुआ,उसपर से पल्ला झाड़ लिया.

बात यहीं खत्म नहीं हुई, विदेश मंत्रालय तक को बुधवार को एक बयान के माध्यम से सफाई देनी पड़ी की रोहिंग्या देश के नागरिक नहीं हैं बल्कि उन्हें देश से भेजे जाने की तैयारी पर बातचीत चल रही है. इस मामले पर गृह मंत्रालय ने भी ट्वीट कर सफाई पेश की और रही सही कसर तो तब पूरी हो गई जब संघ की तरफ से हरदीप पुरी की कड़ी आलोचना करते हुए हिंदू शरणार्थियों के लिए उठाए जाने वाले कदम पर सरकार से सवाल किया गया. पिछले दो दिन से ये मुद्दा विपक्षी पार्टियों के हाथ लगा हुआ है और वो सरकार से रोहिंग्या पर नीति स्पष्ट करने की मांग कर रहे हैं.

वहीं गुरुवार को इस मुद्दे पर सूचना और प्रसारण मंत्री को भी आगे आकर सरकार की तरफ से सफाई देनी पड़ी,जिसमें उन्होंने कहा कि रोहिंग्या जो यहां रहे रहें हैं वो अवैध तरीके से रह रहे हैं,उन्हें वापस भेजने के लिए सरकार उनके देश से बातचीत कर रही है. उन्होंने ये भी आरोप लगाया की दिल्ली की केजरीवाल सरकार उन्हें मुफ्त राशन,बिजली और पानी तो देती थी अब मकान देने की बात भी कह रही है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार रेवड़ी राजनीति के तहत ये चीजे मुहैया करवा रही हैं. इस बारे में सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केजरीवाल सरकार क्यों उस जगह को जहां रोहिंग्या रह रहे उसे डीटेंशन सेंटर घोषित नहीं कर पाई है.

अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस मामले पर गृह मंत्रालय ने साफ-साफ कहा है कि रोहिंग्या अवैध शरणार्थी हैं और उन्हें देश के नागरिक के तौर पर कभी स्वीकार नही किया जाएगा,उन्हें वापस जल्द भेजा जाएगा और यही अंतिम व्यक्तव्य है. यही नहीं बीजेपी वो चिट्ठी भी सार्वजनिक कर रही है जिसके अनुसार केजरीवाल सरकार ने 23 जून 2021 को एनडीएमसी को पत्र लिखकर बक्करवाला में बने 240 ईडब्ल्यूएस फ्लैट रोहिंग्याओं को देने कहा था, जिसमे ये बहाने दिए गए थे कि 11 बांग्लादेशी और 71 रोहिंग्याओं के लिए रिस्ट्रिक्शन सेंटर बनाना है,साथ इस चिट्ठी में बारात घर देने की भी मांग की गई थी.

ये भी पढ़ें - गृह मंत्रालय का बड़ा बयान, फ्लैट नहीं डिटेंशन सेंटर्स में ही रखे जाएंगे रोहिंग्या

वहीं आप के नेता मनीष सिसोदिया ने दावा किया की रोहिंग्या को वोट बैंक के रूप में देख रही बीजेपी उन्हें चोरी छिपे फ्लैट देकर बसाने किं कोशिश कर रही थी मगर उनकी सरकार रोहिंग्या को दिल्ली में बसाने नहीं देगी. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि उपराज्यपाल और गृह मंत्रालय ने इसपर बैठक कर फैसला भी लिया था. वहीं बीजेपी बार-बार वो लेटर दिखाकर ये आरोप लगा रही की पिछले साल ही केजरीवाल सरकार ने एनडीएमसी को रोहिंग्याओं को ईडब्ल्यूएस के लिए बने फ्लैट्स दिए जाने की सिफारिश की थी.

बहरहाल इस मामले में दोनो ही पार्टियां फंसती नजर आ रही हैं. मगर बीजेपी के लिए चिंता का विषय यह है की इन्ही रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों को असम और पश्चिम बंगाल चुनाव में देश से बाहर करने के मुद्दे को बीजेपी ने एक बड़ा मुद्दा बनाया था मगर एक ट्वीट ने पार्टी को इस स्थिति में पहुंचा दिया कि उसे बार-बार सफाई तो देनी ही पड़ रही है बल्कि संघ और उसकी अपनी सहयोगी पार्टियां भी इस मुद्दे पर सरकार पर कटाक्ष कर रहीं हैं.

ये भी पढ़ें - थरूर बोले, रोहिंग्या मामले पर सरकार में असमंजस देश के लिए कलंक

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.