भोपाल: गुजरात में अंबानी प्राइवेट जू को मध्यप्रदेश से बाघ और तेंदुए दिए जाने का मामला विवादों से घिर गया है. सेंट्रल जू अथॉरिटी से अभी तक अंबानी प्राइवेट जू को एमपी से बाघ और तेदुंए ले जाने की परमिशन नहीं मिली है. वन्य जीव प्राणी विशेषज्ञों ने सेंट्रल जू अथॉरिटी को शिकायत की है, जिसमें रिलाएंस को बाघ और तेंदुए देने पर आपत्ति जताई गई है. दरअसल मुकेश अंबानी के बेटे अनंत को जामनगर में प्राइवेट जू की परमिशन सेंट्रल जू अथॉरिटी ने पिछले साल फरवरी में दी थी. ये दुनिया का सबसे बड़ा प्राइवेट जू होगा. इसे ग्रीन जूलोजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन किंगडम नाम दिया गया है.
विशेषज्ञों ने किया विरोध: एमपी से बाघ और तेंदुए ले जाने की अंबानी की मांग पर असंजस बना हुआ है. मामले ने तूल पकड़ लिया है. प्राणी विशेषज्ञों ने प्राधिकरण के सामने आपत्ति जताते कहा कि जब गुजरात, मध्यप्रदेश को शेर देने के लिए तैयार नहीं है, तो फिर वन विभाग के अधिकारी आखिर एमपी के शेरों को अंबानी को क्यों दे रहे हैं ? विशेषज्ञों का कहना है कि पहले ग्रीन फाउंडेशन को एमपी और गुजरात सरकार के बीच मध्यस्थता कर गिर नेशनल पार्क से शेर दिलाना चाहिए. उसके बाद ही कोई और फैसला लेना चाहिए.
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2 बाघ और 4 तेंदुए देने का मामला: गुजरात के जामनगर में बनने जा रहे दुनिया के सबसे बड़े चिड़ियाघर के लिए भोपाल के वन विहार से 2 बाघ और 4 तेंदुए पहुंचाए जाने हैं. इस बारे में ग्रीन्स फाउंडेशन ने वन विभाग को पत्र लिखा है, जिसमें यह कहा गया कि वन्यजीव देने से उनका आर्थिक बोझ कम होगा. इसके अलावा मध्य प्रदेश के रेस्क्यू सेंटर्स में बहुत से जानवरों को रखने की जगह नहीं है. अफसरों ने पहली बार किसी प्राइवेट सेक्टर के चिड़ियाघर को अपने वन्यजीव देने पर सहमति दे दी है.