रायपुर: छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में धर्मसभा का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें प्रदेश सहित देश के तमाम साधु संत भाग लेंगे. धर्मसभा के आयोजन और मांग का बीजेपी ने समर्थन किया है. बीजेपी लगातार इस तरह के आयोजनों में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है. कुछ दिन पहले ही छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में आयोजित होने वाली धर्मसभा को लेकर साधु-संतों ने भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से मुलाकात की और सभा के एजेंडे पर बातचीत की.
बिलासपुर में होने जा रही है धर्म सभा: बिलासपुर में भी एक धर्म सभा का आयोजन किया जा रहा है. इसमें जगद्गुरु स्वामी निश्चलानंद सरस्वती भी शामिल होंगे. यह सभा 11 अप्रैल से 13 अप्रैल तक चलेगी, जिसमें प्रदेश सहित देश के साधु संत महात्मा विभिन्न संगठन समाज के लोग भी शामिल होंगे. इसके बाद प्रदेश के अन्य जिलों में भी धर्मसभा बुलाए जाने की तैयारी है. हालांकि इसकी रूपरेखा अभी तैयार नहीं की गई है.
बोले धनंजय सिंह ठाकुर-चुनाव में नहीं चलेगा इस बार भाजपा का धर्म चक्र : अब धर्मसभा को लेकर छत्तीसगढ़ में राजनीति तेज हो गई है. जहां एक और कांग्रेस इसे देश के विभिन्न मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए आयोजित होने वाली सभा बता रही है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह ठाकुर का कहना है कि "प्रदेश के विभिन्न मुद्दों से बचने ध्यान भटकाने और जनता की जवाबदारी से भागने के लिए भाजपा अपनी आदत के अनुसार धर्म के पीछे छिपकर राजनीति करना चाहती है. लेकिन प्रदेश की जनता जानती है कि भाजपा धर्म जाति के आधार पर राजनीति करती है लेकिन इस बार इनका यह चक्र नहीं चलने वाला है."
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धर्मसभा को भाजपा समर्थन नहीं देगी तो क्या धर्मांतरण कराने वाले देंगे-गौरी शंकर: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि "छत्तीसगढ़ की धरती पर यह साधु संत आ रहे हैं, जो सौभाग्य की बात है. इन्हें भाजपा समर्थन नहीं देगी तो क्या धर्मांतरण कराने वाले लोग समर्थन देंगे. क्या हिंदू राष्ट्र की कल्पना करना गलत बात है."
मुद्दों से ध्यान भटकाने भाजपा ले रही धर्म सभा का सहारा-रामअवतार तिवारी: राजनीति के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी ने कहा कि "भाजपा हिंदुत्व को प्राथमिकता देती है और आगामी दिनों में गांव जिलों में धर्मसभा और धर्म संसद करने की तैयारी में है. भाजपा हिंदुत्व की बात करके जो मूलभूत सुविधाएं, व्यवस्थाएं, सड़क बिजली पानी मंहगाई, इनसे लोगों का ध्यान हटाना चाहती है. भावनात्मक रूप से लोगों से जुड़ कर वोट हासिल करना चाहती है. इस प्रयोग में भाजपा जुट गई है. हालांकि छत्तीसगढ़ की जनता समझदार है.