बेंगलुरु : कर्नाटक विधान परिषद में सामान्य बहुमत हासिल करने में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चूक गई. वहीं, भाजपा नेता रमेश जारकीहोली के भाई लखन जारकीहोली ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और एमएलसी चुनाव में दूसरी वरीयता पर जीत हासिल की.
सूत्रों का कहना है कि रमेश जरकीहोली (भाजपा) और सतीश जराकीहोली (कांग्रेस) ने हाल के चुनाव में लखन का समर्थन किया है.
भाजपा 18 में से 13 विधायक होने के बावजूद चुनाव हार गई और बेलगावी जिले में 3 सांसद, रमेश जारकीहोली और उक्त 13 विधायकों ने कथित तौर पर परिषद में लखन का खुलकर समर्थन किया. एमएलसी चुनाव की दोहरी सीट बेलगावी स्थानीय निकाय क्षेत्र में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की. यह भी कहा जाता है कि लखन ने परिषद में कांग्रेस का समर्थन करने का फैसला किया है.
वहीं, पूरे मामले पर सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा, 'हम सब एक ही पार्टी से हैं. हमारे वोटों में कुछ अंतर था. हम स्थिति का जायजा लेंगे. मैं अभी वाराणसी से आया हूं, अभी नतीजे आ गए हैं. हम पार्टी के साथ चर्चा करेंगे और सोचेंगे कि क्या हमें कार्रवाई करनी है (रमेश जारकीहोली के खिलाफ लखन जारकीहोली का समर्थन करने के लिए).'
येदियुरप्पा ने कहा-जरूरत पड़ने पर सीएम कार्रवाई करेंगे
बीजेपी की हार पर पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि 'हमने सोचा था कि हम निश्चित रूप से बेलागवी और मैसूर में जीतेंगे क्योंकि हमारे पास बड़ी संख्या में विधायक और सांसद हैं. हम निश्चित रूप से आत्मनिरीक्षण करने जा रहे हैं कि हम बेलगावी में क्यों हारे. सीएम पहले ही मुझसे बात कर चुके हैं.' उन्होंने कहा है कि इस मुद्दे पर, चुनाव में क्या गलत हुआ, इस पर एक उचित रिपोर्ट की जरूरत है. इन सबकी जांच कराई जाएगी जरूरत पड़ने पर सीएम कार्रवाई करेंगे.
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