पलामू: बिहार एनआईए की टीम ने झारखंड के पलामू जिले में छापेमारी की है. यह छापेमारी टॉप माओवादी अभिजीत यादव और प्रसाद यादव के घर में की गई है. एनआईए की टीम दोनों माओवादियों के घर में विभिन्न दस्तावेजों को खंगाल रही है. टॉप माओवादी अभिजीत यादव का घर पलामू जिले के छतरपुर थाना क्षेत्र के बंधुडीह गांव में है. वहीं प्रसाद यादव का घर छतरपुर थाना क्षेत्र के बगैया गांव में है.
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औरंगाबाद में हुए नक्सल हमले की जांच कर रही टीम: दरअसल, बिहार के औरंगाबाद के मदनपुर के इलाके में 2015-16 में बड़ा नक्सल हमला हुआ था. इस हमले में कई जवान शहीद हुए थे. इसी मामले की जांच बिहार एनआईए की टीम कर रही है. इसी कड़ी में बिहार एनआईए की करीब 12 सदस्यीय टीम ने बुधवार को पलामू पहुंच अभिजीत यादव और प्रसाद यादव के घर में छापेमारी की है.
अभिजीत यादव पर झारखंड सरकार ने 10 लाख रुपए का इनाम नाम रखा है, जबकि प्रसाद यादव पर पांच लाख रुपए का इनाम है. चार महीने पहले बिहार के गया से एसटीएफ ने अभिजीत यादव को गिरफ्तार किया था. वहीं पांच महीने पहले पलामू पुलिस ने प्रसाद यादव को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था. अभिजीत यादव के खिलाफ यूएपीए की धाराओं में ईडी ने भी पहले कार्रवाई की है और उसके करोड़ों की संपत्ति को जब्त किया है.
70 से भी ज्यादा नक्सल हमलों का आरोप: बिहार एनआईए की छापेमारी में पलामू के छतरपुर थाना की पुलिस भी सहयोग कर रही है. एनआईए के साथ पलामू पुलिस की एक बड़ी टीम भी मौजूद है. अभिजीत यादव और प्रसाद यादव पर झारखंड, बिहार में 70 से भी अधिक नक्सल हमलों को अंजाम देने का आरोप है. इन दोनों के हमलों में 30 से भी अधिक जवान शहीद हुए हैं.
2016 में बिहार के औरंगाबाद और गया सीमा पर हुए नक्सल हमले में कोबरा के 10 जवान शहीद हुए थे. इस हमले में भी अभिजीत यादव और प्रसाद यादव शामिल थे. वहीं 2016-17 में पलामू के छतरपुर थाना क्षेत्र के कालापहाड़ में लैंडमाइंस विस्फोट में पुलिस के सात जवान शहीद हुए थे, इस घटना में भी ये दोनों शामिल थे. अभिजीत यादव माओवादियों का जोनल कमांडर था, गिरफ्तारी से पहले माओवादियों ने उसे स्टेट एरिया कमेटी का सदस्य बनाया था. जबकि प्रसाद यादव माओवादियों का सब जोनल कमांडर था.