नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Minister Dharmendra Pradhan) की अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को निर्वाचन आयोग के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की और ओडिशा तथा तेलंगाना में राज्य सरकारों द्वारा चुनावी कानूनों और आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन की शिकायत की. ओडिशा की धामनगर और तेलंगाना की मुनुगोडे विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को मतदान होना है.
प्रधान ने भाजपा के सह मीडिया प्रभारी संजय मयूख, प्रवक्ता संबित पात्रा और नेता ओम पाठक के साथ निर्वाचन आयोग जाकर अधिकारियों को आचार संहिता उल्लंघनों का हवाला देते हुए दोनों राज्यों के लिए अलग-अलग ज्ञापन सौंपा. बाद में पत्रकारों से बातचीत में प्रधान ने कहा कि पार्टी के नेताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों का स्थानीय और राज्य स्तर पर समाधान ना होने के कारण भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राजधानी दिल्ली में निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात करने का फैसला किया.
हाथों में नोटों की गड्डी लिए एक स्थानीय अधिकारी की तस्वीर दिखाते हुए पात्रा ने आरोप लगाया कि धर्मनगर में 'एक महिला अधिकारी बीजू जनता दल के लिए महिलाओं के एक स्वसहायता समूह के बीच खुले आम पैसे बांट कर रही हैं. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब साझा किया जा रहा है.' उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने इस वीडियो क्लिप को चुनाव आयोग के अधिकारियों से भी साझा किया है. उन्होंने इस कृत्य को चुनावी कानूनों और आदर्श चुनाव आचार संहिता का घोर उल्लंघन करार दिया.
भाजपा नेताओं ने इसी प्रकार तेलंगाना राष्ट्र समिति शासित तेलंगाना के मुनुगोड़े में आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया. पाठक ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'ऐसा लग रहा है मानो तेलंगाना में टीआरएस नहीं बल्कि राज्य सरकार भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ रही है. उन्होंने पूरे सरकारी तंत्र को इस उपचुनाव में झोंक दिया है. यह चुनाव संहिता का घोर उल्लंघन है.' उन्होंने आरोप लगाया कि उपचुनाव में टीआरएस के सांसद और विधायक बड़ी मात्रा में शराब और पैसे मतदाताओं के बीच बांट रहे हैं.
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(पीटीआई-भाषा)