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MP : इन रंग बिरंगी गोभियों में छिपा सेहत का राज, इम्युनिटी सिस्टम बढ़ाने में कारगर

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Published : Jan 24, 2021, 10:43 AM IST

खेती को लाभ का धंधा बनाने के साथ ही शहडोल में कुपोषण से जंग लड़ने की भी तैयारी की जा रही है. मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में कृषि विभाग ने नया प्रयोग करते हुए बायोफोर्टिफाइड गोभी की खेती को बढ़ावा दे रहा है. यह गोभियां दिखने में तो रंग बिरंगी होती है, लेकिन पोषक तत्वों से भरपूर है. जो इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मददगार साबित हो रही है. इतना ही नहीं किसान इसकी खेती करके मालामाल भी हो सकते हैं.

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रंग बिरंगी गोभियां

शहडोल (मध्यप्रदेश) : क्या आपने कभी ये सोचा है कि आप अपने पोषण वाटिका या अपने खेतों में ऐसी फूलगोभी की भी खेती आसानी से कर सकते हैं, जो न केवल कुपोषण से जंग लड़ने में आपके लिए सहायक होगी, बल्कि आपके इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी मददगार होगी. दिखने में रंग बिरंगी होगी तो वहीं कई पोषक तत्वों से भरपूर होगी. इतना ही नहीं किसान इससे मालामाल भी हो सकते हैं. ईटीवी भारत हर समय अपके लिए अलग-अलग तरह की चीजे लेकर आता रहता है. आज आपको बायोफोर्टीफाइड गोभी के बारे में बताएंगे, जिन जानकरियों से आप भी लाभ उठा सकते हैं.

बायोफोर्टीफाइड गोभी के फायदे

ये कोई साधारण गोभी नहीं, पोषक तत्वों की भरमार है
खाद्य वैज्ञानिक डॉक्टर अल्पना शर्मा बताती हैं कि कुपोषण की समस्या को ध्यान में रखते हुए ये नया प्रयोग किया गया है, जिससे खेतों में पोषण वाटिका में इस स्पेशल गोभी को लगाया जा सके, क्योंकि ये रंग बिरंगी दिखने वाली गोभियां सेहत के लिए काफी गुणकारी हैं. ये बायोफोर्टीफाइड गोभियां हैं. बायोफोर्टीफाइड से आप समझ सकते हैं कि उसमें कुछ तत्व ऐसे हैं, जो साधारण गोभियों की तुलना में कई गुना ज्यादा हैं. जैसे हम लोगों ने इस बार यहां ट्रायल के तौर पर पीली कलर की गोभी, पर्पल कलर, ब्रोकली हरे कलर की गोभी लगाई है, तो आपको इनके रंग से ही इसकी जानकारी हासिल हो जाएगी. वैसे भी ब्रोकली एंटीऑक्सिडेंट रिच होता है, हमारे शरीर में जो भी खराब तत्व होते हैं. उसे बाहर निकालने का काम ये करता है. एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है. ये गोभियां लोगों की सेहत के लिहाज से बहुत फायदेमंद हैं.

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बायोफोर्टीफाइड गोभी के फायदे

पीले-पर्पल कलर की गोभी पोषक तत्वों से भरपूर
पीले रंग की गोभी में कैरोटीन रिच होता है, हर कोई जानता है कि कैरोटीन हमारे शरीर के लिए कितना फायदेमंद होता है. पर्पल कलर की गोभी में जैन्थोसायनिन रिच होती है, तो ये भी हमारे सेहत लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद है. सभी के लिए चाहे वो फिर किसी भी एज ग्रुप की हों, चाहे बच्चे हो, बुजुर्ग हों, या फिर चाहे कोई भी हो, अगर कोई व्यक्ति बीमारी से लड़ रहा हो तो उसके लिए भी ये बहुत फायदेमंद है. यह सभी तरह की गोभियां बायोफोर्टिफाइड हैं और यह हमारे सेहत के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक हैं.

कुपोषण को दूर भगाने में होगा सहायक
खाद्य वैज्ञानिक डॉक्टर अल्पना शर्मा बताती हैं कि ये बायोफोर्टिफाइड गोभियां पोषक तत्वों से परिपूर्ण हैं, हमारे जिले में कुपोषण की समस्या चल रही है. जिसमें देखा जा रहा है कि बच्चों में खास कर विटामिन ए की कमी है. आयरन की कमी है, इन सभी चीजों के लिए बायोफोर्टीफाइड क्रॉप का प्रचलन लाना होगा. हमारी खेती किसानी में इनको ज्यादा से ज्यादा बढ़ाना होगा. घर-घर की पोषण वाटिका तक ले जाना होगा और अगर इसका इस्तेमाल आम लोगों में बढ़ता है, तो कुपोषण से लड़ाई में भी ये कारगर साबित होगा.

