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लोकतांत्रिक चर्चा पूरी होने के बाद समान नागरिक संहिता को लागू करने को प्रतिबद्ध है भाजपा : अमित शाह

अमित शाह ने दावा किया कि समय बीतने के साथ संविधान सभा की इस प्रतिबद्धता को भुला दिया गया. उन्होंने कहा, भाजपा को छोड़कर, कोई भी दल समान नागरिक संहिता के समर्थन में नहीं है. एक लोकतंत्र में स्वस्थ चर्चाएं जरूरी हैं.

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Published : Nov 24, 2022, 1:51 PM IST

Etv Bharat BJP committed to implement Uniform Civil Code
Etv Bharat अमित शाह

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सभी लोकतांत्रिक चर्चाओं और बहसों के पूरा होने के बाद देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने को प्रतिबद्ध है. यूसीसी के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि यह जन संघ के दिनों से ही भाजपा द्वारा देश के लोगों से किया गया एक वादा है.

टाइम्स नाऊ सम्मेलन में गृह मंत्री ने कहा, न सिर्फ भाजपा ने, बल्कि संविधान सभा ने भी संसद और राज्यों को उचित समय आने पर यूसीसी लागू करने की सलाह दी थी, क्योंकि किसी भी धर्मनिरपेक्ष देश में कानून धर्म के आधार पर नहीं होने चाहिए. यदि राष्ट्र और राज्य धर्मनिरपेक्ष हैं तो कानून धर्म पर आधारित कैसे हो सकते हैं? हर धर्म के व्यक्ति के लिए संसद या राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित एक ही कानून होना चाहिए.

शाह ने दावा किया कि समय बीतने के साथ संविधान सभा की इस प्रतिबद्धता को भुला दिया गया. उन्होंने कहा, भाजपा को छोड़कर, कोई भी दल समान नागरिक संहिता के समर्थन में नहीं है. एक लोकतंत्र में स्वस्थ चर्चाएं जरूरी हैं. इस मुद्दे पर खुली एवं स्वस्थ बहस किए जाने की जरूरत है. गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा शासित तीन राज्यों-हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात में सर्वोच्च अदालत और उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की अध्यक्षता में एक पैनल गठित किया गया है, जिसके सामने अलग-अलग धर्मों के लोग इस मुद्दे को लेकर अपनी राय जाहिर कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, हम इस अभ्यास में मिलने वाले सुझावों के आधार पर कार्रवाई करेंगे. सभी लोकतांत्रिक चर्चाओं के पूरा होने के बाद भाजपा यूसीसी लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है.

पीटीआई-भाषा

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सभी लोकतांत्रिक चर्चाओं और बहसों के पूरा होने के बाद देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने को प्रतिबद्ध है. यूसीसी के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि यह जन संघ के दिनों से ही भाजपा द्वारा देश के लोगों से किया गया एक वादा है.

टाइम्स नाऊ सम्मेलन में गृह मंत्री ने कहा, न सिर्फ भाजपा ने, बल्कि संविधान सभा ने भी संसद और राज्यों को उचित समय आने पर यूसीसी लागू करने की सलाह दी थी, क्योंकि किसी भी धर्मनिरपेक्ष देश में कानून धर्म के आधार पर नहीं होने चाहिए. यदि राष्ट्र और राज्य धर्मनिरपेक्ष हैं तो कानून धर्म पर आधारित कैसे हो सकते हैं? हर धर्म के व्यक्ति के लिए संसद या राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित एक ही कानून होना चाहिए.

शाह ने दावा किया कि समय बीतने के साथ संविधान सभा की इस प्रतिबद्धता को भुला दिया गया. उन्होंने कहा, भाजपा को छोड़कर, कोई भी दल समान नागरिक संहिता के समर्थन में नहीं है. एक लोकतंत्र में स्वस्थ चर्चाएं जरूरी हैं. इस मुद्दे पर खुली एवं स्वस्थ बहस किए जाने की जरूरत है. गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा शासित तीन राज्यों-हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात में सर्वोच्च अदालत और उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की अध्यक्षता में एक पैनल गठित किया गया है, जिसके सामने अलग-अलग धर्मों के लोग इस मुद्दे को लेकर अपनी राय जाहिर कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, हम इस अभ्यास में मिलने वाले सुझावों के आधार पर कार्रवाई करेंगे. सभी लोकतांत्रिक चर्चाओं के पूरा होने के बाद भाजपा यूसीसी लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है.

पीटीआई-भाषा

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