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Bilaspur Wonder Boy Armaan Ubhrani : सेकेंडों में हल करता है मैथ्स के सवाल, कई रिकॉर्ड किए अपने नाम - अरमान सेकेंडों में हल करता है मैथ्स के सवाल

बिलासपुर का अरमान उभरानी (Bilaspur Wonder Boy Armaan Ubhrani ) तो महज पांच साल का है. लेकिन अरमान का दिमाग कंप्यूटर से भी तेज चलता है. अरमान पल में गणित (Like mathematician Armaan solves maths problems) के कठिन से कठिन सवाल को हल कर लेता है.

BILASPUR WONDER BOY ARMAAN UBHRANI LIKE MATHEMATICIAN ARMAAN SOLVES MATHS PROBLEMS MANY RECORDS IN NAME OF ARMAAN
Bilaspur Wonder Boy Armaan Ubhrani : आर्यभट्ट की तरह अरमान सेकेंडों में हल करता है मैथ्स के सवाल, कई रिकॉर्ड किए अपने नाम
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Published : Apr 1, 2022, 8:41 AM IST

बिलासपुर: महज 5 साल की उम्र में बिलासपुर के अरमान ने गुणांक (Bilaspur Wonder Boy Armaan Ubhrani) में सबसे कम समय में सवाल को हल करने महारत हासिल की है. अरमान उभरानी ने मैथ्स के सवाल हल करने में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, हावर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड और ऑनलाइन वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. इस तरह के रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराकर अरमान ने सभी को चौंका दिया है.बिलासपुर के तोरवा के रहने वाले मनीष उभरानी का पांच साल का मासूम बेटा अरमान गणित (Many records in name of Armaan) के सवालों को ऐसे हल करता है मानो जैसे कोई गणितज्ञ सवाल को हल कर रहा हो. अरमान का दिमाग कम्प्यूटर की तरह चलता है.

वह 2 से 26 तक का टेबल फटाफट सुना देता है. उसकी बहुगुणी उपलब्धि की चर्चा आज पूरी दुनिया में हो रही है. उसने महज पांच साल की उम्र में अपने पूरे परिवार का नाम रौशन कर दिया है. उसके यही गुण की वजह से आज उसके नाम तीन बड़े रिकॉर्ड बन गए हैं. अरमान ने 5 साल की उम्र में दो-दो वर्ल्ड रिकार्ड और इंडिया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए हैं. अरमान उभरानी के इस प्रतिभा को देखकर साल 2022 में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के साथ ही लंदन के हावर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड से उसे नवाजा गया है.

बिलासपुर का अरमान उभरानी

खेलने कूदने की उम्र में हल करता है गणित के कठिन सवाल: इस अवॉर्ड के साथ ही वह सबसे कम उम्र में गणित के गुणांक को हल करने वाला शख्स बन गया है. अरमान जैसे दूसरे बच्चे जिस उम्र में खेलना और सही ढंग से बोलना सीखते हैं, उस उम्र में अरमान गणित के सवालों को हल करता है. विलक्षण प्रतिभा के धनी अरमान को 2 से 26 तक का टेबल ऐसे याद है मानो जैसे एबीसीडी हो. अरमान की मां सायना उभरानी ने बताया कि अरमान को जब उन्होंने पढ़ना शुरू किया तो देखा कि वो गणित के सवालों पर ज्यादा ध्यान देता है और खास कर गुणांक के सवालों को वह इंटरेस्ट लेकर हल करता है. वह खेल-खेल में टेबल पढ़ता है और गणित से जुड़े सवाल बार-बार उनसे पूछता है.

अरमान हर समय गणित की बात करता है: पूरे समय अरमान गणित की बात करता है और हर खेल में गणित के सूत्र बोलता रहता है. अरमान की मां सायना ने बताया कि उससे जब पूछते है कि बड़े होकर क्या करोगे तो वो रोबोट बनाने की बात करता है. सायना ने कहा कि, अभी तो वो बच्चा है इसलिए बोलता है, लेकिन देखेंगे कि आगे वो क्या करता है. अरमान जो भी आगे करना चाहेगा उसे हम वही कराएंगे. उस पर कोई प्रेशर नहीं देंगे कि उसे क्या करना है.

