नई दिल्ली : भाजपा के एक प्रतिनिधिममंडल ने शुक्रवार को यहां निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. भाजपा का आरोप है कि ममता ने उनके निर्वाचन क्षेत्र नंदीग्राम में मतदान के दौरान कथित तौर पर चुनाव नियमों का उल्लंघन किया.
नंदीग्राम में दूसरे चरण में बृहस्पतिवार को मतदान हुआ था.
भाजपा के प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, मुख्तार अब्बास नकवी, भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव और पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी शामिल थे.
निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के साथ मुलाकात के बाद जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कह कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब मतदान के दौरान एक मतदान केंद्र में मुख्यमंत्री धरने पर बैठे हों. उनके (ममता बनर्जी के) धरने पर बैठने से पहले नंदीग्राम में 74 प्रतिशत मतदान हो चुका था और मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण था.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जैसे ही तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी “धरना” पर बैठीं उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मतदान केंद्र पर पथराव शुरू कर दिया.
जावड़ेकर ने कहा कि हमनें तस्वीरों समेत उनके कदाचार के सभी सबूत दिये हैं. एक मुख्यमंत्री, जो एक संवैधानिक पद है, मतदान जारी रहने के दौरान धरने पर बैठे, यह लोकतंत्र के खिलाफ है और मतदान को लेकर निर्वाचन आयोग के नियमों के विरुद्ध भी. इसलिये, हमने आयोग से उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है.
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के लिये भाजपा नेता ने तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि जैसे ही इन्हें अपनी हार दिखती है, वे किसी को इस हार के दोषारोपण के लिये खोजने लगते हैं.
भूपेंद्र यादव ने बाद में एक ट्वीट में कहा कि ममता बनर्जी के एक मतदान केंद्र में धरना देने और तृणमूल कार्यकर्ताओं को शांति भंग करने के लिये उकसाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पार्टी नेताओं के साथ निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के साथ मुलाकात की. शांतिपूर्ण मतदान के लिये उनका नाम तृणमूल कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची से हटाया जाना चाहिए.
भाजपा ने द्रमुक सुप्रीमो एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि द्वारा कथित तौर पर दिवंगत भाजपा नेताओं अरुण जेटली व सुषमा स्वराज के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी के लिये उनके विरुद्ध आयोग से कार्रवाई की मांग की.
उदयनिधि ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि जेटली और स्वराज की मौत राजनीतिक दबाव के कारण हुई.
मुख्यमंत्री बनर्जी ने गुरुवार को बहुचर्चित नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र के कई मतदान केंद्रों का दौरा किया था जहां उनका मुकाबला कभी उनके ही साथी रहे शुभेंदु अधिकारी से है जो अब भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.