मोतिहारी: विश्व के सबसे ऊंचे और भव्य विराट रामायण मंदिर का निर्माण (Ramayan Temple Bihar) पूर्वी चम्पारण के कल्याणपुर प्रखंड के कैथवलिया गांव में मंगलवार से शुरू हो गया है. साल 2025 महाशिवरात्रि के दिन तक इस मंदिर के बनकर तैयार होने की उम्मीद है. इस मंदिर में विशाल शिवलिंग की स्थापना की जाएगी, जो एक खास पत्थर का बना होगा.
ये भी पढ़ें: विराट रामायण मंदिर: ऐसा शिवलिंग बनेगा जो पूरे विश्व में नहीं
विराट रामायण मंदिर का निर्माण शुरू : बता दें कि विराट रामायण मंदिर बिहार के पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) जिले के केसरिया-चकिया मार्ग पर बन रहा है. मंगलवार सुबह 11 बजे पटना महावीर मंदिर न्यास समिति के प्रमुख आचार्य किशोर कुणाल ने पूजा की, जिसके बाद मंदिर निर्माण के लिए मशीन से जमीन की खुदाई का काम शुरू किया गया. मंदिर के शिलान्यास को लेकर स्थानीय लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला. हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाकर मजदूरों का उत्साहवर्धन बढ़ाया.
यहां रुकी थी प्रभु श्रीराम की बारात : इस मौके पर पटना महावीर मंदिर न्यास समिति के प्रमुख आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि, भगवान श्री राम की बारात जहां ठहरी थी, वहीं मंदिर का निर्माण होना तय था, जिसकी शुरुआत आज हो गई है. मेरे लिए राम मंदिर सर्वोपरि है. अयोध्या, जनकपुर के रास्ते पर जब यह विराट रामायण मंदिर बन बन जाएगा तो निश्चित तौर पर इसकी भी चर्चा जरूर होगी. जो भक्त राम मंदिर दर्शन के लिए जाएंगे और वहां से जनकपुर के लिए निकलेंगे तो बीच में विराट रामायण मंदिर का दर्शन जरूर करेंगे.
कब तक पूरा होगा मंदिर निर्माण का काम? : आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि, भगवान की इच्छा से यहां पर विराट रामायण मंदिर बन रहा है. 2025 तक मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण होने का लक्ष्य रखा गया है. मंदिर निर्माण के बाद और कई सारी परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए रोड मैप तैयार कर लिया गया है. हेलीपैड से लेकर विवाह भवन के साथ-साथ पर्यटन स्थल में शामिल करने के लिए भी तैयारी है.
''मंदिर की जो परिकल्पना थी जो सोच थी वो वीर बजरंगबली की कृपा से आज मनोरथ पूर्ण हो गया. लोग काम कर रहे हैं, या जो लोग भी भगवान में आस्था रखते हैं. आस्था के तहत इस भव्य मंदिर का निर्माण भी पूरा हो जाएगा.'' - आचार्य किशोर कुणाल, पटना महावीर मंदिर न्यास समिति के प्रमुख
मंदिर निर्माण में बिहार के कामगारों को मौका : इस मंदिर का निर्माण कार्य इंफ्रा सनटेक इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है. कंपनी के डायरेक्टर सरवन झा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि मंदिर के निर्माण कार्य के लिए बिहार के 90 फीसदी कामगार मजदूरों को मौका दिया गया है. अभी दो मशीन से इसकी शुरुआत की गई है.
''मंदिर निर्माण में सेफ्टी और गुणवत्ता का विशेष ध्यान दिया जाएगा. बरसात के समय में और मशीनें लगाई जाएंगी, जिससे समय पर मंदिर निर्माण का कार्य पूरा किया जा सकेगा. इसी के साथ, आज से पाइलिंग का काम शुरू किया गया है.'' - सरवन झा, डायरेक्टर, इंफ्रा सनटेक इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड
विश्व का सबसे विराट रामायण मंदिर : बताया जाता है कि विराट रामायण मंदिर कंबोडिया में विश्व प्रसिद्ध 12वीं शताब्दी के अंकोरवाट परिसर से भी ऊंचा है, जो 215 फीट ऊंचा है. विराट रामायण मंदिर की लंबाई 1080 फीट और चौड़ाई 540 फीट है. इस मंदिर परिसर में ऊंचे शिखरों वाले 18 मंदिर होंगे और इसके शिव मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग होगा. शिवलिंग 33 फुट ऊंचा और 33 फुट चौड़ा होगा. ब्लैक ग्रेनाइट पत्थरों से इसका निर्माण महाबलीपुरम में कराया जा रहा है.
सहस्त्रलिंगम की तरह होगा शिवलिंग : इस शिवलिंग का निर्माण सहस्त्रलिंगम की तरह होगा, यानी एक शिवलिंग में एक हजार आठ शिवलिंग बैठाया जाएगा. आठवीं सदी में इस तरह के शिवलिंग का निर्माण होता था. इसके अलावा यहां चार मुनियों के नाम पर चार आश्रम का भी निर्माण होगा. शिखर के निर्माण के लिए दक्षिण भारत से विशेषज्ञ बुलाए जाएंगे. यह मंदिर सुंदर वास्तुशिल्प का उदाहरण बनेगा.
कंबोडिया ने मंदिर को लेकर जताई थी आपत्ति : बता दें कि कंबोडिया सरकार की आपत्ति की वजह से रामायण मंदिर का काम पिछले कई सालों से अटका हुआ था. दरअसल, कंबोडिया सरकार ने मंदिर के नाम को लेकर साल 2012 में आपत्ति जताई थी. उनका कहना था कि बिहार के केसरिया में बनने वाला विराट रामायण मंदिर कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर का प्रतिरूप है. इसके बाद दोनों तरफ से बातचीत का बाद मामला सुलझ गया और पांच साल बाद मंदिर निर्माण का काम शुरू हो गया.