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पंजाब सरकार की ओर से टीका बेचकर 'मुनाफा' कमाने के मामले की जांच हो : भाजपा - मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा और कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से जारी एक विवादास्पद आदेश से साफ है कि 'दाल में कुछ काला' है.

पंजाब सरकार
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Published : Jun 5, 2021, 9:03 PM IST

नई दिल्ली : भाजपा ने शनिवार को पंजाब की कांग्रेस सरकार (punjab government) के कोरोना वायरस संक्रमण रोधी टीकों को निजी अस्पतालों को 'बेचने' और इससे कथित तौर पर मुनाफा कमाने के मामले की जांच की मांग की और कहा कि दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Former President Rahul Gandhi) पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता ने कहा कि वे टीकों की आपूर्ति को लेकर मोदी सरकार (modi government) पर हमला करते हैं और सवाल उठाते हैं, लेकिन उनकी ही पार्टी शासित पंजाब में निजी अस्पतालों को टीकों की खुराक बेचकर 38 करोड़ रुपये तक मुनाफा कमाने में जुटी हुई है जबकि राजस्थान में कूड़ों की ढेर में टीके मिले हैं.

पुरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, सरकार को मुनाफा कमाना बंद करना चाहिए. सच्चाई सामने लाने के लिए मामले की जांच की जानी चाहिए. उन्होंने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि मुनाफे की राशि किस कोष में गई है और उस कोष का स्वामित्व किसके पास है.

पंजाब सरकार (punjab government) के एक आदेश का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 309 रुपये की दर से कोविशील्ड (Covishield) एक खुराक की खरीदी की और उसे निजी अस्पतालों को 1,000 रुपये में बेचे और अस्पतालों ने लाभार्थियों से 1,560 रुपये वसूले.

उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि मोहाली के दो निजी अस्पतालों ने कोविड टीके 3,000 से लेकर 3, 200 रुपये तक में भी बेचा है. उन्होंने कहा, ये हैरानी की बात है. कांग्रेस की पंजाब इकाई में जारी अंदरूनी मतभेदों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच 'क्रिकेट मैच' खेल रही है और शीर्ष नेतृत्व 'रैफरी' की भूमिका में हैं.

कांग्रेस नेताओं पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए पुरी ने कहा कि उसके नेताओं ने पहले टीकों की प्रभावोत्पादकता को लेकर सवाल उठाए और उससे पहले लैब परीक्षण की प्रक्रिया पर सवाल उठाए.

इसे भी पढ़ें : ट्विटर पर बखेड़ा : आरएसएस प्रमुख भागवत के हैंडल का ब्लू टिक बहाल

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा सेंट्रल विस्टा परियोजना की आलोचना करने पर उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा विधायकों के आवास के लिए सिर्फ एक परियोजना पर करोड़ों खर्च किया जा रहा है.

नई दिल्ली : भाजपा ने शनिवार को पंजाब की कांग्रेस सरकार (punjab government) के कोरोना वायरस संक्रमण रोधी टीकों को निजी अस्पतालों को 'बेचने' और इससे कथित तौर पर मुनाफा कमाने के मामले की जांच की मांग की और कहा कि दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Former President Rahul Gandhi) पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता ने कहा कि वे टीकों की आपूर्ति को लेकर मोदी सरकार (modi government) पर हमला करते हैं और सवाल उठाते हैं, लेकिन उनकी ही पार्टी शासित पंजाब में निजी अस्पतालों को टीकों की खुराक बेचकर 38 करोड़ रुपये तक मुनाफा कमाने में जुटी हुई है जबकि राजस्थान में कूड़ों की ढेर में टीके मिले हैं.

पुरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, सरकार को मुनाफा कमाना बंद करना चाहिए. सच्चाई सामने लाने के लिए मामले की जांच की जानी चाहिए. उन्होंने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि मुनाफे की राशि किस कोष में गई है और उस कोष का स्वामित्व किसके पास है.

पंजाब सरकार (punjab government) के एक आदेश का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 309 रुपये की दर से कोविशील्ड (Covishield) एक खुराक की खरीदी की और उसे निजी अस्पतालों को 1,000 रुपये में बेचे और अस्पतालों ने लाभार्थियों से 1,560 रुपये वसूले.

उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि मोहाली के दो निजी अस्पतालों ने कोविड टीके 3,000 से लेकर 3, 200 रुपये तक में भी बेचा है. उन्होंने कहा, ये हैरानी की बात है. कांग्रेस की पंजाब इकाई में जारी अंदरूनी मतभेदों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच 'क्रिकेट मैच' खेल रही है और शीर्ष नेतृत्व 'रैफरी' की भूमिका में हैं.

कांग्रेस नेताओं पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए पुरी ने कहा कि उसके नेताओं ने पहले टीकों की प्रभावोत्पादकता को लेकर सवाल उठाए और उससे पहले लैब परीक्षण की प्रक्रिया पर सवाल उठाए.

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कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा सेंट्रल विस्टा परियोजना की आलोचना करने पर उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा विधायकों के आवास के लिए सिर्फ एक परियोजना पर करोड़ों खर्च किया जा रहा है.

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