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Uproar in Chhattisgarh over nsa: छत्तीसगढ़ में रासुका पर सियासी संग्राम, बीजेपी ने बताया आपातकाल, सीएम बघेल का पलटवार - Uproar in Chhattisgarh over nsa

भूपेश सरकार 3 जनवरी को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने का निर्णय लिया है. इस फैसले को लेकर भाजपा ने संयुक्त पत्रकार वार्ता कर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इस दौरान भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साहू, पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने संयुक्त पत्रकार वार्ता को संबोधित किया. पत्रकार वार्ता में राज्य सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को भाजपा ने इमरजेंसी करार दिया है. भाजपा ने सरकार के इस फैसले के विरोध में आंदोलन करने की बात भी कही है.

Congress of imposing emergency in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में रासुका पर बीजेपी कांग्रेस आमने सामने
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Published : Jan 15, 2023, 8:42 PM IST

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पर घमासान

रायपुर: भााजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा "राज्य सरकार ने 28 दिसंबर 2022 को अधिसूचना जारी की ,जो राजपत्र में 3 जनवरी को प्रकाशित हुआ है. इस अधिसूचना के माध्यम से राज्य की 31 कलेक्टर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने का अधिकार राज्य सरकार ने दिया है. यह अधिसूचना राज्य को आपातकाल में झोंकने जैसा है.

मुख्यमंत्री पर लगाया तानाशाही का आरोप: भााजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा "यह अधिसूचना सरकार के खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाने का एक षड्यंत्र है. साथ ही लोगों के संवैधानिक अधिकारों का हनन करने वाला है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस अधिसूचना के जरिए तानाशाही करना चाहते है."



"आदिवासियों की आवाज को कुचलने के लिए लाया रासुका": भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा "नारायणपुर में जो घटना हुई, लगातार वहां धर्मांतरण की शिकायत की गई. इसके बावजूद भी कोई ध्यान नहीं दिया गया. जिस प्रकार से गोर्रा गांव में आदिवासी समाज की बैठक में सशस्त्र हमला हुआ, यह सिद्ध करता है कि राज्य सरकार के संरक्षण में खुलेआम धर्मांतरण हो रहा, आदिवासी समाज पर अत्याचार हो रहा, उन्हीं को जेल में डाला गया. अब आदिवासी समाज को दबाने का काम राज्य सरकार ने किया है."



"सरकार के खिलाफ आंदोलन को दबाने लाई अधिसूचना": भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा "प्रदेश में लगातार सरकार के खिलाफ आंदोलन चल रहे हैं. राजधानी में धरना प्रदर्शन करने के लिए टेंट लगाने की जगह नहीं है, भेंट मुलाकात हेट मुलाकात बन गई हैं, मुख्यमंत्री को प्रश्न पूछने वाले लोगो को धमकाया गया, इस प्रकार सरकार के खिलाफ लगातार आजाव उठ रही है, उन आवाजो को दबाने के लिए यह अधिसूचना लाई गई है, और इसके माध्यम से राज्य सरकार ने प्रदेश को आपातकाल में झोंकने का काम किया हैं, लोकतंत्र के लिए यह ठीक नही है और हर स्तर पर हम इसका हर मोर्चो पर विरोध करेंगे, यह अधिसूचना हर वर्ग के लिए घातक अधिसूचना है.

यह भी पढ़ें: बीजेपी नेताओं को दिल्ली से पड़ी बत्ती, छत्तीसगढ़ में क्यों है शांति, करो कुछ षड्यंत्र: सीएम भूपेश बघेल


रमन सिंह का भूपेश सरकार पर गंभीर आरोप: रासुका को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि "यह राष्ट्रीय सुरक्षा कानून नहीं, बल्कि कांग्रेस सुरक्षा कानून है. कांग्रेस को सुरक्षा देने के लिए यह कानून बनाया गया है. रासुका में जो प्रावधान है, उसके तहत पुलिस को किसी भी समय किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर 1 साल के लिए बिना कारण बताए जेल में डाला जा सकता है. इसमें जमानत भी नहीं होगी. जिसे कांग्रेस निशाना बनाना चाहती है, उसे जेल में डाल सकती है. कांग्रेस ने एक बार फिर आपातकाल लगाने की साजिश की."

