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Bihar News : शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पिछले 15 सालों से बिना कॉलेज गए उठा रहे वेतन, जानें क्या है सच्चाई?

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर हमेशा से सुर्खियों में रहे हैं. रंगाबाद के रामलखन सिंह यादव कॉलेज के प्राचार्य ने कहा कि शिक्षामंत्री 15 सालों से कॉलेज का दर्शन नहीं किए हैं पर वेतन उठा रहे हैं. ऐसे में साफ है कि इसपर और राजनीति होगी. आगे पढ़ें पूरी खबर...

chandrashekar
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Published : Apr 6, 2023, 2:40 PM IST

Updated : Apr 10, 2023, 11:03 PM IST

डॉ. विजय रजक का बयान.

औरंगाबाद : रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी को लेकर चर्चा में आए बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर एक बार फिर विवादों में हैं. इस बार विवाद वेतन को लेकर है. आरोपों के मुताबिक, प्रोफेसर चंद्रशेखर औरंगाबाद के रामलखन सिंह यादव कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं और वेतन भी यहीं से उठा रहे हैं. जबकि वे पिछले कई वर्षों से महाविद्यालय नहीं गए हैं.

ये भी पढ़ें - Bihar Politics: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने छुए CM नीतीश कुमार के पैर, देखें VIDEO

उपस्थिति नहीं फिर भी हो रहा वेतन भुगतान? : बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर औरंगाबाद के रामलखन यादव कॉलेज में जूलॉजी विभाग में प्राध्यापक के पद पर आज भी कार्यरत हैं. जबकि 15 साल से कॉलेज के उपस्थिति पंजी में उनका नाम तक नहीं है. आरोपों की माने तो इसके बावजूद उनका वेतन भुगतान किया जा रहा है.

रामलखन सिंह यादव कॉलेज, औरंगाबाद
रामलखन सिंह यादव कॉलेज, औरंगाबाद

2026 में होंगे सेवानिवृत : प्रोफेसर चंद्रशेखर वर्तमान में 2010 से मधेपुरा सदर से राजद के विधायक हैं. वहीं औरंगाबाद के रामलखन सिंह यादव कॉलेज में जूलॉजी विभाग के सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत हैं. इस कॉलेज में वे 8 अक्टूबर 1985 से कार्यरत हैं और मार्च 2026 में सेवानिवृत होना है.

15 वर्षों से कॉलेज में आना-जाना कम : इस विवाद को लेकर औरंगाबाद स्थित रामलखन सिंह यादव कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय रजक ने बताया कि वर्तमान में बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर प्रसाद इसी कॉलेज के जंतु विज्ञान विभाग में सहायक प्राध्यापक हैं. पिछले 15 वर्षों से विधायक बनने के बाद कॉलेज में आना-जाना कम हो गया है.

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर

''15 साल पहले कॉलेज में प्रोफेसर चंद्रशेखर लगातार कक्षाएं लेते थे. नियमित रूप से छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन भी कराते थे. लेकिन वर्तमान के 15 वर्षों में न तो उनका उपस्थिति पंजी में नाम दर्ज हो रहा है और ना ही उनकी हाजिरी बन रही है. फिर भी सरकार के फंड से कॉलेज प्राध्यापक के रूप में उन्हें वेतन का भुगतान किया जा रहा है. वेतन भुगतान करना विभागीय आदेश है. अन्य सुविधा का लाभ वे विधायकी क्षेत्र से ले रहे हैं.''- डॉ. विजय रजक, प्राचार्य, रामलखन सिंह यादव कॉलेज, औरंगाबाद

डॉ. विजय रजक, प्राचार्य, रामलखन सिंह यादव कॉलेज
डॉ. विजय रजक, प्राचार्य, रामलखन सिंह यादव कॉलेज

मैंने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया- शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर : हालांकि आरोपों पर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि यह लोगों को खलता है कि निचले तबके का व्यक्ति कैसे बिहार का शिक्षा मंत्री बना हुआ है? शिक्षा मंत्री ने कहा कि, जब वेतन को लेकर सवाल उठाया जा रहा है तो यह भी पता किया जाना चाहिए कि क्या मैंने किसी नियम का उल्लंघन किया है?

