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Bihar News: 'गलत इलाज से गर्भ में मर गया बच्चा, डॉक्टर ने भ्रूण को काटकर निकाला.. कुत्ते को खिलाया'

बिहार के वैशाली में झोलाछाप डॉक्टर पर नर्सिंग होम में गर्भवती महिला गर्भपात कराकर उसके भ्रूण को कुत्ते को खिलाने का आरोप लगा है. कुछ दिन बाद महिला की भी मौत हो गई. इस मामले पर परिजनों ने थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. लेकिन, डॉक्टर दंपती क्लीनिक छोड़कर फरार हैं. पढ़ें Vaishali Crime News -

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Published : Jan 21, 2023, 8:49 PM IST

वैशाली में झोलाछाप डॉक्टर दंपती पर संगीन आरोप

वैशाली: बिहार के वैशाली में झोलाछाप डॉक्टर के एक नर्सिंग होम में गर्भवती महिला का गर्भपात कराया गया. आरोप है कि महिला को पेट दर्द की शिकायत थी. लेकिन डॉक्टर ने उसे गर्भपात की दवा खिलाकर उसका अबॉर्शन करा दिया. यही नहीं, आरोप है कि महिला के गर्भपात कराने के बाद उसके भ्रूण को झोलाछाप डॉक्टर दंपती (डॉक्टर आनंद कुमार तथा उसकी पत्नी डॉक्टर सुषमा आनंद) ने अपने कुत्ते को खिला दिया. इधर, कुछ दिनों तक महिला की हालत अप-डाउन होती रही, लेकिन असुरक्षित तरीके से गर्भपात की वजह से उसकी तबीयत भी बिगड़ने लगी और उसकी मौत हो गई. महिला वैशाली जिले के बलिगांव थाना के चंपापुर अग्रैल की रहने वाली थी.

ये भी पढ़ें- Bihar News : मधेपुरा में पत्नी के मायके जाने से नाराज पति ने काट डाला अपना प्राइवेट पार्ट, हालत गंभीर

आरोपी झोलाछाप दंपती फरार: परिजनों के मुताबिक महिला की मौत 30 दिसंबर को हुई थी, 1 दिसंबर को उसके पेट में दर्द उठा था. परिजन का आरोप है कि डॉक्टर दंपती उसे लेकर अपने नर्सिंग होम गए और फिर वहां से पटना लेकर चले गए. उसकी हालत जब गंभीर हुई तो 20 दिसंबर को ही एम्स में भर्ती करवाया. लेकिन दोनों डॉक्टर दंपति वहां से फरार हो गए. इसी बीच 30 दिसंबर को महिला की मौत हो गई. जानकारी मिलने पर अगले दिन परिजनों ने डॉक्टर दंपती पर FIR दर्ज करवाया.

परिजनों का FIR में दावा? : मृत महिला के पिता द्वारा दर्ज एफआईआर ने लिखा गया है कि जब उसकी लड़की ने पेट दर्द की बात बतायी तो उसे स्थानीय डॉक्टर के पास लेकर गए जहां जांच करवायी. वहां डॉक्टर बोला कि ठीक हो जाएगी. दवा खाने के लिए दिया, उसकी दवा खाने से भी कोई सुधार नहीं हुआ तो डॉक्टर ने अपनी पत्नी से पूछा कि कौन सी दवा खिलाई हो? तो उसने बताया कि गलती से बच्चा गिराने वाला दवा खिला दिए हैं. इसके बाद उसने जांच कर बोला कि पेट का बच्चा मर गया है. उसे निकालना होगा.

'भ्रूण को पालतू कुत्ते को खिलाया': जब हम लोगों ने कहा इलाज के लिए हाजीपुर ले जा रहे हैं, तो उसने रोक दिया. बोला कहीं मत ले जाओ. मृत बच्चा को पेट से निकाल दूंगा और इलाज करके ठीक कर दूंगा. दोनों के आश्वासन पर विश्वास करके बाहर नहीं ले गए. दोनों डॉक्टरों ने क्लीनिक के अंदर ले जाकर 2 दिसंबर को उसका एबॉर्शन कर दिया. बच्चा को टुकड़ा-टुकड़ा करके एक बाल्टी में रख दिया. जब मेरे सहयोगी टुकड़ा लेने गए तो नहीं दिया और सामने ही टुकड़े को पालतू कुत्ते के सामने रख दिया. कुत्ता भ्रूण के टुकड़े को खा गया.

''मैं अबॉर्शन के बाद बच्चे का शव लेने के लिए डॉक्टर के पास गई हुई थी. अंदर गई तो पूरा खून फैला हुआ था. बाल्टी में बच्चे का कटा शव रखा हुआ था, उसे कुत्ता खा रहा था'' - सुनीता, मृतक की मामी

'हालत खराब हुई तो पटना रेफर किया': इसके बाद उन लोगों ने कुछ दवा दिया और कहा कि घर चले जाओ. इसके बाद घर ले आए लेकिन दर्द और बढ़ गया. दोबारा उस डॉक्टर के पास ले गए तो बोला फिर से सफाई करना पड़ेगा. क्लीनिक के अंदर ले जाकर बेहोश कर दिया और एक पैर बांध दिया. जब स्थिति खराब होने लगी तो वहां से महुआ अस्पताल लाए जहां एक निजी नर्सिंग होम में डॉक्टर केसी विद्यार्थी के यहां भर्ती करवाए. लेकिन, वहां भी स्थिति ठीक नहीं हो रही थी. इसलिए वो उसे पटना रेफर कर दिया.