84 सवालों को मात्र 16 मिनट में हल करता है अरमान: अरमान के पिता पेशे से दाल मिल संचालक हैं और वह भी बैडमिंटन के नेशनल खिलाड़ी हैं. उन्होंने बताया कि शुरुआत में तो उन्होंने अरमान की इस प्रतिभा पर ध्यान नहीं दिया था. लेकिन बाद में जब अरमान की मां ने उन्हें बताया कि उनके बेटा के अंदर यह प्रतिभा बढ़ रही है. तब वे भी उस पर ध्यान देने लगे. हालांकि अरमान के पिता मनीष उभरानी ने बताया कि अरमान के रिकॉर्ड होल्डर होने और उसकी इस प्रतिभा को उभारने का पूरा श्रेय उसकी मां सायना को जाता है. इसके साथ ही मनीष ने कहा कि अपने रिकॉर्ड और अचीवमेंट को वो कम मानते हैं, क्योंकि उनके बेटे अरमान ने आज उन्हें एक नई पहचान दी है. उन्हें बहुत खुशी है कि उनका बेटा विलक्षण प्रतिभा का धनी है.

अरमान के दादा, दादी ने कहा 'असल से ज्यादा सूद की कीमत': अरमान के इस अचीवमेंट को लेकर उसके दादा-दादी का कहना है कि, उन्हें उनके बेटे और बहू पर नाज है. वह दोनों ही बैडमिंटन के नेशनल प्लेयर हैं, लेकिन वह कहते हैं कि असल से ज्यादा सूद की कीमत होती है. यानी उनका कहना कि उनके पोते के अचीवमेंट के सामने उनके बेटे और बहू का अचीवमेंट कुछ भी नहीं है. वह बहुत ही खुश हैं कि महज 5 साल की उम्र में ही उनके पोते ने उनका नाम रौशन कर दिया है. जिस उम्र में वे स्वयं एबीसीडी सीखते थे और स्कूल जाना शुरू किए थे उस उम्र में उनके पोते ने उन्हें पूरे शहर में उन्हें नई पहचान दी है. उनके दादा का कहना है कि इस उम्र में उन्होंने स्कूल जाने की शुरुआत की थी. लेकिन उनके पोते ने जो नाम और शोहरत उन्हें दी है उससे वे अभिभूत हैं.

ये भी पढ़ें- भाई हों तो ऐसे, दिव्यांग बहन को डोली में ले जाते हैं एग्जाम सेंटर तक

अरमान के नाम कई रिकॉर्ड :अरमान का रिकॉर्ड है कि उसने गणित के गुणांक को मिनटों में हल करने की क्षमता रखते हुए ऑनलाइन कॉम्पिटिशन में 2 से 20 तक के टेबल को 8 मिनट 3 सेकंड में हल करके हावर्ड वर्ल्ड रिकार्ड में अपना दर्ज किया है. अरमान ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए ऑनलाइन ली गई परीक्षा में गणित के 86 प्रश्नों को मात्र 16 मिनट में हल कर वर्ल्ड रिकॉर्ड पर कब्जा जमा लिया और यही नहीं अरमान ने 100 गुणांक को 3 गुणा कर मात्र 12 मिनट 8 सेकंड में हल करके अपने ही पहले के रिकॉर्ड को तोड़ने में कामयाबी हासिल कर ली. महज 5 साल के बच्चे अरमान ने 3-3 रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं.

बिलासपुर: महज 5 साल की उम्र में बिलासपुर के अरमान ने गुणांक (Bilaspur Wonder Boy Armaan Ubhrani) में सबसे कम समय में सवाल को हल करने महारत हासिल की है. अरमान उभरानी ने मैथ्स के सवाल हल करने में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, हावर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड और ऑनलाइन वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. इस तरह के रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराकर अरमान ने सभी को चौंका दिया है.बिलासपुर के तोरवा के रहने वाले मनीष उभरानी का पांच साल का मासूम बेटा अरमान गणित (Many records in name of Armaan) के सवालों को ऐसे हल करता है मानो जैसे कोई गणितज्ञ सवाल को हल कर रहा हो. अरमान का दिमाग कम्प्यूटर की तरह चलता है.

वह 2 से 26 तक का टेबल फटाफट सुना देता है. उसकी बहुगुणी उपलब्धि की चर्चा आज पूरी दुनिया में हो रही है. उसने महज पांच साल की उम्र में अपने पूरे परिवार का नाम रौशन कर दिया है. उसके यही गुण की वजह से आज उसके नाम तीन बड़े रिकॉर्ड बन गए हैं. अरमान ने 5 साल की उम्र में दो-दो वर्ल्ड रिकार्ड और इंडिया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए हैं. अरमान उभरानी के इस प्रतिभा को देखकर साल 2022 में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के साथ ही लंदन के हावर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड से उसे नवाजा गया है.

