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Bhupesh baghel targets bjp:स्थानीय बीजेपी नेता कमजोर इसलिए ईडी को भेजकर बनाते हैं दबाव, ED मारपीट भी कर रही: भूपेश बघेल

कोरबा के पाली तानाखार विधानसभा में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा की. इस दौरान उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसियों पर एक बार फिर उनके निशाना साधा. सीएम बघेल ने कहा कि "छत्तीसगढ़ में बीजेपी के नेता कमजोर हैं. इसलिए ईडी भेजकर यहां दबाव बनाया जाता है. ऐसी शिकायतें मिल रही है कि ईडी लगातार गिरफ्तार आरोपियों से मारपीट कर रही है."

Bhupesh baghel targets bjp
भूपेश बघेल ने साधा बीजेपी पर निशाना
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Published : Jan 14, 2023, 7:26 PM IST

भूपेश बघेल ने साधा बीजेपी पर निशाना

कोरबा: कोरबा में पत्रकारों से चर्चा के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि "भारतीय जनता पार्टी के प्रादेशिक नेताओं की कमजोरी और नाकामी के कारण छत्तीसगढ़ में केंद्रीय नेतृत्व को भविष्य दिखाई नहीं दे रहा है. इसलिए यहां केंद्रीय जांच एजेंसियों को भेज देते हैं. जिससे कि आम लोगों को परेशानी होती है, फिर चाहे वह व्यापारी हो, किसान हो, अधिकारी हो या राजनेता हो सभी पर गाज गिरती है. मारपीट की लगातार शिकायतें आ रही हैं. मुझे तीन शिकायतें मिली रही हैं.

"मैंने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा": सीएम भूपेश बघेल ने आगे कहा कि "तीनों शिकायतों पर मैंने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है. ईडी के डायरेक्टर को भी भेजा है कि लोगों के साथ शारीरिक प्रताड़ना ना करें. जब शारीरिक प्रताड़ना कर रहे हैं तो इसका मतलब आपके पास कोई तथ्य नहीं है. कोई जानकारी नहीं है. आप टारगेट करके जांच कर रहे हैं. लक्ष्य है कि कुछ ना कुछ मामले में इसे फंसाना है. मारपीट करके दबावपूर्वक बयान लिखवाया जा रहा है. यह प्रैक्टिस छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ महीने से चल रही है."

हाट बाजार क्लिनिक योजना में कोरबा में स्थिति ठीक नहीं: सीएम ने कहा कि "हाट बाजार क्लिनिक योजना में चिकित्सकों को बाजार में जाना चाहिए, डॉक्टरों नर्सों और दवाएं भी लोगों को मिलने चाहिए. हमने इस मामले में कोरबा की समीक्षा की है. लेकिन यहां कोरबा जिले का काम संतोषप्रद नहीं रहा, लोगों को स्वास्थ संबंधी ज्यादा से ज्यादा लाभ मिलना चाहिए. यहां यह योजना संतोषप्रद नहीं है"

टीपी नगर मामले में सचिव स्तर से जांच: जिले में नए टीपी नगर निर्माण के सवाल पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि "टीपी नगर के निर्माण की बात बहुत दूर तक जा चुकी है. अभी बना नहीं है, प्रक्रिया में है. कहां बनेगा? कब बनेगा, कैसे बनेगा? इसे लेकर कई तरह की बातें हैं. कुछ तकनीकी पेंच भी है. इसलिए इसकी जांच सचिव स्तर के अधिकारी से करवा लूंगा और भी जो अधिकारी इस में काम कर रहे हैं. उन अधिकारियों को भी इस कमेटी में शामिल कर लेंगे, चाहते हैं कि नहीं टीपी नगर का निर्माण हो."

आरक्षण के मुद्दे पर राजभवन पर हमला: सीएम ने आरक्षण पर पेंच फंसे होने पर एक बार फिर राज भवन पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि "मैंने तो भर्तियां निकाल दी है. सन 1998 के बाद पहली बार शिक्षकों की भर्ती हुई. पहले 14000 पद पर हुई और फिर से 12000 पदों पर भर्ती करनी है. चाहे वह पुलिस का विभाग हो, स्वास्थ विभाग हो, मैं हर विभाग में भर्ती करना चाहता हूं. लेकिन आरक्षण वाली फाइल राजभवन में जाकर अटकी है. राज्यपाल उसमें साइन नहीं कर रही है. इसमें मैं क्या कर सकता हूं, मैं तो भर्ती करना चाहता हूं. लेकिन आरक्षण पर पेंच फंसे होने के कारण भर्ती रुकी हुई है."

