पटना : बिहार की राजनीति पिछले कुछ दिनों से काफी उबाल मार रही है. वीआईपी चीफ मुकेश सहनी को एनडीए से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है. हम पार्टी प्रमुख जीतन राम मांझी से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल मुलाकात कर चुके हैं. इसी बीच जो सबसे बड़ी खबर आयी वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का बयान है. नीतीश कुमार ने कहा है कि उनकी इच्छा है कि वो राज्यसभा जाएं.
राज्यसभा जाएंगे नीतीश कुमार! : नीतीश कुमार ने यह बयान ऑन रिकॉर्ड तो नहीं दिया पर मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुधवार को संवाददाताओं के साथ अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने यह बात कही. बुधवार को विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में अपने कार्यालय में संवाददाताओं से कहा कि 'वह किसी भी समय राज्यसभा के सदस्य बनना चाहते हैं.'
'आगे का मुझे पता नहीं' : सीएम नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि 'मुझे राज्यसभा जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन अभी के लिए मेरे पास मुख्यमंत्री की जिम्मेदारियां हैं. मैं 16 साल से अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहा हूं, आगे का मुझे पता नहीं.' जब कोई परिपक्व राजनेता 'आगे का मुझे पता नहीं' जैसे शब्द अपने मुंह से निकालें तो समझना जरूरी हो जाता है कि 'कुछ तो है.'
अचानक राज्यसभा जाने की बात क्यों? : सवाल उठता है कि आखिर नीतीश कुमार राज्यसभा जाने की बात क्यों करने लगे हैं? यह उनके मन की इच्छा है या फिर बदले राजनीतिक हालात का दबाव? वैसे दबाव में तो नीतीश कुमार दिख नहीं रहे हैं. ऐसे में संभव है ऐसी सख्सियत में वह अपना नाम शुमार कराना चाह रहे हैं जो सभी सदनों के सदस्य रहे हो.
सभी सदनों के सदस्यों के रूप में नाम होगा अंकित : नीतीश कुमार बिहार विधानसभा, विधान परिषद और लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं. अगर वह राज्यसभा का रुख करते हैं तो सभी सदनों के सदस्यों के रूप में उनका नाम अंकित हो जाएगा. नीतीश अगर राज्यसभा जाते हैं तो वे बिहार के दो दिग्गज नेता लालू प्रसाद यादव और सुशील कुमार मोदी की बराबरी कर लेंगे. ये दोनों नेता संसद और विधानसभा के सभी सदनों के सदस्य रहे हैं.
'बिल्कुल नहीं, कोई मौका नहीं' : नीतीश कुमार लगातार बाढ़ लोकसभा क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं, जहां उन्होंने पांच बार जीत हासिल की थी. बाढ़ के प्रमुख हिस्से अब नालंदा में हैं. इसको लेकर पूछा गया कि क्या वह नालंदा से सांसद का चुनाव लड़ने की दौड़ में हैं? इस पर उन्होंने कहा, "बिल्कुल नहीं, कोई मौका नहीं." वो मसला अब खत्म हो चुका है.
उपराष्ट्रपति बनाने की चर्चा : राजनीतिक हलकों का एक तबका मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाए जाने की बात भी कह रहा है. चर्चाएं तो यहां तक हैं कि उन्हें उपराष्ट्रपति बनाया जा सकता है. उपराष्ट्रपति का पद अगले कुछ दिनों में खाली होने वाला है. वैसे कुछ दिनों पहले नीतीश कुमार को विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा हुई थी.
नीतीश कुमार ने कहा था ऐसी कोई बात नहीं : दरअसल सीएम नीतीश कुमार जब दिल्ली दौरे पर थे. तब प्रशांत किशोर से उनकी मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात के बाद कयासों का दौर शुरू हो गया था. हालांकि नीतीश कुमार ने इसका खंडन करते हुए कहा था कि ऐसी कोई बात नहीं है. नीतीश कुमार ने इसे खारिज करते हुए कहा था कि 'मेरी इसमें ना कोई रुची है और ना ही दिलचस्पी है. उम्मीदवारी की कोई बात ही नहीं है. मुझे आश्चर्य है कि ये बात कैसे उठी.'
बीजेपी के लिए रास्ता होगा साफ : वैसे अगर नीतीश कुमार राज्यसभा का रुख करते हैं तो बिहार में बीजेपी के लिए रास्ता साफ हो जाएगा. क्योंकि अगर नीतीश कुमार जाते हैं तो सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उनका सीएम बनेगा. 2020 में विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने ऐलान किया था कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री रहेंगे और उसका पालन भी अभी तक हो रहा है.
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बीजेपी से कौन हो सकता है मुख्यमंत्री? : वैसे तो यह अटकलबाजी ही है पर जो नाम सबसे आगे रहेंगे उसमें केन्द्रीय मंत्री नित्यानंद राय, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह शामिल हैं. भारतीय जनता पार्टी के विधायक विनय बिहारी ने तारकिशोर प्रसाद को सीएम बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि तारकिशोर प्रसाद अच्छा काम करते हैं. मेहनती हैं और अधिकांश बीजेपी विधायक उनसे संतुष्ट भी हैं. लिहाजा हम अपने नेतृत्व से कहेंगे कि जब भी बिहार में मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा हो तो उनके नाम पर विचार करें. यही नहीं जाप प्रमुख पप्पू यादव ने भी तारकिशोर प्रसाद को सीएम मेटेरियल करार दिया था. अगर याद होते हो तो कुछ महीनों पहले जब गिरिराज सिंह दिल्ली से पटना लौटे थे तब समर्थकों ने नारा दिया था, 'बिहार का मुख्यमंत्री कैसा हो, गिरिराज सिंह जैसा हो.' हालांकि बीजेपी मुख्यमंत्री बनाने में हमेशा चौकाती रही है. ऐसे में आगे क्या होगा वह देखने वाली बात होगी.