"धर्मांतरण को बढ़ावा देने की साजिश": रमन सिंह ने कहा कि "यह जो अधिनियम जारी किया गया है. सवाल यह उठता है कि आज कौन सी ऐसी समाजिक परिस्थिति उठ गई है, जो कांग्रेस कल तक विधानसभा में कानून व्यवस्था को बेहतर बताती थी, आज गंभीर कदम उठाने का क्या कारण है. क्या कानून व्यवस्था कांग्रेस सरकार के नियंत्रण से बाहर हो गई है. छत्तीसगढ़ में तुष्टीकरण और धर्मांतरण को लेकर राज्य सरकार काम कर रही है. सरकार ने एक धर्म विशेष के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए."



"दिल्ली से वापस आने के बाद रासुका लागू": रमन सिंह ने कांग्रेस पार्टी और बघेल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि "भूपेश बघेल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून जारी करने से पहले दिल्ली जाते हैं, सोनिया गांधी से मुलाकात करते हैं और सोनिया गांधी उन पर दबाव डालती हैं. सोनिया गांधी के दबाव से आदिवासियों को कुचलने की साजिश का यह अधिनियम जारी किया गया है. यह अधिनियम षड्यंत्र का हिस्सा है."

यह भी पढ़ें: अम्बिकापुर में भाजपा के आदिवासी सम्मेलन पर सीएम का तंज, नफरत फैलाने की साजिश का आरोप


डॉ रमन सिंह ने सरकार से पूछे सवाल: पत्रकार वार्ता में डॉक्टर रमन सिंह ने सरकार से सवाल करते हुए कहा "क्या ऐसी स्थिति आ गई कि राज्य में रासुका लगाना पड़ा? 1 जनवरी 2023 को अधिसूचना प्रभावशील है. लेकिन इसकी जानकारी 12 जनवरी को क्यों दी गई. 12 दिन तक इस फैसले को छुपाकर क्यों रखा गया? आम नागरिकों को इस संबंध में जानकारी क्यों नहीं दी गई .यह स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, छत्तीसगढ़ में नया आपातकाल लगाया गया है और यह लोकतंत्र की हत्या है."

"धर्मांतरण विरोधी कानून लाएगी भाजपा": पत्रकार वार्ता में डॉ रमन सिंह ने कहा कि "छत्तीसगढ़ में अगर भाजपा की सरकार आती है, तो वह धर्मांतरण विरोधी कानून लेकर आएंगे. उसके साथ ही तत्काल रासुका को हटाया जाएगा. हमारी सरकार से मांग है कि तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून हटाया जाए." रमन सिंह ने बीजेपी की तरफ से रासुका को अविलंब हटाने की मांग की है. ऐसा नहीं करने पर कड़ी चेतावनी दी है

भाजपा ने आंदोलन की दी चेतावनी: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह ने कहा "सरकार अगर आने वाले दिनों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून नहीं हटाती है, तो भारतीय जनता पार्टी उसके खिलाफ आंदोलन करेगी. हम जन-जन तक जाकर इसके बारे में लोगों को बताएंगे और हर मोर्चे पर इसका विरोध होगा." बीजेपी अब इस मुद्दे पर हमलावर रुख अपनाएगी. यह बात रमन सिंह ने कही है.

