रायपुर : अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर जहां एक और तैयारी तेज हो गई है. वहीं दूसरी ओर सियासी सरगर्मी भी चरम पर है. कांग्रेस नेताओं के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में ना जाने को लेकर बीजेपी हमलावर है. पूरे देश के अलग-अलग राज्यों में कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी नेता बयानबाजी कर रहे हैं.इसी कड़ी में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस के अयोध्या ना जाने पर तंज कसा है. रायपुर में श्रीराम मंदिर में गजेंद्र सिंह शेखावत ने साफ सफाई की. उसके बाद यह बयान दिया है.
कांग्रेस का विरोध करना पुराना इतिहास : छत्तीसगढ़ दौरे पर आए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रायपुर के श्रीराम मंदिर के दर्शन के बाद कांग्रेस के अयोध्या ना जाने पर तंज कसा है.गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि ऐसी कई घटनाओं को चिन्हित कर सकते हैं, कि जब पूरा देश गर्व कर रहा था. तब कांग्रेस विरोध कर रही थी.तो इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस नहीं जा रही है.
''पिछले 10 साल का समय उठाकर देख लिजिए जब पूरा देश किसी फैसले को लेकर जश्न मना रहा था,तब कांग्रेस उसके विरोध में खड़ी थी.चाहे नई संसद भवन के उद्घाटन का मौका हो, विश्व स्तरीय कोरोना वैक्सीन का मामला हो, पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को भारत रत्न दिया जाना हो या फिर देश के जवानों का सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करने की घटना हो.कांग्रेस ने हमेशा विरोध ही किया.एक बार फिर कांग्रेस ने अपना आचरण दिखा दिया है." गजेंद्र सिंह शेखावत,केंद्रीय मंत्री
पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस को कहा था एंटी हिंदू : आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस को एंटी हिंदू बताया था.गिरिराज सिंह ने कहा था कि मंदिर ट्रस्ट ने सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को राम मंदिर 'प्राणप्रतिष्ठा' के लिए निमंत्रण भेजा है, लेकिन वे नहीं जा रहे हैं क्योंकि वे हिंदू विरोधी हैं.
''सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के समय प्रधानमंत्री पंडित नेहरु ने गुजरात के मुख्यमंत्री को फटकारा था.उस समय राजेंद्र बाबू जो प्रथम राष्ट्रपति थे,उनको भी मना किया था.क्योंकि वो कहते थे कि मैं बाय डिफॉल्ट हिंदू हूं. तो ये परंपरा उनके डीएनए में है हिंदू विरोधी.'' गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री
विधानसभा अध्यक्ष ने कही थी सद्बुद्धि देने की बात : वहीं रविवार को विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने राजनांदगांव में कांग्रेस के फैसले पर हमला बोला था. रमन सिंह ने कहा था कि पूरा देश राममय हो चुका है. लेकिन कांग्रेस के नेता न्योता मिलने के बाद भी इस आयोजन में हिस्सा नहीं ले रहे हैं. यह उनका दुर्भाग्य है. भगवान ऐसे लोगों को बुद्धि दे और उन पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें.
कांग्रेस ने कब-कब बनाई दूरी : आइए आपको बताते हैं कांग्रेस कब-कब बड़े आयोजनों से दूरी बनाई है.
सितंबर 2023: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा G-20 समिट के दौरान रात्रिभोज का आयोजन किया गया था. इसके लिए कांग्रेस के कई नेताओं को निमंत्रण भेजा गया था. लेकिन कांग्रेस शासित प्रदेशों समेत तमाम नेता इसमें शामिल नहीं हुए थे.
मई 2023: मई 2023 में नई संसद का उद्घाटन हुआ था. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने इसका बहिष्कार किया था. इन पार्टियों का कोई भी नेता नई संसद के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ था.
जनवरी 2021: कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने संसद के संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था.
दिसंबर 2020: कांग्रेस ने नई संसद भवन के भूमि पूजन समारोह का बहिष्कार किया था.
अगस्त 2019 : प्रणब मुखर्जी को जब भारत रत्न दिया गया था, तब इस समारोह में मनमोहन सिंह, राहुल गांधी और सोनिया गांधी मौजूद नहीं थे.
जून 2017: कांग्रेस ने GST लागू होते समय संसद सत्र का बहिष्कार किया था. कांग्रेस सांसदों ने इसे काला फैसला बताया था.
1951: जवाहर लाल नेहरू कथित तौर पर सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार कार्यक्रम में राजेंद्र प्रसाद की उपस्थिति के खिलाफ थे. इसलिए उन्होंने इस आयोजन से दूरी बनाई थी.
यहीं नहीं कांग्रेस ने 2004 के बाद 2009 तक कारगिल विजय दिवस का बहिष्कार किया था.लेकिन 2010 के बाद से कांग्रेस के नेता भी कारगिल विजय दिवस के कार्यक्रमों में शामिल होने लगे थे.
गिरिराज सिंह के बयान पर कांग्रेस की तरफ से शिव डहरिया ने पलटवार किया था. शिव डहरिया ने बीजेपी पर राम मंदिर समारोह का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए करने का आरोप लगाया था. इसके अलावा शंकराचार्य के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में नहीं जाने का भी उल्लेख किया था. अब गजेंद्र सिंह शेखावत के बयान पर कांग्रेस की तरफ से क्या प्रतिक्रिया आती है. यह देखने वाली बात होगी.