पटना : बात इतिहास की है, जब बिहार का नाम मगध हुआ करता था और राजधानी पटना का नाम पाटलिपुत्र. उस मगध राज्य के तख्तापलट के लिए चाणक्य ने सौगंध ली थी कि जब तक वह मगध के राजा 'घनानंद' को सिंहासन से उतार नहीं देंगे, तब तक वह अपनी शिखा (चोटी) नहीं बांधेंगे. हजारों साल बाद आज भी कमोबेश कुछ ऐसी ही सौगंध और प्रतिज्ञा ली जा रही है.
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बिहार के दो नेताओं की 'चाणक्य प्रतिज्ञा' : एक तरफ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने प्रण लिया है कि जब तक नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद से हटा नहीं देंगे, तब तक वह अपनी पगड़ी नहीं खोलेंगे. तो वहीं, दूसरी बिहार की भावी मुख्यमंत्री के तौर पर चर्चित पुष्पम प्रिया चौधरी की प्रतिज्ञा है. पुष्पम प्रिया चौधरी ने प्रण लिया है कि जब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पद से हटा नहीं देंगी तब तक वह अपने चेहरे का मास्क नहीं हटाएंगी.
क्या है पुष्पम प्रिया चौधरी की प्रतिज्ञा ? : प्लूरल के नाम से राजनीतिक पार्टी चला रहीं पुष्पम प्रिया चौधरी के पिता विनोद कुमार चौधरी का हाल में निधन हो गया था. जब उनके अंतिम संस्कार में पुष्पम प्रिया चौधरी लंदन से दरभंगा पहुंची थीं. उस दौरान वह लगातार मास्क लगाकर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूरा कर रही थीं. पुष्पम प्रिया चौधरी ने अपने पिता को खुद ही मुखाग्नि दी. जब उनसे पूछा गया कि वह लगातार मास्क क्यों लगाई हुई हैं? जबकि अभी कोरोना का भी खतरा नहीं है, तो उन्होंने बताया कि-
''जिस दिन मैं चुनाव जीतूंगी, उस दिन मास्क हटाउंगी. मेरा प्रण मेरे पिताजी के जाने के बाद और भी गहरा हो गया है. पिताजी चाहते थे कि बिहार बदले, बिहार की तरक्की हो. पिताजी का तरीका अलग था और मेरा तरीका अलग है.''
बिहार की बदहाली से जीतना है - पुष्पम : पुष्पम प्रिया चौधरी ने आगे कहा कि पिता जी ने मेरी बहुत इज्जत की है. उन्होंने मुझे बहुत इज्जत दी है. पिताजी के सबसे चहेते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तरीकों से जब मैं सहमत नहीं थी, ये सभी जानते हुए भी, उन्होंने मुझे कुछ नहीं कहा, मेरा विरोध नहीं किया. जब सवाल किया गया कि आखिर किससे जीतना चाहती हैं तो, उन्होंने कहा कि बिहार की बदहाली से हम जितना चाहते हैं.
'मेरी भाषा लोगों को समझ नहीं आ रही' : पुष्पम ने कहा कि लोगों को मेरी भाषा समझ में नहीं आ रही है. शायद लोगों को बदहाली में रहने की आदत हो गई है. जो मुझे नजर आता है कि हम कितना बेहतर हो सकते हैं, कितना आगे जा सकते हैं, शायद यही कारण है कि मैं यहां हूं, यहां होने का कारण भी यही है नहीं तो, यहां होने का कारण कुछ हो भी नहीं सकता है, क्योंकि एक बार जो यहां से निकल जाता है वह दोबारा लौटना नहीं चाहता. मुझे उसी से जीतना है, कोई बाहर से आकर नहीं जीतेगा, हमें यहीं रह कर जीतना होगा.
'जबतक हराएंगे नहीं, पगड़ी खोलेंगे नहीं' : इधर, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने भी प्रण लिया है कि जब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनकी गद्दी से हटा नहीं देते तब तक, वह अपनी पगड़ी नहीं खोलेंगे. सम्राट चौधरी लगातार गेरुए रंग की पगड़ी अपने सिर पर बांधे रहते हैं. जब भी उनसे कोई कुछ इस पगड़ी के बारे में पूछता है तो वह साफ कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब तक बिहार के मुख्यमंत्री पद से हट नहीं जाते, तब तक वह पगड़ी नहीं खोलेंगे.
जब सीएम का हुआ सम्राट से सामना : मॉनसून सत्र में जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सम्राट चौधरी के सामने आए और नीतीश कुमार ने भरी सभा में उनसे पूछ लिया की पगड़ी क्यों बांधे हैं तो, सम्राट चौधरी ने उन्हें जवाब दिया कि ''जब तक आप मुख्यमंत्री पद से हटेंगे नहीं, तब तक यह पगड़ी नहीं खोलेंगे.''