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पीली गोभी के फायदे

इम्यूनिटी बढ़ाने में कारगर
खाद्य वैज्ञानिक डॉक्टर अल्पना शर्मा का कहना है कि ये विशेष प्रकार की गोभियां इम्यूनिटी बढ़ाने में कारगर हैं. यह हमारे शरीर में रोगों से लड़ने की ताकत देती हैं. तो एक तरह से ये हमारे शरीर के इम्यूनिटी को बढ़ाता है. जो कोरोना के समय में बोला जा रहा है कि इम्यूनिटी आपको हाई रखनी है, तो इम्यूनिटी हाई रखने के तरीके में आप बायोफोर्टीफाइड क्रॉप पर जा सकते हैं.

जानिए क्या होती हैं बायोफोर्टिफाइड गोभियां ?
बायोफोर्टीफाइड गोभियां आप इसे साधारण भाषा में समझें तो उसमें किसी एक तत्व को बढ़ाकर डाला गया है. जेनेटिक में भी किसी एक तत्व को बढ़ाया गया है, जिसके चलते ये आपको रंग बिरंगी दिख रही हैं, इसीलिए साधारण गोभियों की तुलना में इसमें ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं.

पढ़ें :कभी पाक में थी उत्तराखंड के टमाटरों की मांग, आज राज्य में ही कोई नहीं पूछता

इसकी खेती के लिए जिले की मिट्टी और जलवायु अच्छी

कृषि वैज्ञानिक डॉ मृगेंद्र सिंह कहते हैं कि बायोफोर्टीफाइड गोभियों में न्यूट्रिशन ज्यादा होता है. ज्यादा पौष्टिक होती हैं और इन किस्मों की उपलब्धता हमारे बाजार में है. आसानी से इसके बीज विक्रेताओं के यहां इसके बीज भी उपलब्ध हैं. लोग आम गोभी की खेती करते हैं. उसी ढंग से इसकी भी खेती की जाती है. इसे जैविक रूप में किया जाए तो इसका और अच्छा टेस्ट रहता है. ये गोभियां काफी पोष्टिक होती हैं. हम लोगों ने अभी कृषि विज्ञान केंद्र में भी जो प्रयोग किया है, उसे खुले में किया है और किसान अपने खेतों में भी इसे लगा सकते हैं. हम चाहते हैं कि लोग, किसान इसे आकर देखें कि किस तरह से जैविक तरीके से इस बायोफोर्टिफाइड खेती की जा सकती है और ये पूरी तरह से सफल रहा है, खेती अच्छी हुई है.

किसान हो सकते हैं मालामाल
इन बायोफोर्टीफाइड किस्म की गोभियों को लगाकर किसान अच्छे खासे पैसे भी कमा सकता है. क्योंकि इन गोभियों के दाम भी बाजार में अच्छे ज्यादा मिलते हैं. रंग बिरंगे गोभियां होने की वजह और अलग तरह की दिखने की वजह से इन फूलगोभीयों की डिमांड भी मार्केट में अच्छी रहती है. वहीं पोषक तत्वों से भरपूर इन स्पेशल गोभियों को लोग पसंद भी बहुत करते हैं. ऐसे में किसान इन गोभियों की खेती करके मालामाल हो सकते हैं.

शहडोल (मध्यप्रदेश) : क्या आपने कभी ये सोचा है कि आप अपने पोषण वाटिका या अपने खेतों में ऐसी फूलगोभी की भी खेती आसानी से कर सकते हैं, जो न केवल कुपोषण से जंग लड़ने में आपके लिए सहायक होगी, बल्कि आपके इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी मददगार होगी. दिखने में रंग बिरंगी होगी तो वहीं कई पोषक तत्वों से भरपूर होगी. इतना ही नहीं किसान इससे मालामाल भी हो सकते हैं. ईटीवी भारत हर समय अपके लिए अलग-अलग तरह की चीजे लेकर आता रहता है. आज आपको बायोफोर्टीफाइड गोभी के बारे में बताएंगे, जिन जानकरियों से आप भी लाभ उठा सकते हैं.

बायोफोर्टीफाइड गोभी के फायदे

ये कोई साधारण गोभी नहीं, पोषक तत्वों की भरमार है
खाद्य वैज्ञानिक डॉक्टर अल्पना शर्मा बताती हैं कि कुपोषण की समस्या को ध्यान में रखते हुए ये नया प्रयोग किया गया है, जिससे खेतों में पोषण वाटिका में इस स्पेशल गोभी को लगाया जा सके, क्योंकि ये रंग बिरंगी दिखने वाली गोभियां सेहत के लिए काफी गुणकारी हैं. ये बायोफोर्टीफाइड गोभियां हैं. बायोफोर्टीफाइड से आप समझ सकते हैं कि उसमें कुछ तत्व ऐसे हैं, जो साधारण गोभियों की तुलना में कई गुना ज्यादा हैं. जैसे हम लोगों ने इस बार यहां ट्रायल के तौर पर पीली कलर की गोभी, पर्पल कलर, ब्रोकली हरे कलर की गोभी लगाई है, तो आपको इनके रंग से ही इसकी जानकारी हासिल हो जाएगी. वैसे भी ब्रोकली एंटीऑक्सिडेंट रिच होता है, हमारे शरीर में जो भी खराब तत्व होते हैं. उसे बाहर निकालने का काम ये करता है. एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है. ये गोभियां लोगों की सेहत के लिहाज से बहुत फायदेमंद हैं.

