नई दिल्ली/इस्लामाबाद : पाक की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (ICJ) के दबाव के आगे आखिरकार पाकिस्तान को झुकना पड़ा है. जाधव को अपील करने का अधिकार देने के लिए पाकिस्तान की संसद की संयुक्त बैठक में एक विधेयक पारित किया गया है. अब जाधव अपनी सजा के खिलाफ ऊपरी अदालतों में अपील कर पाएंगे.
पाकिस्तान की संसद ने बुधवार को अपनी संयुक्त बैठक में मौत की सजा प्राप्त भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को सैन्य अदालत द्वारा उनकी दोषसिद्धि के खिलाफ समीक्षा अपील दायर करने का अधिकार देने के लिए एक कानून बनाया.
भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (51) को अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. भारत ने जाधव तक राजनयिक पहुंच देने और मौत की सजा को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का रुख किया था.
दोनों पक्षों को सुनने के बाद हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जुलाई 2019 में फैसला दिया जिसमें पाकिस्तान से भारत को जाधव तक राजनयिक पहुंच देने और उनकी सजा की समीक्षा सुनिश्चित करने को कहा गया.
बुधवार को सीनेट और नेशनल असेंबली के सदस्यों की संयुक्त बैठक को कुछ कानूनों को पारित करने के लिए बुलाया गया, जिसे नेशनल असेंबली में इस साल जून में पारित किया गया था. इनमें जाधव को उनकी सजा के खिलाफ अपील करने के लिए अधिकार देने वाला एक कानून भी शामिल था. इन कानूनों को ऊपरी सदन ने मंजूरी नहीं दी थी.
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अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (समीक्षा और पुनर्विचार) विधेयक, 2021 का उद्देश्य आईसीजे के फैसले के तहत दायित्व को पूरा करना है और इसे कानून मंत्री फारोग नसीम द्वारा प्रस्तुत किया गया और सदन की संयुक्त बैठक में ध्वनि मत से पारित किया गया. इस कानून ने जाधव को एक समीक्षा प्रक्रिया के माध्यम से उच्च न्यायालय में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती देने की अनुमति दी है जो आईसीजे के फैसले के तहत जरूरी था.
संसद की संयुक्त बैठक तब बुलाई जाती है जब नेशनल असेंबली और सीनेट के बीच मतभेद दूर होने के आसार न हों. वर्तमान गतिरोध इस तथ्य के कारण था कि सत्तारूढ़ पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ और सहयोगी दलों को नेशनल असेंबली में बहुमत प्राप्त है लेकिन सीनेट या उच्च सदन में अल्पमत में हैं.
इससे पहले, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (समीक्षा और पुनर्विचार) विधेयक, 2020 जून में नेशनल असेंबली द्वारा पारित 21 विधेयकों में से एक था, लेकिन सीनेट ने उन्हें पारित करने से इनकार कर दिया था. संयुक्त बैठक में पारित अन्य कानूनों में इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के उपयोग के माध्यम से विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिक को मताधिकार देने के लिए एक महत्वपूर्ण विधेयक भी शामिल है.