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MP: महिलाओं को जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय आंदोलनों में शामिल करने के तैयारी, विचार समिति का हुआ गठन

जमीयत उलमा-ए-हिंद अब संस्था की गतिविधियों से महिलाओं को भी जोड़ेगी. यह फैसला भोपाल में आयोजित जमीयत की बैठक में हुआ. स्थानीय स्तर पर संगठन संरचना को मजबूत करने के संकल्प के साथ दो दिवसीय राष्ट्रीय परामर्श बैठक का समापन हो गया. बैठक में जमीयत के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने कहा कि संस्था अपना दायरा गांव-गांव तक फैलाएंगी. Bhopal Jamiat Ulama E Hind, National Consultation meeting concludes Bhopal Jamiat Ulama E Hind, 2 day National Consultation meeting concludes

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Published : Sep 12, 2022, 11:30 AM IST

भोपाल। जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रदेश और क्षेत्रीय इकाइयों के अध्यक्षों और महासचिवों की दो दिवसीय बैठक भोपाल के फॉर्च्यून रिज़ॉर्ट एंड गार्डन में आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता जमीयत के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने की. इस बैठक में जमीयत उलमा-ए-हिंद की राष्ट्रव्यापी इकाइयों के प्रदर्शन की विस्तार से समीक्षा की गई. बैठक में जमीयत उलमा-ए-हिंद के दस सूत्री रचनात्मक कार्यक्रमों को लागू करने, मिल्लत फंड के क्रियान्वयन, सीरत-उल-नबी प्रश्नोत्तरी, सामाजिक सुधार और धार्मिक शिक्षा आंदोलन आदि को जिला और स्थानीय स्तर पर लागू करने के तरीकों पर भी चर्चा हुई.

Bhopal Jamiat Ulama E Hind
जमीयत उलमा ए हिंद की बैठक संपन्न

जमीयत को मुस्लिम समुदाय के संरक्षक के रूप में देखा जाता है: इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने जमीयत के अधिकारियों को धर्म, देश, राष्ट्र और मानवता आदि की सेवा में खुद को समर्पित करने के लिए आमंत्रित किया. वह मुखर थे कि जमीयत को भारत के मुस्लिम समुदाय के संरक्षक के रूप में देखा जाता है. उन्होंने कहा हजरत शाह वलीउल्लाह साहब के आंदोलन की पराजय के बाद, जमीयत उलमा ने भारत में मुस्लिम समुदाय की देखभाल करने के लिए सभी जिम्मेदारियों को संभाला है. जब भी समुदाय पर कोई आपदा आती है, तो मुसलमान जमीयत की ओर इस उम्मीद से देखते हैं कि वह उनके साथ खड़ा होगा. इस वजह से जब हम उम्मीद के मुताबिक काम नहीं कर पाते हैं तो वे हमारी आलोचना करते हैं.

देश की वर्तमान स्थिति पर चिंता की व्यक्त: मौलाना मदनी ने संगठन में लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने पर जोर दिया और घोषणा की कि संगठनात्मक स्थिरता के उद्देश्य से राज्य स्तर पर आयोजकों की नियुक्ति की जाएगी. मौलाना मदनी ने कहा कि अगर हमें देश के लिए कुछ करना है तो हमें संगठन के स्थानीय प्रतिनिधियों को ग्राम स्तर तक खड़ा करना होगा. उस स्थिति में, हम वहां जाकर धर्मत्याग और अन्य सामाजिक बुराइयों से लड़ सकते हैं. उन्होंने दावा किया कि 42 प्रतिशत युवा शराब के आदी हैं. वे गांव और शहर में रहते हैं, हम उन्हें तभी सुधार सकते हैं जब जमीयत के प्रतिनिधि हर जगह मौजूद हों. उन्होंने जमीयत के पदाधिकारियों से जमीयत की इकाई को जिला, प्रखंड व स्थानीय स्तर पर स्थापित करने का संकल्प लिया. साथ ही देश की वर्तमान स्थिति पर बड़ी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे पास अपने मार्च के दौरान रुकने का समय नहीं है. हमें हर हाल में आगे बढ़ना है. उन्होंने पुराने जमाने के बुजुर्गों के बलिदान का जिक्र करते हुए कहा कि आज जो भी धार्मिक आंदोलन चल रहे हैं, वह जमीयत के बलिदान का फल है.

सीएम शिवराज कर रहे योगी से होड़! अजान और हनुमान चालीसा पर जमीयत उलमा-ए-हिंद का बयान, बोले- मुकाबला ठीक नहीं

महिलाओं को जमीयत से जोड़ेंगे: मौलाना मदनी ने पैगंबर के जीवन के सच्चे और मानवीय संदेश को प्रचारित करने के लिए काम करने की घोषणा की और कहा कि पैगंबर का अपमान करने के खतरे से लड़ने के लिए बौद्धिक स्तर पर पैदा हुए अंतर को भरने की जरूरत है. इस बैठक में महिलाओं को जमीयत की गतिविधियों में शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया, जिसके गुण-दोष पर विचार करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. इसके अलावा जमीयत उलमा-ए-हिंद की राज्य इकाइयों के प्रदर्शन के क्षेत्र को व्यापक बनाने के लिए, पूरे देश को पांच क्षेत्रों में विभाजित किया गया है और उनके संयोजक और प्रभारी नियुक्त किए गए हैं.

