भोपाल। उत्तर प्रदेश के बाद अब मंदिरों में कपड़ों का विवाद मप्र तक आ गया है, इसी के तहत भोपाल में जैन समाज ने धार्मिक स्थानों में बढ़ रही अश्लीलता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भोपाल के सभी जैन मंदिरों और जिनालयों के गेट पर नो एंट्री के बोर्ड लगा दिए गए हैं, जिन पर साफ लिखा है कि शालीन और सभ्य कपड़ों में ही मंदिर में एंट्री होगी. उधर कई अन्य मंदिरों में भी भड़काऊ और बेढंगे कपड़ों में एंट्री पर रोक लगा दी गई है.
जींस पहनकर मंदिर में नहीं होगी एंट्री: यह है भोपाल के मंगलवारा इलाके का दिगंबर जैन मंदिर... मंदिर के बाहर बोर्ड लगा है कि 'जींस पहनकर मंदिर में एंट्री नहीं होगी.' मंदिर केे अंदर सूचना पटल पर भी साफ लिखा है कि 'स्कर्ट, जींस, टीशर्ट और काले कपड़े मंदिर में अलाउड नहीं हैं.' जहां एक ओर आधुनिक मॉर्डन लड़कियां हर जगह पसंद के कपडे पहनने की आजादी मांग रही हैं, वहीं दूसरी ओर महिलाओं को आज भी अपने मन के कपड़े पहनने-ओढ़ने तक का भी अधिकार नहीं है.
अपूर्णता भरे कपड़ों से भटकता है ध्यान: दिगंबर जैन मंदिर समिति के वरिष्ठ सदस्य आदित्य मनिया जैन का कहना है कि "धार्मिक स्थानों पर एक पारंपरिक वेशभूषा ही अच्छी लगती है, क्योंकि यहां पर आकर व्यक्ति अध्यात्म से जुड़ता है और ऐसे अपूर्णता भरे कपड़ों के चलते फिर ध्यान भी भटकता है." वहीं ज्यादातर महिलाएं मंदिरों में भड़काऊ कपड़ों के विरोध में हैं, मंदिर दर्शन करने आए स्वाति जैन कहती हैं कि "भले ही आज की युवा पीढ़ी मॉडल जमाने की बात कहती हो, लेकिन मंदिर में फुल कपड़े ही पहन कर आना चाहिए. कुछ समय से देखा जा रहा है कि मंदिर में युवतियां छोटे कपड़ों के साथ ही कटे-फटे कपड़े पहन कर आ जाती हैं. यह सरासर गलत है, नारी की शोभा उसके वस्त्रों से ही होती है, इसलिए यह निर्णय सही है."
एमपी पहुंचा मंदिर में पारंपरिक कपड़ों का विवाद: भोपाल में सिर्फ जैन मंदिर ही नहीं, बल्कि शिवाजी नगर के नव दुर्गा माता मंदिर में भी कुछ ऐसे ही पोस्टर लगाए गए हैं. तर्क वही है कि मंदिरों में भड़काऊ कपड़े होंगे तो ध्यान और पूजा पाठ कैसे होगा. मंदिर में कपड़ों का यह विवाद उत्तर प्रदेश से होते हुए मप्र तक आ गया है, फिलहाल एमपी के अशोकनगर, मुंगावली, खरगोन और भोपाल के कई मंदिरों में ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं, वहीं कई शहरों में हिंदू मंदिरों के साथ गुरूद्वारे और जिनालयों में भी पारंपरिक कपड़ों में ही एंट्री दी जा रही है. (MP Temple Dress Code)