यह भी पढ़ें: Home Compost Kit In Korba: अब हर घर में तैयार होगा खाद, कोरबा निगम बांटेगी होम कम्पोस्ट किट


राज्य के मिलेट्स की सप्लाई इंग्लैंड तक: मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि "पूरे देश में मिलेट्स की सबसे ज्यादा खरीदी छतीसगढ़ में की गई है. कोरबा की चिरौंजी की मांग दुनिया भर में है, इसलिए कोरबा में चिरौंजी का प्रोसेसिंग प्लांट लगाने का फ़ैसला किया है. महुआ के संकलन के लिए अब तकनीक का उपयोग किया जाएगा. नेट लगाकर संग्रहण का निर्णय लिया है. ताकि जमीन पर गिरने से महुए की गुणवत्ता खराब ना हो, ज़्यादा दाम मिले. नेट विधि से महुआ संग्रहण करके पांच हजार क्विंटल इंग्लैंड निर्यात किया गया.

भूपेश बघेल ने साधा बीजेपी पर निशाना

कोरबा: कोरबा में पत्रकारों से चर्चा के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि "भारतीय जनता पार्टी के प्रादेशिक नेताओं की कमजोरी और नाकामी के कारण छत्तीसगढ़ में केंद्रीय नेतृत्व को भविष्य दिखाई नहीं दे रहा है. इसलिए यहां केंद्रीय जांच एजेंसियों को भेज देते हैं. जिससे कि आम लोगों को परेशानी होती है, फिर चाहे वह व्यापारी हो, किसान हो, अधिकारी हो या राजनेता हो सभी पर गाज गिरती है. मारपीट की लगातार शिकायतें आ रही हैं. मुझे तीन शिकायतें मिली रही हैं.

"मैंने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा": सीएम भूपेश बघेल ने आगे कहा कि "तीनों शिकायतों पर मैंने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है. ईडी के डायरेक्टर को भी भेजा है कि लोगों के साथ शारीरिक प्रताड़ना ना करें. जब शारीरिक प्रताड़ना कर रहे हैं तो इसका मतलब आपके पास कोई तथ्य नहीं है. कोई जानकारी नहीं है. आप टारगेट करके जांच कर रहे हैं. लक्ष्य है कि कुछ ना कुछ मामले में इसे फंसाना है. मारपीट करके दबावपूर्वक बयान लिखवाया जा रहा है. यह प्रैक्टिस छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ महीने से चल रही है."

हाट बाजार क्लिनिक योजना में कोरबा में स्थिति ठीक नहीं: सीएम ने कहा कि "हाट बाजार क्लिनिक योजना में चिकित्सकों को बाजार में जाना चाहिए, डॉक्टरों नर्सों और दवाएं भी लोगों को मिलने चाहिए. हमने इस मामले में कोरबा की समीक्षा की है. लेकिन यहां कोरबा जिले का काम संतोषप्रद नहीं रहा, लोगों को स्वास्थ संबंधी ज्यादा से ज्यादा लाभ मिलना चाहिए. यहां यह योजना संतोषप्रद नहीं है"

टीपी नगर मामले में सचिव स्तर से जांच: जिले में नए टीपी नगर निर्माण के सवाल पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि "टीपी नगर के निर्माण की बात बहुत दूर तक जा चुकी है. अभी बना नहीं है, प्रक्रिया में है. कहां बनेगा? कब बनेगा, कैसे बनेगा? इसे लेकर कई तरह की बातें हैं. कुछ तकनीकी पेंच भी है. इसलिए इसकी जांच सचिव स्तर के अधिकारी से करवा लूंगा और भी जो अधिकारी इस में काम कर रहे हैं. उन अधिकारियों को भी इस कमेटी में शामिल कर लेंगे, चाहते हैं कि नहीं टीपी नगर का निर्माण हो."

आरक्षण के मुद्दे पर राजभवन पर हमला: सीएम ने आरक्षण पर पेंच फंसे होने पर एक बार फिर राज भवन पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि "मैंने तो भर्तियां निकाल दी है. सन 1998 के बाद पहली बार शिक्षकों की भर्ती हुई. पहले 14000 पद पर हुई और फिर से 12000 पदों पर भर्ती करनी है. चाहे वह पुलिस का विभाग हो, स्वास्थ विभाग हो, मैं हर विभाग में भर्ती करना चाहता हूं. लेकिन आरक्षण वाली फाइल राजभवन में जाकर अटकी है. राज्यपाल उसमें साइन नहीं कर रही है. इसमें मैं क्या कर सकता हूं, मैं तो भर्ती करना चाहता हूं. लेकिन आरक्षण पर पेंच फंसे होने के कारण भर्ती रुकी हुई है."

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राज्य के मिलेट्स की सप्लाई इंग्लैंड तक: मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि "पूरे देश में मिलेट्स की सबसे ज्यादा खरीदी छतीसगढ़ में की गई है. कोरबा की चिरौंजी की मांग दुनिया भर में है, इसलिए कोरबा में चिरौंजी का प्रोसेसिंग प्लांट लगाने का फ़ैसला किया है. महुआ के संकलन के लिए अब तकनीक का उपयोग किया जाएगा. नेट लगाकर संग्रहण का निर्णय लिया है. ताकि जमीन पर गिरने से महुए की गुणवत्ता खराब ना हो, ज़्यादा दाम मिले. नेट विधि से महुआ संग्रहण करके पांच हजार क्विंटल इंग्लैंड निर्यात किया गया.

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