पटनाः बिहार में डेंगू का कहर बरपा है. साल 2023 में जनवरी से अब तक बिहार में डेंगू के मामलों की संख्या 900 के पार चली गई है यानी ये यह बढ़कर 917 हो गई है. पटना और भागलपुर डेंगू का हॉटस्पॉट बना हुआ है. भागलपुर में अब तक डेंगू से चार लोगों की मौत हो गई है. वहीं नगर निगम द्वारा डेंगू प्रभावित घरों में विशेष रूप से फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव करवाया जा रहा है. साथ ही स्मार्ट सिटी के वेरिएबल मैसेजिंग डिस्प्ले और पीएस सिस्टम के माध्यम से आम लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
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बिहार में तेजी से बढ़ रहे डेंगू के मामलेः पटना में डेंगू के बढ़ते मामले को देखते हुए पीएमसीएच में डेंगू मरीजों के लिए 34 बेड की व्यवस्था की गई है. जिसमें 24 बेड टाटा वार्ड में वयस्कों के लिए रिजर्व है जबकि शिशु रोग विभाग में 10 बेड का डेंगू वार्ड बच्चों के लिए तैयार किया गया है. पीएमसीएच में डेंगू के 10 मरीज एडमिट है जिनका इलाज चल रहा है. एनएमसीएच में 12 मरीज, आईजीआईएमएस में 10 मरीज, एम्स में 9 मरीज और विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों में 12 मरीज का इलाज चल रहा है.
भागलपुर में सबसे ज्यादा मरीज एडमिटः अभी के समय प्रदेश में सर्वाधिक डेंगू मरीज भागलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एडमिट हैं, जहां 115 मरीज का इलाज चल रहा है. वहीं पटना में पाटलिपुत्र बांकीपुर, कंकड़बाग, पटना सिटी, फुलवारीशरीफ, कुम्हरार, शास्त्री नगर जैसे इलाके डेंगू के हॉटस्पॉट बने हुए हैं. पटना में बढ़ते डेंगू के मामले को देखते हुए नगर निगम ने सभी अंचलों में स्वास्थ्य पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की है. निगम द्वारा प्रति नियुक्त डॉक्टर विभिन्न वार्डों में भ्रमण कर डेंगू के प्रति लोगों को जागरुक कर रहे हैं.
आईजीआईएमएस में ब्लड बैंक का इंतेजामः डेंगू के बढ़ते मामले को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी ब्लड बैंक्स को प्लेटलेट्स रिजर्व रखने के लिए निर्देशित किया है. पटना में डेंगू के बढ़ते मामले को देखते हुए आईजीआईएमएस के ब्लड बैंक में अब दो शिफ्ट में प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. अब यहां से सुबह 8:00 बजे से रात 8:00 बजे तक लोग प्लेटलेट्स ले सकते हैं. आईजीआईएमएस के ब्लड बैंक में 54 यूनिट प्लेटलेट्स उपलब्ध है. वहीं पीएमसीएच के ब्लड बैंक में 72 यूनिट, रेड क्रॉस में 9 यूनिट, प्रथमा ब्लड बैंक में 25 और मां ब्लड सेंटर में 24 यूनिट प्लेटलेट्स उपलब्ध है.
जारी किए गए हेल्पलाइन नंबरः बताते चले की डेंगू की रोकथाम, मरीजों के इलाज और उसके समुचित प्रबंधन की निगरानी के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति, पटना में 104 कॉल सेंटर सह नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. डेंगू के लिए हेल्पलाइन नंबर 0612-2370131 भी जारी किया गया है. इसके साथ-साथ फागिंग को लेकर भी लोगों की सहायता के लिए फोन नंबर 0612-2951964 और व्हाट्सएप नंबर 7739851777 जारी किया गया है. राज्य स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों ने कहा है कि डेंगू से बचाव के लिए राज्यभर में जागरुकता अभियान चलाया रहा है. पटना में डेंगू के एलाईजा टेस्ट की सुविधा सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपलब्ध है. इसके अलावा आर एमआरआई सेंटर और न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल में भी यह सुविधा उपलब्ध है.
" राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा 104 कॉल सेंटर सह नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. पूरी निगरानी की जार ही है. डेंगू के बढ़ते मामले को देखते हुए जिले में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और सभी अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई हैं"- डॉ चंद्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी पटना
डेंगू से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रमः शहर में विभिन्न जगहों पर और शिक्षण संस्थानों में भी डेंगू के प्रति जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं और लोगों को डेंगू से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है. लोगों को बताया जा रहा है कि घर के आसपास कहीं भी पानी का जमाव नहीं होने दे. फुल स्लीव का कपड़ा पहने और शरीर को हाइड्रेटेड रखें. मच्छर से बचने के लिए सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें. सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज की पर्याप्त व्यवस्था है. लोगों से अपील भी किया जा रहा है कि जहां घर में पानी का जमाव होता है वहां मिट्टी का तेल डालकर रखें ताकि डेंगू का मच्छर पनपे नहीं.
हर साल इन महीनों में बढ़ते हैं डेंगू के मामले: पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि पटना में अमूमन हर बार सितंबर और अक्टूबर में डेंगू के मामले काफी बढ़ते हैं और यह समय डेंगू के मच्छर के पनपने के लिए अनुकूल होता है. पटना में अभी कई जगहों पर निर्माण कार्य चल रहे हैं जिस वजह से डेंगू का मच्छर जिसे एडिस मच्छर कहा जाता है वह पनप रहा है. पटना में डेंगू वायरस का चारों स्ट्रेन देखने को मिल रहा है लेकिन 80% मामले सिंप्टोमेटिक ट्रीटमेंट पर ठीक हो रहे हैं. लोगों को अभी के समय विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है.
"अगर किसी को डेंगू फीवर आ रहा है तो फीवर को अधिक चढ़ाने नहीं दें और जैसे फीवर चढ़ना शुरू होता है पेरासिटामोल लेकर फीवर डाउन करें. 5% डेंगू के मामले में हेमरेजिक स्ट्रोक होते हैं जिसमें नाक से ब्लड आने लगता है, शरीर पर चक्ता होने लगता है, ऐसी स्थिति में अविलंब चिकित्सीय परामर्श की आवश्यकता होती है"- डॉ दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ चिकित्सक
जानें क्या हैं डेंगू से बचने के उपायः डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि डेंगू के मामले अभी जैसे बढ़ रहे हैं, इस समय जरूरी है कि लोग अपने शरीर में लवण की कमी नहीं होने दे और इसके लिए खूब पानी पिएं. खान-पान में सुपाच्य भोजन का सेवन करें और घर से बाहर निकले तो जो ओपन एरिया है, वहां मॉस्किटो रेपेलेंट लगा ले. डेंगू के मरीजों की संख्या जितने बढ़ेगी उतना ही और फैलने की आशंका बढ़ जाएगी, क्योंकि कोई मच्छर डेंगू मरीज को काटकर और लोगों को डेंगू से संक्रमित करेगा. इस समय जरूरी है कि लोग अपने घर पर के आसपास कहीं भी पानी का ठहराव नहीं होने दें.