नई दिल्ली : भाजपा ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा और कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों पर उच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई जांच का आदेश दिए जाने के बाद उन्होंने शासन करने का नैतिक अधिकार खो दिया है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने महाराष्ट्र के सचिन वाझे मामले और पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के आरोपों का उल्लेख करते हुए पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं के समक्ष सवाल किया कि जिस मुख्यमंत्री की अगुवाई में इतनी बड़ी-बड़ी घटनाएं हो रही हैं, उनका कोई नैतिक दायित्व बनता है कि नहीं?
प्रसाद ने कहा कि देशमुख ने अपने इस्तीफे में जिक्र किया है कि वह नैतिक आधार पर पद से त्यागपत्र दे रहे हैं लेकिन इस पूरे प्रकरण में उद्धव ठाकरे की चुप्पी कई सवाल उठाती है.
उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री जी आपकी कोई नैतिकता है कि नहीं? आपकी नैतिकता कहा हैं? क्या हम आपकी नैतिकता के बारे में सुनेंगे. मुख्यमंत्री जी, शासन करने का नैतिक अधिकार से अब आप वंचित हो गए हैं. लोकतंत्र लोक लाज से चलता है.'
प्रसाद ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है और उद्धव ठाकरे की सरकार दो मोर्चों पर फंसी हुई है.
उन्होंने कहा, 'सचिन वाझे प्रकरण और दूसरा उगाही प्रकरण...इन प्रकरणों के पूरे तार को जोड़ा जाए तो यह एक बड़े लूट के षड़यंत्र की ओर इशारा करते हैं.'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस पूरे मामले के सभी पहलुओं की जांच होनी चाहिए ताकि यह पता चल सके कि कौन किस को प्रश्रय दे रहा था, कौन किसको प्रोत्साहित कर रहा था.
बता दें कि इससे पहले बंबई उच्च न्यायालय ने सीबीआई को निर्देश दिया कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाये गए भ्रष्टाचार एवं कदाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच 15 दिन के भीतर पूरी की जाए.
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की खंड पीठ ने कहा कि यह 'असाधारण' और अभूतपूर्व मामला है जिसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए. अदालत ने कहा कि चूंकि राज्य सरकार ने मामले में पहले ही उच्च स्तरीय समिति से जांच कराने के आदेश दे दिए हैं इसलिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को मामले में तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने की जरूरत नहीं है.
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पीठ ने कहा कि सीबीआई को प्रारंभिक जांच 15 दिन के भीतर पूरी करनी होगी और फिर आगे की कार्रवाई पर फैसला लेना होगा.