पटना : कोरोना की दूसरी लहर से पूरे बिहार में जहां 750 से ज्यादा शिक्षकों की मौत हो गई. वहीं पश्चिमी चंपारण जिले में सबसे ज्यादा तबाही मची, जहां 23 मई तक कुल 341 मौतें हुईं जिनमें 25 शिक्षकों की मौत हुई है. सिर्फ 22 दिनों में 22 शिक्षकों ने कोरोना से दम तोड़ा है.
जिला शिक्षा पदाधिकारी विनोद कुमार विमल ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में जिले में कुल 25 शिक्षकों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है. विभागीय आंकड़ों की मानें तो सिर्फ मई माह में 22 दिनों में ही 22 शिक्षकों की मौत हुई है. बिहार में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के करीब 750 शिक्षक और लाइब्रेरियन की कोरोना से मृत्यु हो गई.
इस खबर को ईटीवी भारत पर प्रमुखता से चलाने के बाद आखिरकार शिक्षा विभाग ने उनकी सुधि ली है. शिक्षा विभाग ने ऐसे सभी शिक्षकों की सूची मांगी है, जो कोरोना के शिकार हुए हैं. इसके अलावा शिक्षा विभाग ने यह आश्वासन दिया है कि ईपीएफ के तहत कवर्ड शिक्षकों को तत्काल ढाई लाख रुपये की सहायता राशि ईपीएफ से मिलेगी. साथ ही शिक्षकों को सीएम रिलीफ फंड से 4 लाख की अनुदान राशि भी मिलेगी.
शिक्षकों के परिवार पर आर्थिक संकट
ईटीवी भारत ने प्रमुखता से खबर चलाकर बिहार के शिक्षकों का दर्द बयां किया था. जिसके बाद शिक्षा विभाग ने प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार को शिक्षकों के परिजन को उचित आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया. शिक्षा विभाग ने कहा कि बिहार के जो शिक्षक कर्मचारी भविष्य निधि के तहत संरक्षित थे और जिनका योगदान ईपीएफ में कम से कम 1 महीने का भी हुआ है, उन्हें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से तत्काल ढाई लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलेगी.
ईपीएफ को भेजा जाएगा डीटेल
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि ईपीएफ के रीजनल डायरेक्टर से इस संबंध में बात हो चुकी है. कोरोना से जिन शिक्षकों की मौत हुई है उन सभी का पूरा विवरण ईपीएफ को भेजा जाएगा, उसके बाद उनके खाते में ढाई लाख रुपये की राशि ईपीएफ की तरफ से दी जाएगी. साथ ही सीएम रिलीफ फंड से 4 लाख रुपये का अनुदान भी परिवार वालों को मिलेगा.
आश्रितों को अनुकंपा पर नौकरी
बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से मुलाकात के बाद ईटीवी भारत को बताया कि प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक स्तर तक के जो भी शिक्षक की मौत कोरोना से हुई है, उनके उनके आश्रितों को तुरंत प्राथमिकता के आधार पर अनुकंपा पर नौकरी का लाभ मिलेगा. वहीं, शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की अन्य मांगों पर भी सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है.
शिक्षक संघ का दावा
बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने दावा किया है कि हर दिन किसी न किसी शिक्षक की कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मौत हो रही है. दावा यह भी है कि विभिन्न जिला शिक्षा कार्यालय के द्वारा राज्य सरकार को ऐसे शिक्षकों की सूची भेजने के बाद भी ₹1 की भी सरकारी सरकारी सहायता प्राप्त नहीं हुई है, जिससे मृत शिक्षकों के बच्चे और परिवार गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.
शिक्षक संघ ने सरकार आपदा राहत के तौर पर ₹4 लाख की विशेष अनुदान राशि के अलावा ₹50 लाख की घोषित इंश्योरेंस की राशि और मृत शिक्षक के आश्रित को अनुकंपा के आधार पर सरकारी सेवा में नियुक्ति और पारिवारिक पेंशन का लाभ जल्द से जल्द देने की मांग की है.
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कोरोना वॉरियर घोषित करने की मांग
शिक्षक संघ के राज्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी प्रेमचंद्र ने कहा कि बिहार सरकार को शिक्षकों को कोरोना वॉरियर घोषित करते हुए अविलंब सभी का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण कराना चाहिए. इसके अलावा कोविड-19 केयर सेंटर और सामुदायिक किचन आदि पर प्रतिनियुक्त शिक्षकों को अन्य सरकारी कर्मियों की भांति अतिरिक्त पारिश्रमिक सहित सरकारी कर्मियों की तरह अन्य सुविधाएं जल्द से जल्द मुहैया करानी चाहिए.
किन जिलों में कितने शिक्षकों की मौत
नालंदा 39
भागलपुर 36
पटना 35
गया 35
पूर्वी चंपारण 30
पूर्णिया 28
भोजपुर 26
नवादा 26
अररिया 26
बेगूसराय 25
मुंगेर 25
मुजफ्फरपुर 24
वैशाली 24
किशनगंज 24
सुपौल 24
पश्चिम चंपारण 24
किशनगंज 24
जहानाबाद 22
दरभंगा 22
सहरसा 22
रोहतास 22
बांका 21
खगड़िया 21
समस्तीपुर 21
सीतामढ़ी 19
बक्सर 19
कटिहार 19
सिवान 19
मधेपुरा 18
सारण 18
मधुबनी 18
जमुई 16
लखीसराय 16
कैमूर 15
शेखपुरा 15
अरवल 14
शिवहर 12