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कर्नाटक सरकार का बिटकॉइन घोटाले की दोबारा जांच के लिए एसआईटी गठन का आदेश

कर्नाटक में सिद्दारमैया की सरकार ने बिटकॉइन घोटाले की फिर से जांच कराने का फैसला किया है. सरकार ने सोमवार को सीआईडी के तहत एसआईटी के गठन का आदेश दिया है. कांग्रेस आरोप लगा रही है कि इस घोटाले में भाजपा नेता शामिल हैं.

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कर्नाटक के मुख्यंत्री सिद्दारमैया
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Published : Jul 3, 2023, 6:42 PM IST

बेंगलुरु : कांग्रेस सरकार ने सोमवार को एक आदेश जारी कर कर्नाटक में कथित तौर पर शीर्ष भाजपा नेताओं से जुड़े बिटकॉइन घोटाले की दोबारा जांच करने का निर्देश दिया है. जांच के लिए आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के तहत एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जा रहा है.

गृहमंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने सोमवार को कहा कि हमने पिछली भाजपा सरकार के दौरान लाखों करोड़ रुपये की हेराफेरी के बारे में चर्चा की थी. अब हमने दोबारा जांच के आदेश दिए हैं. सीआईडी के तहत एसआईटी का गठन किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि इस कांड की जांच पूरी होने में कितना वक्त लगेगा, कहा नहीं जा सकता. उन्होंने आगे कहा कि इस घोटाले में तकनीकी, अंतरराज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय मामले शामिल हैं. सूत्रों ने बताया कि बेंगलुरु में सीसीबी पुलिस द्वारा कथित अंतरराष्ट्रीय हैकर श्रीकांत उर्फ ​​श्रीकी की गिरफ्तारी के बाद बिटकॉइन घोटाला हुआ था.

मामले में यह आरोप लगाया गया था कि आरोपी हैकर का उपयोग करके, सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं ने 2020 में हिरासत में रहते हुए उसे घोटाला करने की अनुमति देकर भारी मात्रा में धन कमाया था.

पुलिस ने आरोपी को कथित तौर पर ड्रग्स बेचते हुए गिरफ्तार किया था. जांच से पता चला कि आरोपियों ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और सरकारी वेब पोर्टल को हैक करके 11 करोड़ रुपये की हेराफेरी की थी. उसने कथित तौर पर पैसे को बिटकॉइन में बदल दिया था और बेंगलुरु में ड्रग तस्करी को अंजाम दिया था.

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इससे पहले कई ट्वीट करके बिटकॉइन घोटाले को लेकर भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर निशाना साधा था. कांग्रेस नेता ने ट्वीट करते हुए सवाल किया, "इसमें (तत्कालीन गृहमंत्री) बसवराज बोम्मई और राज्य सरकार में दूसरे लोगों की भूमिका और जिम्मेदारी क्या है?"

कांग्रेस नेता ने आगे कहा था कि बिटकॉइन घोटाले की परतें आखिरकार खुल रही हैं. भारत के गृह मंत्री और मुख्यमंत्री बोम्मई को जवाब देने दीजिए. कर्नाटक भाजपा सरकार के तहत भारत के सबसे बड़े बिटकॉइन घोटाले की जांच के लिए एफबीआई भारत में है. यदि हां, तो राजनीतिक लोगों सहित जांच और संदिग्धों का विवरण जारी करें.

सुरजेवाला ने सवाल किया कि कितने बिटकॉइन चोरी हुए? और उनकी कीमत क्या थी? कर्नाटक में कौन-कौन शामिल हैं? क्या चुराए गए बिटकॉइन व्यवस्थित हैकर श्रीकृष्ण के वॉलेट से ट्रांसफर किए गए थे?

सुरजेवाला ने कहा कि क्या व्हेल अलर्ट में दो तारीखों 1 दिसंबर 2020 और 14 अप्रैल 2021 को 5240 करोड़ की कीमत के 14,682 चुराए गए बिटफिनेक्स बिटकॉइन के हस्तांतरण को दर्शाया गया है, जब श्री कृष्ण हिरासत में थे, इसका कोई संबंध है?

उन्होंने पूछा कि इंटरपोल को सूचना क्यों नहीं दी गई? भाजपा सरकार ने इंटरपोल को इस बारे में लिखने के लिए 24 अप्रैल 2021 तक 5 महीने से अधिक समय तक इंतजार क्यों किया, और वह भी 17 अप्रैल 2021 को श्री कृष्णा की रिलीज के बाद. उन्होंने यह भी सवाल किया कि कर्नाटक भाजपा सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सूचित क्यों नहीं किया?