बिलासपुर का अरमान उभरानी

खेलने कूदने की उम्र में हल करता है गणित के कठिन सवाल: इस अवॉर्ड के साथ ही वह सबसे कम उम्र में गणित के गुणांक को हल करने वाला शख्स बन गया है. अरमान जैसे दूसरे बच्चे जिस उम्र में खेलना और सही ढंग से बोलना सीखते हैं, उस उम्र में अरमान गणित के सवालों को हल करता है. विलक्षण प्रतिभा के धनी अरमान को 2 से 26 तक का टेबल ऐसे याद है मानो जैसे एबीसीडी हो. अरमान की मां सायना उभरानी ने बताया कि अरमान को जब उन्होंने पढ़ना शुरू किया तो देखा कि वो गणित के सवालों पर ज्यादा ध्यान देता है और खास कर गुणांक के सवालों को वह इंटरेस्ट लेकर हल करता है. वह खेल-खेल में टेबल पढ़ता है और गणित से जुड़े सवाल बार-बार उनसे पूछता है.

अरमान हर समय गणित की बात करता है: पूरे समय अरमान गणित की बात करता है और हर खेल में गणित के सूत्र बोलता रहता है. अरमान की मां सायना ने बताया कि उससे जब पूछते है कि बड़े होकर क्या करोगे तो वो रोबोट बनाने की बात करता है. सायना ने कहा कि, अभी तो वो बच्चा है इसलिए बोलता है, लेकिन देखेंगे कि आगे वो क्या करता है. अरमान जो भी आगे करना चाहेगा उसे हम वही कराएंगे. उस पर कोई प्रेशर नहीं देंगे कि उसे क्या करना है.

84 सवालों को मात्र 16 मिनट में हल करता है अरमान: अरमान के पिता पेशे से दाल मिल संचालक हैं और वह भी बैडमिंटन के नेशनल खिलाड़ी हैं. उन्होंने बताया कि शुरुआत में तो उन्होंने अरमान की इस प्रतिभा पर ध्यान नहीं दिया था. लेकिन बाद में जब अरमान की मां ने उन्हें बताया कि उनके बेटा के अंदर यह प्रतिभा बढ़ रही है. तब वे भी उस पर ध्यान देने लगे. हालांकि अरमान के पिता मनीष उभरानी ने बताया कि अरमान के रिकॉर्ड होल्डर होने और उसकी इस प्रतिभा को उभारने का पूरा श्रेय उसकी मां सायना को जाता है. इसके साथ ही मनीष ने कहा कि अपने रिकॉर्ड और अचीवमेंट को वो कम मानते हैं, क्योंकि उनके बेटे अरमान ने आज उन्हें एक नई पहचान दी है. उन्हें बहुत खुशी है कि उनका बेटा विलक्षण प्रतिभा का धनी है.

अरमान के दादा, दादी ने कहा 'असल से ज्यादा सूद की कीमत': अरमान के इस अचीवमेंट को लेकर उसके दादा-दादी का कहना है कि, उन्हें उनके बेटे और बहू पर नाज है. वह दोनों ही बैडमिंटन के नेशनल प्लेयर हैं, लेकिन वह कहते हैं कि असल से ज्यादा सूद की कीमत होती है. यानी उनका कहना कि उनके पोते के अचीवमेंट के सामने उनके बेटे और बहू का अचीवमेंट कुछ भी नहीं है. वह बहुत ही खुश हैं कि महज 5 साल की उम्र में ही उनके पोते ने उनका नाम रौशन कर दिया है. जिस उम्र में वे स्वयं एबीसीडी सीखते थे और स्कूल जाना शुरू किए थे उस उम्र में उनके पोते ने उन्हें पूरे शहर में उन्हें नई पहचान दी है. उनके दादा का कहना है कि इस उम्र में उन्होंने स्कूल जाने की शुरुआत की थी. लेकिन उनके पोते ने जो नाम और शोहरत उन्हें दी है उससे वे अभिभूत हैं.

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अरमान के नाम कई रिकॉर्ड :अरमान का रिकॉर्ड है कि उसने गणित के गुणांक को मिनटों में हल करने की क्षमता रखते हुए ऑनलाइन कॉम्पिटिशन में 2 से 20 तक के टेबल को 8 मिनट 3 सेकंड में हल करके हावर्ड वर्ल्ड रिकार्ड में अपना दर्ज किया है. अरमान ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए ऑनलाइन ली गई परीक्षा में गणित के 86 प्रश्नों को मात्र 16 मिनट में हल कर वर्ल्ड रिकॉर्ड पर कब्जा जमा लिया और यही नहीं अरमान ने 100 गुणांक को 3 गुणा कर मात्र 12 मिनट 8 सेकंड में हल करके अपने ही पहले के रिकॉर्ड को तोड़ने में कामयाबी हासिल कर ली. महज 5 साल के बच्चे अरमान ने 3-3 रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं.

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