'हाथ से निकला केस तो एम्स में करवाया भर्ती': पटना के प्राइवेट क्लीनिक में दिखाकर फिर वापस ले आया और 10 से 15 दिन तक इलाज हुआ. लेकिन गलत इलाज और गलत एबॉर्शन की वजह से सुधार नहीं हो सका. जब वह मरणासन्न हो गई तो लेकर पटना एम्स में भर्ती करवाया. जहां 30 दिसंबर को उसकी मृत्यु हो गई. पीड़ित लड़की के पिता ने कहा कि डॉक्टर आनंद कुमार और उसकी पत्नी सुषमा आनंद जो आर्थिक लाभ के लिए जानकारी के अभाव में मेरे परिवार के किसी व्यक्ति को ऑपरेशन एबॉर्शन करने के लिए इजाजत नहीं लिया. इलाज में लापरवाही की जिसके कारण उसके गर्भ में पल रहा 3 माह के बच्चे की मृत्यु हो गई.

पुलिस ने दर्ज की एफआईआर: इस मामले में महुआ की एसडीपीओ पूनम केसरी ने कहा कि शिकायत पर जांच की जा रही है. लेकिन कुत्ते को भ्रूण खिलाने की बात सही नहीं साबित हो रही है. पुलिस की जांच इलाज में लापरवाही को लेकर चल रही है. इस मामले में डॉक्टरों की भी सलाह ली जा रही है. इसमें किसकी लापरवाही है, एबॉर्शन कैसे हुआ, क्या वजह से सब जांच के बाद क्लियर हो जाएगा.

''हम लोग साइंटिफिक जांच कर रहे हैं कि रियालिटी क्या है. उसका एबॉर्शन घर वालों के द्वारा कराया गया या फिर पारिवारिक दबाव में करवाया गया, किसकी क्या लापरवाही है, नहीं है. इन्वेस्टिगेशन चल रहा है. कुत्ता को खिलाने वाली बात कंप्लीट एक स्टोरी है. इस तरह की कोई भी बात ग्राउंड लेवल पर जांच में सामने नहीं आई है. इलाज के क्रम में जो लपरवाही है उसकी जांच हो रही है. लेकिन यह कुत्ते को खिला देने वाली बात सही नहीं है" - पूनम केसरी, एसडीपीओ, महुआ.

वैशाली में झोलाछाप डॉक्टर दंपती पर संगीन आरोप

वैशाली: बिहार के वैशाली में झोलाछाप डॉक्टर के एक नर्सिंग होम में गर्भवती महिला का गर्भपात कराया गया. आरोप है कि महिला को पेट दर्द की शिकायत थी. लेकिन डॉक्टर ने उसे गर्भपात की दवा खिलाकर उसका अबॉर्शन करा दिया. यही नहीं, आरोप है कि महिला के गर्भपात कराने के बाद उसके भ्रूण को झोलाछाप डॉक्टर दंपती (डॉक्टर आनंद कुमार तथा उसकी पत्नी डॉक्टर सुषमा आनंद) ने अपने कुत्ते को खिला दिया. इधर, कुछ दिनों तक महिला की हालत अप-डाउन होती रही, लेकिन असुरक्षित तरीके से गर्भपात की वजह से उसकी तबीयत भी बिगड़ने लगी और उसकी मौत हो गई. महिला वैशाली जिले के बलिगांव थाना के चंपापुर अग्रैल की रहने वाली थी.

ये भी पढ़ें- Bihar News : मधेपुरा में पत्नी के मायके जाने से नाराज पति ने काट डाला अपना प्राइवेट पार्ट, हालत गंभीर

आरोपी झोलाछाप दंपती फरार: परिजनों के मुताबिक महिला की मौत 30 दिसंबर को हुई थी, 1 दिसंबर को उसके पेट में दर्द उठा था. परिजन का आरोप है कि डॉक्टर दंपती उसे लेकर अपने नर्सिंग होम गए और फिर वहां से पटना लेकर चले गए. उसकी हालत जब गंभीर हुई तो 20 दिसंबर को ही एम्स में भर्ती करवाया. लेकिन दोनों डॉक्टर दंपति वहां से फरार हो गए. इसी बीच 30 दिसंबर को महिला की मौत हो गई. जानकारी मिलने पर अगले दिन परिजनों ने डॉक्टर दंपती पर FIR दर्ज करवाया.