ये भी पढ़ें : भ्रष्टाचार लगभग संस्थागत हो गया है : कर्नाटक के राज्यपाल

(आईएएनएस)

बेंगलुरु : कांग्रेस सरकार ने सोमवार को एक आदेश जारी कर कर्नाटक में कथित तौर पर शीर्ष भाजपा नेताओं से जुड़े बिटकॉइन घोटाले की दोबारा जांच करने का निर्देश दिया है. जांच के लिए आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के तहत एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जा रहा है.

गृहमंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने सोमवार को कहा कि हमने पिछली भाजपा सरकार के दौरान लाखों करोड़ रुपये की हेराफेरी के बारे में चर्चा की थी. अब हमने दोबारा जांच के आदेश दिए हैं. सीआईडी के तहत एसआईटी का गठन किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि इस कांड की जांच पूरी होने में कितना वक्त लगेगा, कहा नहीं जा सकता. उन्होंने आगे कहा कि इस घोटाले में तकनीकी, अंतरराज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय मामले शामिल हैं. सूत्रों ने बताया कि बेंगलुरु में सीसीबी पुलिस द्वारा कथित अंतरराष्ट्रीय हैकर श्रीकांत उर्फ ​​श्रीकी की गिरफ्तारी के बाद बिटकॉइन घोटाला हुआ था.

मामले में यह आरोप लगाया गया था कि आरोपी हैकर का उपयोग करके, सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं ने 2020 में हिरासत में रहते हुए उसे घोटाला करने की अनुमति देकर भारी मात्रा में धन कमाया था.

पुलिस ने आरोपी को कथित तौर पर ड्रग्स बेचते हुए गिरफ्तार किया था. जांच से पता चला कि आरोपियों ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और सरकारी वेब पोर्टल को हैक करके 11 करोड़ रुपये की हेराफेरी की थी. उसने कथित तौर पर पैसे को बिटकॉइन में बदल दिया था और बेंगलुरु में ड्रग तस्करी को अंजाम दिया था.

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इससे पहले कई ट्वीट करके बिटकॉइन घोटाले को लेकर भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर निशाना साधा था. कांग्रेस नेता ने ट्वीट करते हुए सवाल किया, "इसमें (तत्कालीन गृहमंत्री) बसवराज बोम्मई और राज्य सरकार में दूसरे लोगों की भूमिका और जिम्मेदारी क्या है?"

कांग्रेस नेता ने आगे कहा था कि बिटकॉइन घोटाले की परतें आखिरकार खुल रही हैं. भारत के गृह मंत्री और मुख्यमंत्री बोम्मई को जवाब देने दीजिए. कर्नाटक भाजपा सरकार के तहत भारत के सबसे बड़े बिटकॉइन घोटाले की जांच के लिए एफबीआई भारत में है. यदि हां, तो राजनीतिक लोगों सहित जांच और संदिग्धों का विवरण जारी करें.

सुरजेवाला ने सवाल किया कि कितने बिटकॉइन चोरी हुए? और उनकी कीमत क्या थी? कर्नाटक में कौन-कौन शामिल हैं? क्या चुराए गए बिटकॉइन व्यवस्थित हैकर श्रीकृष्ण के वॉलेट से ट्रांसफर किए गए थे?

सुरजेवाला ने कहा कि क्या व्हेल अलर्ट में दो तारीखों 1 दिसंबर 2020 और 14 अप्रैल 2021 को 5240 करोड़ की कीमत के 14,682 चुराए गए बिटफिनेक्स बिटकॉइन के हस्तांतरण को दर्शाया गया है, जब श्री कृष्ण हिरासत में थे, इसका कोई संबंध है?

उन्होंने पूछा कि इंटरपोल को सूचना क्यों नहीं दी गई? भाजपा सरकार ने इंटरपोल को इस बारे में लिखने के लिए 24 अप्रैल 2021 तक 5 महीने से अधिक समय तक इंतजार क्यों किया, और वह भी 17 अप्रैल 2021 को श्री कृष्णा की रिलीज के बाद. उन्होंने यह भी सवाल किया कि कर्नाटक भाजपा सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सूचित क्यों नहीं किया?

ये भी पढ़ें : भ्रष्टाचार लगभग संस्थागत हो गया है : कर्नाटक के राज्यपाल

(आईएएनएस)

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