जमीयत इस देश के लिए वरदान: इस मौके पर अपने भाषण में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीउद्दीन कासमी ने कहा कि जमीयत इस देश के लिए वरदान है. उन्होंने बैठक के आयोजक, अध्यक्ष जमीयत उलमा मध्य प्रदेश हाजी मुहम्मद हारून और अधिवक्ता कलीम, राज्य महासचिव और उनकी टीम को उत्कृष्ट आतिथ्य के लिए धन्यवाद दिया. समिति में मौलाना बदरुद्दीन अजमल कासमी, मौलाना सिद्दीकुल्ला चौधरी, मौलाना कलीमुल्लाह फैजाबादी, मौलाना इफ्तिखार कासमी और संयोजक मौलाना हकीमुद्दीन कासमी शामिल थे.

इन्होंने किया विचार व्यक्त: इसके अलावा मौलाना बदरुद्दीन अजमल अध्यक्ष जमीयत उलमा असम, मौलाना नियाज अहमद फारूकी, मौलाना सिद्दीकुल्ला चौधरी, अध्यक्ष, जमीयत उलमा पश्चिम बंगाल, मौलाना अब्दुल रब आजमी, अध्यक्ष, जमीयत उलमा यूपी, मौलाना नदीम अहमद सिद्दीकी, अध्यक्ष जमीयत उलमा महाराष्ट्र, मौलाना मुफ्ती इफ्तिखार अहमद कासमी, अध्यक्ष जमीयत उलमा कर्नाटक, मौलाना शम्सुद्दीन बजली, प्रो. निसार अहमद अंसारी, गुजरात, मुफ्ती जावेद इकबाल कासमी, जामिया उलेमा बिहार के अध्यक्ष, मौलाना जकारिया केरल, मौलाना सईद अहमद मणिपुर, मौलाना मुहम्मद अकील, अध्यक्ष जमीयत पश्चिमी क्षेत्र यूपी, हाफिज अब्दुल है अध्यक्ष जमीयत उलमा पूर्वी क्षेत्र यूपी, मौलाना असजद. कासमी अध्यक्ष जमीयत उलमा मध्य क्षेत्र यूपी और मौलाना आबिद कासमी अध्यक्ष जमीयत उलमा दिल्ली आदि ने अपने विचार व्यक्त किये.

Bhopal Jamiat Ulama E Hind, 2 day National Consultation meeting concludes, Jamiat Ulama e Hind will connect women

भोपाल। जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रदेश और क्षेत्रीय इकाइयों के अध्यक्षों और महासचिवों की दो दिवसीय बैठक भोपाल के फॉर्च्यून रिज़ॉर्ट एंड गार्डन में आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता जमीयत के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने की. इस बैठक में जमीयत उलमा-ए-हिंद की राष्ट्रव्यापी इकाइयों के प्रदर्शन की विस्तार से समीक्षा की गई. बैठक में जमीयत उलमा-ए-हिंद के दस सूत्री रचनात्मक कार्यक्रमों को लागू करने, मिल्लत फंड के क्रियान्वयन, सीरत-उल-नबी प्रश्नोत्तरी, सामाजिक सुधार और धार्मिक शिक्षा आंदोलन आदि को जिला और स्थानीय स्तर पर लागू करने के तरीकों पर भी चर्चा हुई.

Bhopal Jamiat Ulama E Hind
जमीयत उलमा ए हिंद की बैठक संपन्न

जमीयत को मुस्लिम समुदाय के संरक्षक के रूप में देखा जाता है: इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने जमीयत के अधिकारियों को धर्म, देश, राष्ट्र और मानवता आदि की सेवा में खुद को समर्पित करने के लिए आमंत्रित किया. वह मुखर थे कि जमीयत को भारत के मुस्लिम समुदाय के संरक्षक के रूप में देखा जाता है. उन्होंने कहा हजरत शाह वलीउल्लाह साहब के आंदोलन की पराजय के बाद, जमीयत उलमा ने भारत में मुस्लिम समुदाय की देखभाल करने के लिए सभी जिम्मेदारियों को संभाला है. जब भी समुदाय पर कोई आपदा आती है, तो मुसलमान जमीयत की ओर इस उम्मीद से देखते हैं कि वह उनके साथ खड़ा होगा. इस वजह से जब हम उम्मीद के मुताबिक काम नहीं कर पाते हैं तो वे हमारी आलोचना करते हैं.

