रांची: झारखंड के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. उसकी आंच झारखंड तक पहुंच चुकी है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस और भाजपा के बीच जमकर आरोप प्रत्यारोप चल रहा है. खास बात है कि इस मामले में जमशेदपुर पुलिस चुप्पी साधे हुए है. दरअसल, छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेता मोहन मरकाम का आरोप है कि भाजपा ने जिस ब्रह्मानंद नेताम को प्रत्याशी (BJP candidate Brahmanand Netam accused of rape) बनाया है, उनपर जमशेदपुर के टेल्को थाना में कांड संख्या 84/2019 के तहत दुष्कर्म, पोस्को एक्ट और अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम की गंभीर धाराएं लगी हुई हैं.
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जमशेदपुर की नाबालिग के साथ दुष्कर्म और देह व्यापार से जुड़ा यह कांड तब दर्ज हुआ था, जब झारखंड में रघुवर दास के नेतृत्व में भाजपा की सरकार थी. मोहन मरकाम का आरोप है कि इस मामले में पुलिस ने पहले पांच को नामजद किया था. इसके बाद 4-5 झारसुगड़ा के अज्ञात पुलिसकर्मी के अलावा अन्य अज्ञात के खिलाफ कांड दर्ज हुआ था. बाद में जमशेदपुर के टाउन डीएसपी के सुपरवीजन के दौरान अन्य पांच अभियुक्तों का भी नाम जोड़ा गया, जिनमें भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के भाजपा प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम भी शामिल हैं. उन्हें गिरफ्तार करने के लिए झारखंड पुलिस की एक टीम कांकेर पहुंची हुई है.
आश्चर्य की बात यह है कि जब जमशेदपुर के एसएसपी प्रभात कुमार से झारखंड पुलिस की टीम को कांकेर भेजने की बात पूछी गयी तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने खुद पूछा कि यह ब्रह्मानंद नेताम है कौन. उन्होंने यहां तक कहा कि इस मसले को लेकर उन्हें कई फोन आ चुके हैं. ईटीवी भारत की तरफ से जब उन्हें टेल्को थाना में दर्ज कांड संख्या 84/2019 का जिक्र किया गया तो उन्होंने फोन काट दिया. अब सवाल उठता है कि जब एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म के बाद डीएसपी के सुपरविजन रिपोर्ट में रसूखदारों के नाम जोड़े गये थे, तो इतने वर्षों से कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. इतने दिनों तक झारखंड पुलिस हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी थी. दूसरी बड़ी बात यह कि जब झारखंड की पुलिस कांकेर पहुंची हुई है तो फिर जमशेदपुर के एसएसपी इसकी पुष्टि क्यों नहीं कर रहे हैं.
दूसरी तरफ कांकेर के एसपी सलभ सिन्हा ने बताया कि डीएसपी स्तर के पदाधिकारी के नेतृत्व में दस सदस्यीय पुलिस टीम आई है. टेल्को थाना में दर्ज कांड संख्या 84/2019 के मामले में गिरफ्तारी की कार्रवाई में जुटी है (Jharkhand police raid in Kanked). उनसे भाजपा प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस मसले पर विधि व्यवस्था पर क्या असर पड़ सकता है, इसका आंकलन किया जा रहा है. इस पूरे मामले में भाजपा नेता ब्रह्मानंद नेताम से उनके मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ था.
क्या है पूरा मामला: डीएसपी के सुपरविजन रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता के माता-पिता नहीं है. वह अपनी दीदी और जीजा के घर जमशेदपुर में रह रही थी. जब वह नौ साल की थी जब उसके जीजा ने जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया था. इसके बाद बच्ची को देह व्यापार के दलदल में धकेल दिया गया. इसके बाद बच्ची को कभी झारसुगड़ा तो कभी राउरकेला और जुगसलाई के होटलों में शोषण किया गया. लेकिन जुगसलाई में होटल संचालक को शक हुआ तो उन्होंने बागबेड़ा पुलिस को सूचना दे दी. यहीं से इस पूरे घिनौने और अमानवीय कांड का खुलासा हुआ. बाद में पुलिस ने धारा 164 के तहत पीड़िता के बयान को कोर्ट में रिकॉर्ड करवाया. उसी समय अनुसंधानकर्ता को गिरफ्तारी से बचे अभियुक्तों को गिरफ्तार करने और फरार रहने पर कुर्की जब्ती की कार्रवाई का निर्देश दिया गया था. उस वक्त सुभाष चंद्र जाट जमशेदपुर के एसपी थे. उन्होंने टेल्को थाना प्रभारी को कार्रवाई करने टाउन डीएसपी को प्रगति की समीक्षा कर रिपोर्ट सौंपने को कहा था.
क्यों गरमाई है राजनीति: अब यह मामला राजनीतिक रंग भी ले चुका है. जमशेदपुर पुलिस की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े हुए हैं. अब सवाल है कि यह है कि इस मामले ने तूल कैसे पकड़ा. दरअसल, अगले साल नवंबर में छत्तीसगढ़ में विधानसभा का चुनाव होना है. भानुप्रतापपुर सीट कांग्रेस के पास थी. लेकिन पिछले माह 16 अक्टूबर को मनोज मंडावी के अचानक निधन से यह सीट खाली हो गई थी. इस बार कांग्रेस ने मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को उपचुनाव के मैदान में उतारा है. कांग्रेस को सहानुभूति की उम्मीद है. दूसरी तरफ भाजपा ने ब्रह्मानंद नेताम को उतारा है. इस बीच एनएसयूआई के एक पदाधिकारी पर छात्रा के साथ अनाचार के मामले ने कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया. इसके के काट के रूप में कांग्रेस ने भाजपा प्रत्याशी का मामला उठा दिया है. इस सीट के लिए 5 दिसंबर को मतदान होना है. भाजपा प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम 2008 में भानुप्रतापुर से विधायक रह चुके हैं. कहा जाता है कि बस्तर रिजन में जीतने वाली पार्टी की ही छत्तीसगढ़ में सरकार बनती है. इसलिए भानुप्रतापपुर उपचुनाव को लिटमस टेस्ट के रूप में देखा जा रहा है. इस बीच भाजपा प्रत्याशी पर गंभीर आरोप के खुलासे से यह उपचुनाव दिलचस्प हो गया है.