RJD के कद्दावर नेता हैं चंद्रशेखर : बता दें कि प्रोफेसर चंद्रशेखर पहले भी आपदा विभाग के भी मंत्री रहे हैं और वर्तमान में नीतीश सरकार में शिक्षा मंत्री हैं. रामलखन सिंह यादव कॉलेज के प्रोफेसर चंद्रशेखर राजद के कद्दावर नेता हैं. उनकी गिनती राजद के सीनियर नेताओं के रूप में होती है. हालांकि प्रोफेसर चंद्रशेखर किस नियमों के तहत वर्तमान में रामलखन सिंह यादव कॉलेज के व्याख्याता के रूप में वेतन उठा रहे हैं यह साफ नहीं हो सका है.

डॉ. विजय रजक का बयान.

औरंगाबाद : रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी को लेकर चर्चा में आए बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर एक बार फिर विवादों में हैं. इस बार विवाद वेतन को लेकर है. आरोपों के मुताबिक, प्रोफेसर चंद्रशेखर औरंगाबाद के रामलखन सिंह यादव कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं और वेतन भी यहीं से उठा रहे हैं. जबकि वे पिछले कई वर्षों से महाविद्यालय नहीं गए हैं.

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उपस्थिति नहीं फिर भी हो रहा वेतन भुगतान? : बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर औरंगाबाद के रामलखन यादव कॉलेज में जूलॉजी विभाग में प्राध्यापक के पद पर आज भी कार्यरत हैं. जबकि 15 साल से कॉलेज के उपस्थिति पंजी में उनका नाम तक नहीं है. आरोपों की माने तो इसके बावजूद उनका वेतन भुगतान किया जा रहा है.

रामलखन सिंह यादव कॉलेज, औरंगाबाद
रामलखन सिंह यादव कॉलेज, औरंगाबाद

2026 में होंगे सेवानिवृत : प्रोफेसर चंद्रशेखर वर्तमान में 2010 से मधेपुरा सदर से राजद के विधायक हैं. वहीं औरंगाबाद के रामलखन सिंह यादव कॉलेज में जूलॉजी विभाग के सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत हैं. इस कॉलेज में वे 8 अक्टूबर 1985 से कार्यरत हैं और मार्च 2026 में सेवानिवृत होना है.

15 वर्षों से कॉलेज में आना-जाना कम : इस विवाद को लेकर औरंगाबाद स्थित रामलखन सिंह यादव कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय रजक ने बताया कि वर्तमान में बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर प्रसाद इसी कॉलेज के जंतु विज्ञान विभाग में सहायक प्राध्यापक हैं. पिछले 15 वर्षों से विधायक बनने के बाद कॉलेज में आना-जाना कम हो गया है.

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर

''15 साल पहले कॉलेज में प्रोफेसर चंद्रशेखर लगातार कक्षाएं लेते थे. नियमित रूप से छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन भी कराते थे. लेकिन वर्तमान के 15 वर्षों में न तो उनका उपस्थिति पंजी में नाम दर्ज हो रहा है और ना ही उनकी हाजिरी बन रही है. फिर भी सरकार के फंड से कॉलेज प्राध्यापक के रूप में उन्हें वेतन का भुगतान किया जा रहा है. वेतन भुगतान करना विभागीय आदेश है. अन्य सुविधा का लाभ वे विधायकी क्षेत्र से ले रहे हैं.''- डॉ. विजय रजक, प्राचार्य, रामलखन सिंह यादव कॉलेज, औरंगाबाद

डॉ. विजय रजक, प्राचार्य, रामलखन सिंह यादव कॉलेज
डॉ. विजय रजक, प्राचार्य, रामलखन सिंह यादव कॉलेज

मैंने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया- शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर : हालांकि आरोपों पर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि यह लोगों को खलता है कि निचले तबके का व्यक्ति कैसे बिहार का शिक्षा मंत्री बना हुआ है? शिक्षा मंत्री ने कहा कि, जब वेतन को लेकर सवाल उठाया जा रहा है तो यह भी पता किया जाना चाहिए कि क्या मैंने किसी नियम का उल्लंघन किया है?

RJD के कद्दावर नेता हैं चंद्रशेखर : बता दें कि प्रोफेसर चंद्रशेखर पहले भी आपदा विभाग के भी मंत्री रहे हैं और वर्तमान में नीतीश सरकार में शिक्षा मंत्री हैं. रामलखन सिंह यादव कॉलेज के प्रोफेसर चंद्रशेखर राजद के कद्दावर नेता हैं. उनकी गिनती राजद के सीनियर नेताओं के रूप में होती है. हालांकि प्रोफेसर चंद्रशेखर किस नियमों के तहत वर्तमान में रामलखन सिंह यादव कॉलेज के व्याख्याता के रूप में वेतन उठा रहे हैं यह साफ नहीं हो सका है.

Last Updated : Apr 10, 2023, 11:03 PM IST
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