देश की वर्तमान स्थिति पर चिंता की व्यक्त: मौलाना मदनी ने संगठन में लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने पर जोर दिया और घोषणा की कि संगठनात्मक स्थिरता के उद्देश्य से राज्य स्तर पर आयोजकों की नियुक्ति की जाएगी. मौलाना मदनी ने कहा कि अगर हमें देश के लिए कुछ करना है तो हमें संगठन के स्थानीय प्रतिनिधियों को ग्राम स्तर तक खड़ा करना होगा. उस स्थिति में, हम वहां जाकर धर्मत्याग और अन्य सामाजिक बुराइयों से लड़ सकते हैं. उन्होंने दावा किया कि 42 प्रतिशत युवा शराब के आदी हैं. वे गांव और शहर में रहते हैं, हम उन्हें तभी सुधार सकते हैं जब जमीयत के प्रतिनिधि हर जगह मौजूद हों. उन्होंने जमीयत के पदाधिकारियों से जमीयत की इकाई को जिला, प्रखंड व स्थानीय स्तर पर स्थापित करने का संकल्प लिया. साथ ही देश की वर्तमान स्थिति पर बड़ी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे पास अपने मार्च के दौरान रुकने का समय नहीं है. हमें हर हाल में आगे बढ़ना है. उन्होंने पुराने जमाने के बुजुर्गों के बलिदान का जिक्र करते हुए कहा कि आज जो भी धार्मिक आंदोलन चल रहे हैं, वह जमीयत के बलिदान का फल है.

सीएम शिवराज कर रहे योगी से होड़! अजान और हनुमान चालीसा पर जमीयत उलमा-ए-हिंद का बयान, बोले- मुकाबला ठीक नहीं

महिलाओं को जमीयत से जोड़ेंगे: मौलाना मदनी ने पैगंबर के जीवन के सच्चे और मानवीय संदेश को प्रचारित करने के लिए काम करने की घोषणा की और कहा कि पैगंबर का अपमान करने के खतरे से लड़ने के लिए बौद्धिक स्तर पर पैदा हुए अंतर को भरने की जरूरत है. इस बैठक में महिलाओं को जमीयत की गतिविधियों में शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया, जिसके गुण-दोष पर विचार करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. इसके अलावा जमीयत उलमा-ए-हिंद की राज्य इकाइयों के प्रदर्शन के क्षेत्र को व्यापक बनाने के लिए, पूरे देश को पांच क्षेत्रों में विभाजित किया गया है और उनके संयोजक और प्रभारी नियुक्त किए गए हैं.

जमीयत इस देश के लिए वरदान: इस मौके पर अपने भाषण में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीउद्दीन कासमी ने कहा कि जमीयत इस देश के लिए वरदान है. उन्होंने बैठक के आयोजक, अध्यक्ष जमीयत उलमा मध्य प्रदेश हाजी मुहम्मद हारून और अधिवक्ता कलीम, राज्य महासचिव और उनकी टीम को उत्कृष्ट आतिथ्य के लिए धन्यवाद दिया. समिति में मौलाना बदरुद्दीन अजमल कासमी, मौलाना सिद्दीकुल्ला चौधरी, मौलाना कलीमुल्लाह फैजाबादी, मौलाना इफ्तिखार कासमी और संयोजक मौलाना हकीमुद्दीन कासमी शामिल थे.

इन्होंने किया विचार व्यक्त: इसके अलावा मौलाना बदरुद्दीन अजमल अध्यक्ष जमीयत उलमा असम, मौलाना नियाज अहमद फारूकी, मौलाना सिद्दीकुल्ला चौधरी, अध्यक्ष, जमीयत उलमा पश्चिम बंगाल, मौलाना अब्दुल रब आजमी, अध्यक्ष, जमीयत उलमा यूपी, मौलाना नदीम अहमद सिद्दीकी, अध्यक्ष जमीयत उलमा महाराष्ट्र, मौलाना मुफ्ती इफ्तिखार अहमद कासमी, अध्यक्ष जमीयत उलमा कर्नाटक, मौलाना शम्सुद्दीन बजली, प्रो. निसार अहमद अंसारी, गुजरात, मुफ्ती जावेद इकबाल कासमी, जामिया उलेमा बिहार के अध्यक्ष, मौलाना जकारिया केरल, मौलाना सईद अहमद मणिपुर, मौलाना मुहम्मद अकील, अध्यक्ष जमीयत पश्चिमी क्षेत्र यूपी, हाफिज अब्दुल है अध्यक्ष जमीयत उलमा पूर्वी क्षेत्र यूपी, मौलाना असजद. कासमी अध्यक्ष जमीयत उलमा मध्य क्षेत्र यूपी और मौलाना आबिद कासमी अध्यक्ष जमीयत उलमा दिल्ली आदि ने अपने विचार व्यक्त किये.

Bhopal Jamiat Ulama E Hind, 2 day National Consultation meeting concludes, Jamiat Ulama e Hind will connect women

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