जयपुर/उदयपुर : राजस्थान के अलवर में 300 साल पुराने तीन मंदिरों को ध्वस्त करने के मामले में जहां भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर मंदिर तोड़ने का आरोप लगाया है. वहीं, भाजपा ने भी प्रदेश सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. शुक्रवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया जिला कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने के लिए उदयपुर पहुंचे. इस दौरान भाजपा कार्यालय पर मीडिया से बातचीत के दौरान पूनिया ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर जमकर हमला (satish poonia targeted the gehlot government) बोला. वहीं, इस मामले में अब किरोड़ी लाल मीणा, भाजपा प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर और भाजपा प्रवक्ता राम लाल शर्मा ने भी कांग्रस पर तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए हमला बोला है.
सतीश पूनिया ने कहा कि अलवर के राजगढ़ में 300 साल पुराने मंदिर को तोड़ने का मामला सामने आया है. ऐसे में 300 साल पुराने शिव मंदिर पर बुलडोजर चलाया गया. इस पूरे मामले को लेकर अब कांग्रेस पार्टी के नेता अलग-अलग बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन पूरा मामला सामने आने के बाद उन्होंने वहां के भाजपा पदाधिकारियों से जानकारी ली. मामले की जांच के लिए भाजपा का एक डेलिगेशन राजगढ़ भेजा गया है जिसमें सीकर के सांसद सुमेधानंद सरस्वती, पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण सिंह देवल और चंद्रकांता मेघवाल व दो अन्य नेता शामिल हैं. टीम इस पूरे मामले की जांच करके 3 दिन में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश की जाएगी.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से शहरी गौरव पथ को लेकर वहां पर निर्माण चल रहा था लेकिन वह 2013 का मामला है. इसे लेकर कुछ अतिक्रमण टूटे और गौरव पथ कुछ बना भी लेकिन यह समझ में नहीं आया कि 300 वर्ष पुराना भगवान का मंदिर कैसे अतिक्रमण कैसे हो सकता है. हालांकि इससे इतर भी मुझे कुछ जानकारी मिली है. इसकी वीडियो सोशल मीडिया पर भी जारी है. वहीं राजगढ़ के विधायक जोहरी लाल मीणा पार्षदों को धमकाते हुए अपने साथ आने की बात कह रहे हैं. क्योंकि वहां के लोगों ने उनके पुत्र के खिलाफ दुष्कर्म के मामले में ज्ञापन दिया था. ऐसे में वहां की एसडीएम ने इस मामले पर सीधा बयान दिया है कि मास्टर प्लान के तहत यह कार्रवाई की गई है. ऐसे में मंदिर तोड़ने के मामले में साफ है कि यह पूरी कार्रवाई सरकार के इशारे पर की गई है.
अलवर में मंदिर ध्वस्तीकरण मामले में किरोड़ी, दिलावर और रामलाल ने लगाया तुष्टीकरण का आरोप
अलवर के राजगढ़ में मंदिर तोड़े जाने के मामले में सियासी उबाल जारी है. कांग्रेस इस मामले में पूर्व वसुंधरा राजे सरकार और भाजपा नेताओं को जिम्मेदार ठहरा रही है तो वहीं प्रदेश भाजपा नेता गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगा रही है. भाजपा प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर ने राजगढ़ नगर पालिका के भाजपा बोर्ड पर लगाए गए आरोपों को सिरे से नकारा हैं तो वहीं प्रवक्ता रामलाल शर्मा और सांसद किरोड़ी लाल मीना ने इस घटना के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया.
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इससे पहले मामले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सामने आकर (politics on rajgarh temple Demolition) कहा कि यह मंदिर तोड़ने का काम को अंजाम देने की कोशिश भाजपा के नगर परिषद अध्यक्ष सतीश दुहारिया ने 8 सितंबर 2021 में बोर्ड मीटिंग में किया है. इसे तोड़ने का प्रयास भाजपा की पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के समय में भी किया गया था.
डोटासरा ने कहा कि इस मामले में भाजपा और आरएसएस के लोग गलत प्रचार कर रहे हैं. वहां नगर पालिका में बोर्ड भाजपा का है. 8 सितंबर 2021 को बोर्ड की बैठक हुई, जिसमें अतिक्रमण हटाने का प्रस्ताव पारित हुआ. डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस मूर्तियों के साथ (Govind Dotasra Alleged BJP) छेड़छाड़ करती है, यह बात बिल्कुल गलत है. कांग्रेस को बदनाम करने का हमेशा भाजपा का एजेंडा रहा है, जबकि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय भी जयपुर में मंदिर हटाए गए थे. भाजपा और आरएसएस धार्मिक उन्माद फैलाकर वोट बटोरने की कुचेष्टा हमेशा करते हैं. डोटासरा ने कहा कि भाजपा का वहां सर्वसम्मति से बोर्ड है और मंदिर तोड़ने के लिए पूरी तरह भाजपा जिम्मेदार है.
हम कभी धार्मिक आस्था के साथ छेड़छाड़ नहीं करते : पीसीसी चीफ ने कहा कि भाजपा और आरएसएस वाले भाई से भाई को लड़ाकर राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं. इनकी कथनी और करनी में अंतर है. ये हमेशा बनावटी बात करते हैं. राजगढ़ की घटना की जिम्मेदारी भाजपा को लेनी चाहिए और माफी मांगनी चाहिए. डोटासरा ने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव आएंगे, ये इसी तरह का माहौल बनाएंगे. डोटासरा ने कहा कि मंदिर हटाने का फैसला पूरी तरह नगर पालिका बोर्ड ने लिया और सरकार ने त्वरित एक्शन लिया है. प्राइवेट मंदिर को विधिवत तरह से हटाई गई है, लेकिन दूसरे मंदिर में गर्भगृह सुरक्षित है. मूर्तियों को फिर से स्थापित करवाया जाएगा और किसी भी हालत में प्रदेश में धार्मिक उन्माद नहीं फैलाने दिया जाएग.