रासुका है देश का कानून, केंद्र सरकार चाहे तो कर दे खत्म: भाजपा की तरफ से रासुका की तुलना आपातकाल से किए जाने पर सीएम बघेल ने कहा कि " मैंने पहले ही बोला है यह देश का कानून है केंद्र में उनकी सरकार है खत्म करवा दे क्यों नहीं करवाते. इस मसले पर अभी सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा वह कानून लाते क्यों नहीं, उन्हें कौन रोक रहा है. धर्मांतरण का विषय केवल 1 राज्यों में नहीं है सभी राज्य में है. केंद्र में कानून ले आए उनको रोक कौन रहा है. आपने 370 , नोटबंदी , जीएसटी लाया. वह हो गया इसे भी कर ले यहां रैली करने का क्या मतलब है. लोगों को भड़काने का क्या मतलब है. भाजपा को लोगों को लड़वाने में मजा आता है ,वह जोड़ने की बात नहीं करते वह तोड़ने की बात करते हैं"

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पर घमासान

रायपुर: भााजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा "राज्य सरकार ने 28 दिसंबर 2022 को अधिसूचना जारी की ,जो राजपत्र में 3 जनवरी को प्रकाशित हुआ है. इस अधिसूचना के माध्यम से राज्य की 31 कलेक्टर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने का अधिकार राज्य सरकार ने दिया है. यह अधिसूचना राज्य को आपातकाल में झोंकने जैसा है.

मुख्यमंत्री पर लगाया तानाशाही का आरोप: भााजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा "यह अधिसूचना सरकार के खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाने का एक षड्यंत्र है. साथ ही लोगों के संवैधानिक अधिकारों का हनन करने वाला है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस अधिसूचना के जरिए तानाशाही करना चाहते है."



"आदिवासियों की आवाज को कुचलने के लिए लाया रासुका": भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा "नारायणपुर में जो घटना हुई, लगातार वहां धर्मांतरण की शिकायत की गई. इसके बावजूद भी कोई ध्यान नहीं दिया गया. जिस प्रकार से गोर्रा गांव में आदिवासी समाज की बैठक में सशस्त्र हमला हुआ, यह सिद्ध करता है कि राज्य सरकार के संरक्षण में खुलेआम धर्मांतरण हो रहा, आदिवासी समाज पर अत्याचार हो रहा, उन्हीं को जेल में डाला गया. अब आदिवासी समाज को दबाने का काम राज्य सरकार ने किया है."



"सरकार के खिलाफ आंदोलन को दबाने लाई अधिसूचना": भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा "प्रदेश में लगातार सरकार के खिलाफ आंदोलन चल रहे हैं. राजधानी में धरना प्रदर्शन करने के लिए टेंट लगाने की जगह नहीं है, भेंट मुलाकात हेट मुलाकात बन गई हैं, मुख्यमंत्री को प्रश्न पूछने वाले लोगो को धमकाया गया, इस प्रकार सरकार के खिलाफ लगातार आजाव उठ रही है, उन आवाजो को दबाने के लिए यह अधिसूचना लाई गई है, और इसके माध्यम से राज्य सरकार ने प्रदेश को आपातकाल में झोंकने का काम किया हैं, लोकतंत्र के लिए यह ठीक नही है और हर स्तर पर हम इसका हर मोर्चो पर विरोध करेंगे, यह अधिसूचना हर वर्ग के लिए घातक अधिसूचना है.

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रमन सिंह का भूपेश सरकार पर गंभीर आरोप: रासुका को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि "यह राष्ट्रीय सुरक्षा कानून नहीं, बल्कि कांग्रेस सुरक्षा कानून है. कांग्रेस को सुरक्षा देने के लिए यह कानून बनाया गया है. रासुका में जो प्रावधान है, उसके तहत पुलिस को किसी भी समय किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर 1 साल के लिए बिना कारण बताए जेल में डाला जा सकता है. इसमें जमानत भी नहीं होगी. जिसे कांग्रेस निशाना बनाना चाहती है, उसे जेल में डाल सकती है. कांग्रेस ने एक बार फिर आपातकाल लगाने की साजिश की."

