नई दिल्ली/पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) 3 दिवसीय दिल्ली दौरे पर हैं. सीएम वहां केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और बीजेपी के कई नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं. इस बीच मुख्यमंत्री ने लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में जारी उथल-पुथल पर भी पहली बार बयान दिया है.
एलजेपी पर नीतीश ने तोड़ी चुप्पी
मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने एलजेपी में चल रहे मौजूदा घटनाक्रम को भी पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी में जो कुछ चल रहा है, इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है.
जेडीयू में शामिल नहीं होंगे सांसद
मुख्यमंत्री ने दिल्ली एयरपोर्ट से बाहर निकलते हुए कहा कि एलजेपी की टूट में हमारी कोई भूमिका नहीं है. साथ ही स्पष्ट किया कि पांचों बागी सांसद जेडीयू में शामिल नहीं होंगे.
चिराग पर तंज
नीतीश ने कहा कि पता नहीं लोग क्यों हमसे नाराज हैं. जबकि हमारी इस पूरे मामले में कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को हमारे ऊपर बोलने से पब्लिसिटी मिलती है. इसलिए वह खूब बोलते हैं.
पप्पू मामले पर सफाई
वहीं, जाप संरक्षक पप्पू यादव के जेल जाने के मामले पर सीएम ने कहा कि हमने कुछ नहीं किया है. उनका कोई पहले का मामला था. कोर्ट का पुराना मामला है. पप्पू यादव के जेल जाने में हमारी कोई हाथ नहीं है.
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आंख दिखाने आया हूं- सीएम
वहीं, कैबिनेट विस्तार को लेकर सवाल पूछे जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अचानक से यह चर्चा क्यों उड़ रही है, उन्हें नहीं मालूम. उनका कार्यक्रम दिल्ली में स्वास्थ्य से संबंधित है. अपनी आंख दिखाने के लिए डॉक्टरों से उन्होंने समय ले रखा है और इसीलिए दिल्ली आए हैं.
कैबिनेट विस्तार प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार
हालांकि मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी से मुलाकात को लेकर कुछ भी नहीं कहा. उन्होंने कहा कि कैबिनेट विस्तार प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है. कैबिनेट विस्तार को लेकर अचानक से इतनी चर्चा क्यों हो गई, इस पर मुख्यमंत्री ने खुद हैरत जताई है.
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मंत्रिमंडल में शामिल होगा जेडीयू
मोदी मंत्रिमंडल में जेडीयू के शामिल होने की चर्चा हो रही है. राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने भी कहा है कि हमारे सांसद कैबिनेट में शामिल होंगे. आपको बताएं कि साल 2019 में मोदी सरकार के गठन के दौरान जेडीयू को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का ऑफर बीजेपी ने दिया था, लेकिन उस समय महज एक मंत्री पद जेडीयू को दिया जा रहा था. जेडीयू के पास 16 लोकसभा और पांच राज्यसभा सांसद हैं.