भोपाल। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने पार्टी से दगाबाजी करने वाले कांग्रेस नेताओं को सख्त संदेश दिया है. कमलनाथ ने कहा है कि यदि कोई पार्टी छोड़कर जाना चाहता है. तो खुशी से जा सकता है मैं उन्हें रोकूंगा नहीं. ऐसे लोगों को मैं अपनी कार से छुड़वा दूंगा. कांग्रेस के कार्यक्रम में शामिल हुए कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस नेता अरुणोदय चौबे को पार्टी पहले ही बाहर कर चुकी थी. निकाय चुनाव में उन्होंने पार्टी विरोधी काम किया था. उनपर बीजेपी कई महीनों से दबाव बनाने का प्रयास कर रही थी. उसके चलते उन पर कई केस लाद दिए गए. कमलनाथ ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी दबाव और प्रभाव से लोगों पर झूठे केस तो लगा सकती है लेकिन उनके दिमाग और आत्मा को नहीं खरीद सकती. (Bhopal Kamal Nath congress party)
सरकार को नहीं कुपोषण की चिंताः कमलनाथ ने कहा कि सरकार को कुपोषण की चिंता नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे कुपोषित जिले श्योपुर में चीता छोड़ने तो पहुंचे लेकिन उन्होंने यहां के कुपोषण पर चर्चा नहीं की. वह बेरोजगारी पर बात नहीं कर रहे. वह जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं.बीजेपी वास्तविक मुद्दों पर बात नहीं करती यह सिर्फ लोगों का ध्यान बांटने का काम कर रही है. जबकि श्योपुर जिला देश का सबसे कुपोषित जिला है. इसके गवाह तो खुद सरकारी आंकड़े हैं.चीता तो यह एक माह बाद भी छोड़ सकते थे. पहले यह कुपोषण दूर करने के लिए कैंप लगाते कुपोषण दूर करने के उपाय करते लेकिन इन्हें तो चीता इवेंट करना था. (Bhopal who leave party I will send them my car)
केंद्र ने नहीं दिए घर के शेरः कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि कूनो में चीते लाए गए हैं. कायदे से यहां पहले गिर के शेर आने चाहिए थे. जब मैं मुख्यमंत्री था उस वक्त मैंने गिर के शेर लाने की खूब प्रयास किए. इसको लेकर केंद्र सरकार से भी बात की थी कि यहां पूरी तैयारी है आप गिर के शेर भेज दीजिए. लेकिन उन्होंने शेर भेजने से मना कर दिए. अब शेर तो भेजे नहीं अफ्रीका से चीता लेकर आ गए और यह सिर्फ ध्यान बांटने के लिए है. (MP Bhopal Kamal Nath Aggression)
आदिवासियों के साथ दुर्व्यवहारः कमलनाथ में विधायक पंछी लाल मीणा के साथ हुए दुर्व्यवहार के सवाल किया. आज पूरे प्रदेश का आदिवासी वर्ग अपने विधायक के साथ हुए दुर्व्यवहार के मामले को लेकर खुली आंख से देख रहा है. किस प्रकार उनके साथ अशोभनीय घटना हुई. बीजेपी सिर्फ आदिवासियों के नाम पर इवेंट करती है सम्मेलन करती है अधिकारियों को टारगेट देकर भीड़ बुलाई जाती है. (Bhopal who leave party I will send them my car)