परिजनों का FIR में दावा? : मृत महिला के पिता द्वारा दर्ज एफआईआर ने लिखा गया है कि जब उसकी लड़की ने पेट दर्द की बात बतायी तो उसे स्थानीय डॉक्टर के पास लेकर गए जहां जांच करवायी. वहां डॉक्टर बोला कि ठीक हो जाएगी. दवा खाने के लिए दिया, उसकी दवा खाने से भी कोई सुधार नहीं हुआ तो डॉक्टर ने अपनी पत्नी से पूछा कि कौन सी दवा खिलाई हो? तो उसने बताया कि गलती से बच्चा गिराने वाला दवा खिला दिए हैं. इसके बाद उसने जांच कर बोला कि पेट का बच्चा मर गया है. उसे निकालना होगा.

'भ्रूण को पालतू कुत्ते को खिलाया': जब हम लोगों ने कहा इलाज के लिए हाजीपुर ले जा रहे हैं, तो उसने रोक दिया. बोला कहीं मत ले जाओ. मृत बच्चा को पेट से निकाल दूंगा और इलाज करके ठीक कर दूंगा. दोनों के आश्वासन पर विश्वास करके बाहर नहीं ले गए. दोनों डॉक्टरों ने क्लीनिक के अंदर ले जाकर 2 दिसंबर को उसका एबॉर्शन कर दिया. बच्चा को टुकड़ा-टुकड़ा करके एक बाल्टी में रख दिया. जब मेरे सहयोगी टुकड़ा लेने गए तो नहीं दिया और सामने ही टुकड़े को पालतू कुत्ते के सामने रख दिया. कुत्ता भ्रूण के टुकड़े को खा गया.

''मैं अबॉर्शन के बाद बच्चे का शव लेने के लिए डॉक्टर के पास गई हुई थी. अंदर गई तो पूरा खून फैला हुआ था. बाल्टी में बच्चे का कटा शव रखा हुआ था, उसे कुत्ता खा रहा था'' - सुनीता, मृतक की मामी

'हालत खराब हुई तो पटना रेफर किया': इसके बाद उन लोगों ने कुछ दवा दिया और कहा कि घर चले जाओ. इसके बाद घर ले आए लेकिन दर्द और बढ़ गया. दोबारा उस डॉक्टर के पास ले गए तो बोला फिर से सफाई करना पड़ेगा. क्लीनिक के अंदर ले जाकर बेहोश कर दिया और एक पैर बांध दिया. जब स्थिति खराब होने लगी तो वहां से महुआ अस्पताल लाए जहां एक निजी नर्सिंग होम में डॉक्टर केसी विद्यार्थी के यहां भर्ती करवाए. लेकिन, वहां भी स्थिति ठीक नहीं हो रही थी. इसलिए वो उसे पटना रेफर कर दिया.

'हाथ से निकला केस तो एम्स में करवाया भर्ती': पटना के प्राइवेट क्लीनिक में दिखाकर फिर वापस ले आया और 10 से 15 दिन तक इलाज हुआ. लेकिन गलत इलाज और गलत एबॉर्शन की वजह से सुधार नहीं हो सका. जब वह मरणासन्न हो गई तो लेकर पटना एम्स में भर्ती करवाया. जहां 30 दिसंबर को उसकी मृत्यु हो गई. पीड़ित लड़की के पिता ने कहा कि डॉक्टर आनंद कुमार और उसकी पत्नी सुषमा आनंद जो आर्थिक लाभ के लिए जानकारी के अभाव में मेरे परिवार के किसी व्यक्ति को ऑपरेशन एबॉर्शन करने के लिए इजाजत नहीं लिया. इलाज में लापरवाही की जिसके कारण उसके गर्भ में पल रहा 3 माह के बच्चे की मृत्यु हो गई.

पुलिस ने दर्ज की एफआईआर: इस मामले में महुआ की एसडीपीओ पूनम केसरी ने कहा कि शिकायत पर जांच की जा रही है. लेकिन कुत्ते को भ्रूण खिलाने की बात सही नहीं साबित हो रही है. पुलिस की जांच इलाज में लापरवाही को लेकर चल रही है. इस मामले में डॉक्टरों की भी सलाह ली जा रही है. इसमें किसकी लापरवाही है, एबॉर्शन कैसे हुआ, क्या वजह से सब जांच के बाद क्लियर हो जाएगा.

''हम लोग साइंटिफिक जांच कर रहे हैं कि रियालिटी क्या है. उसका एबॉर्शन घर वालों के द्वारा कराया गया या फिर पारिवारिक दबाव में करवाया गया, किसकी क्या लापरवाही है, नहीं है. इन्वेस्टिगेशन चल रहा है. कुत्ता को खिलाने वाली बात कंप्लीट एक स्टोरी है. इस तरह की कोई भी बात ग्राउंड लेवल पर जांच में सामने नहीं आई है. इलाज के क्रम में जो लपरवाही है उसकी जांच हो रही है. लेकिन यह कुत्ते को खिला देने वाली बात सही नहीं है" - पूनम केसरी, एसडीपीओ, महुआ.

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