"धर्मांतरण को बढ़ावा देने की साजिश": रमन सिंह ने कहा कि "यह जो अधिनियम जारी किया गया है. सवाल यह उठता है कि आज कौन सी ऐसी समाजिक परिस्थिति उठ गई है, जो कांग्रेस कल तक विधानसभा में कानून व्यवस्था को बेहतर बताती थी, आज गंभीर कदम उठाने का क्या कारण है. क्या कानून व्यवस्था कांग्रेस सरकार के नियंत्रण से बाहर हो गई है. छत्तीसगढ़ में तुष्टीकरण और धर्मांतरण को लेकर राज्य सरकार काम कर रही है. सरकार ने एक धर्म विशेष के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए."



"दिल्ली से वापस आने के बाद रासुका लागू": रमन सिंह ने कांग्रेस पार्टी और बघेल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि "भूपेश बघेल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून जारी करने से पहले दिल्ली जाते हैं, सोनिया गांधी से मुलाकात करते हैं और सोनिया गांधी उन पर दबाव डालती हैं. सोनिया गांधी के दबाव से आदिवासियों को कुचलने की साजिश का यह अधिनियम जारी किया गया है. यह अधिनियम षड्यंत्र का हिस्सा है."

यह भी पढ़ें: अम्बिकापुर में भाजपा के आदिवासी सम्मेलन पर सीएम का तंज, नफरत फैलाने की साजिश का आरोप


डॉ रमन सिंह ने सरकार से पूछे सवाल: पत्रकार वार्ता में डॉक्टर रमन सिंह ने सरकार से सवाल करते हुए कहा "क्या ऐसी स्थिति आ गई कि राज्य में रासुका लगाना पड़ा? 1 जनवरी 2023 को अधिसूचना प्रभावशील है. लेकिन इसकी जानकारी 12 जनवरी को क्यों दी गई. 12 दिन तक इस फैसले को छुपाकर क्यों रखा गया? आम नागरिकों को इस संबंध में जानकारी क्यों नहीं दी गई .यह स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, छत्तीसगढ़ में नया आपातकाल लगाया गया है और यह लोकतंत्र की हत्या है."

"धर्मांतरण विरोधी कानून लाएगी भाजपा": पत्रकार वार्ता में डॉ रमन सिंह ने कहा कि "छत्तीसगढ़ में अगर भाजपा की सरकार आती है, तो वह धर्मांतरण विरोधी कानून लेकर आएंगे. उसके साथ ही तत्काल रासुका को हटाया जाएगा. हमारी सरकार से मांग है कि तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून हटाया जाए." रमन सिंह ने बीजेपी की तरफ से रासुका को अविलंब हटाने की मांग की है. ऐसा नहीं करने पर कड़ी चेतावनी दी है

भाजपा ने आंदोलन की दी चेतावनी: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह ने कहा "सरकार अगर आने वाले दिनों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून नहीं हटाती है, तो भारतीय जनता पार्टी उसके खिलाफ आंदोलन करेगी. हम जन-जन तक जाकर इसके बारे में लोगों को बताएंगे और हर मोर्चे पर इसका विरोध होगा." बीजेपी अब इस मुद्दे पर हमलावर रुख अपनाएगी. यह बात रमन सिंह ने कही है.

रासुका है देश का कानून, केंद्र सरकार चाहे तो कर दे खत्म: भाजपा की तरफ से रासुका की तुलना आपातकाल से किए जाने पर सीएम बघेल ने कहा कि " मैंने पहले ही बोला है यह देश का कानून है केंद्र में उनकी सरकार है खत्म करवा दे क्यों नहीं करवाते. इस मसले पर अभी सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा वह कानून लाते क्यों नहीं, उन्हें कौन रोक रहा है. धर्मांतरण का विषय केवल 1 राज्यों में नहीं है सभी राज्य में है. केंद्र में कानून ले आए उनको रोक कौन रहा है. आपने 370 , नोटबंदी , जीएसटी लाया. वह हो गया इसे भी कर ले यहां रैली करने का क्या मतलब है. लोगों को भड़काने का क्या मतलब है. भाजपा को लोगों को लड़वाने में मजा आता है ,वह जोड़ने की बात नहीं करते वह तोड़ने की बात करते हैं"

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