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बायोफोर्टीफाइड गोभी के फायदे

पीले-पर्पल कलर की गोभी पोषक तत्वों से भरपूर
पीले रंग की गोभी में कैरोटीन रिच होता है, हर कोई जानता है कि कैरोटीन हमारे शरीर के लिए कितना फायदेमंद होता है. पर्पल कलर की गोभी में जैन्थोसायनिन रिच होती है, तो ये भी हमारे सेहत लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद है. सभी के लिए चाहे वो फिर किसी भी एज ग्रुप की हों, चाहे बच्चे हो, बुजुर्ग हों, या फिर चाहे कोई भी हो, अगर कोई व्यक्ति बीमारी से लड़ रहा हो तो उसके लिए भी ये बहुत फायदेमंद है. यह सभी तरह की गोभियां बायोफोर्टिफाइड हैं और यह हमारे सेहत के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक हैं.

कुपोषण को दूर भगाने में होगा सहायक
खाद्य वैज्ञानिक डॉक्टर अल्पना शर्मा बताती हैं कि ये बायोफोर्टिफाइड गोभियां पोषक तत्वों से परिपूर्ण हैं, हमारे जिले में कुपोषण की समस्या चल रही है. जिसमें देखा जा रहा है कि बच्चों में खास कर विटामिन ए की कमी है. आयरन की कमी है, इन सभी चीजों के लिए बायोफोर्टीफाइड क्रॉप का प्रचलन लाना होगा. हमारी खेती किसानी में इनको ज्यादा से ज्यादा बढ़ाना होगा. घर-घर की पोषण वाटिका तक ले जाना होगा और अगर इसका इस्तेमाल आम लोगों में बढ़ता है, तो कुपोषण से लड़ाई में भी ये कारगर साबित होगा.

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पीली गोभी के फायदे

इम्यूनिटी बढ़ाने में कारगर
खाद्य वैज्ञानिक डॉक्टर अल्पना शर्मा का कहना है कि ये विशेष प्रकार की गोभियां इम्यूनिटी बढ़ाने में कारगर हैं. यह हमारे शरीर में रोगों से लड़ने की ताकत देती हैं. तो एक तरह से ये हमारे शरीर के इम्यूनिटी को बढ़ाता है. जो कोरोना के समय में बोला जा रहा है कि इम्यूनिटी आपको हाई रखनी है, तो इम्यूनिटी हाई रखने के तरीके में आप बायोफोर्टीफाइड क्रॉप पर जा सकते हैं.

जानिए क्या होती हैं बायोफोर्टिफाइड गोभियां ?
बायोफोर्टीफाइड गोभियां आप इसे साधारण भाषा में समझें तो उसमें किसी एक तत्व को बढ़ाकर डाला गया है. जेनेटिक में भी किसी एक तत्व को बढ़ाया गया है, जिसके चलते ये आपको रंग बिरंगी दिख रही हैं, इसीलिए साधारण गोभियों की तुलना में इसमें ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं.

पढ़ें :कभी पाक में थी उत्तराखंड के टमाटरों की मांग, आज राज्य में ही कोई नहीं पूछता

इसकी खेती के लिए जिले की मिट्टी और जलवायु अच्छी

कृषि वैज्ञानिक डॉ मृगेंद्र सिंह कहते हैं कि बायोफोर्टीफाइड गोभियों में न्यूट्रिशन ज्यादा होता है. ज्यादा पौष्टिक होती हैं और इन किस्मों की उपलब्धता हमारे बाजार में है. आसानी से इसके बीज विक्रेताओं के यहां इसके बीज भी उपलब्ध हैं. लोग आम गोभी की खेती करते हैं. उसी ढंग से इसकी भी खेती की जाती है. इसे जैविक रूप में किया जाए तो इसका और अच्छा टेस्ट रहता है. ये गोभियां काफी पोष्टिक होती हैं. हम लोगों ने अभी कृषि विज्ञान केंद्र में भी जो प्रयोग किया है, उसे खुले में किया है और किसान अपने खेतों में भी इसे लगा सकते हैं. हम चाहते हैं कि लोग, किसान इसे आकर देखें कि किस तरह से जैविक तरीके से इस बायोफोर्टिफाइड खेती की जा सकती है और ये पूरी तरह से सफल रहा है, खेती अच्छी हुई है.

किसान हो सकते हैं मालामाल
इन बायोफोर्टीफाइड किस्म की गोभियों को लगाकर किसान अच्छे खासे पैसे भी कमा सकता है. क्योंकि इन गोभियों के दाम भी बाजार में अच्छे ज्यादा मिलते हैं. रंग बिरंगे गोभियां होने की वजह और अलग तरह की दिखने की वजह से इन फूलगोभीयों की डिमांड भी मार्केट में अच्छी रहती है. वहीं पोषक तत्वों से भरपूर इन स्पेशल गोभियों को लोग पसंद भी बहुत करते हैं. ऐसे में किसान इन गोभियों की खेती करके मालामाल हो सकते हैं.

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