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भोपाल गैस त्रासदी मामले में भोपाल जिला अदालत पहुंची डाऊ केमिकल कंपनी, जानें क्या बहस हुई

Bhopal Gas Tragedy Dow Company: भोपाल गैस त्रासदी मामले को लेकर अमेरिकन कंपनी यूनियन कार्बाइड को खरीदने वाली डाऊ केमिकल कंपनी के अफसर शनिवार को भोपाल न्यायालय में उपस्थित हुए. कोर्ट में इस बात बहस हुई कि ये कंपनी भारत के न्याय क्षेत्र में आती है या नहीं.

Bhopal Gas Tragedy
भोपाल गैस त्रासदी,जिला अदालत पहुंची डाऊ केमिकल कंपनी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 6, 2024, 5:22 PM IST

भोपाल गैस त्रासदी,जिला अदालत पहुंची डाऊ केमिकल कंपनी

भोपाल। भोपाल जिला न्यायालय ने साल 2005 में आज ही के दिन डाऊ केमिकल को नोटिस जारी किया था. इसके बाद से डाऊ केमिकल की ओर से बार-बार कहा जाता रहा कि हम भारत के जूरिडिक्शन एरिया में नहीं आते हैं. इसी को लेकर शनिवार को इस मामले में भोपाल के जिला न्यायलय में बहस हुई. बता दें कि डाऊ केमिकल को नोटिस जारी किया गया था. भोपाल न्यायालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे. इस मामले में 6 जनवरी 2005 को पहला नोटिस जारी किया गया था. उसके बाद सात बार और नोटिस डाऊ केमिकल और अमेरिका के न्याय विभाग को भेजे गए.

Bhopal Gas Tragedy
भोपाल गैस त्रासदी यूनियन कार्बाइड

अदालत में ये तर्क दिए : 18 साल बाद अब यह पहला मौका है जिसमे डाऊ केमिकल की ओर से प्रतिनिधि व वकील न्यायालय में उपस्थित हुए. इससे पूर्व हर बार डाऊ केमिकल की ओर से न्यायालय में यह कहा गया था कि उनकी कंपनी भारत में व्यापार तो कर सकती है पर वह की न्याययिक व्यवस्था के अंतर्गत नहीं आती. वह भोपाल कोर्ट की जूरिडिक्शन में नहीं आते. इसलिए भोपाल में मामला नहीं चल सकता. अब इस मामले में बहस जारी है. बता दें कि साल 1992 में इस मामले में यूनियन कार्बाइड को भोपाल कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया था.

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भोपाल गैस त्रासदी,जिला अदालत पहुंची डाऊ केमिकल कंपनी

भोपाल। भोपाल जिला न्यायालय ने साल 2005 में आज ही के दिन डाऊ केमिकल को नोटिस जारी किया था. इसके बाद से डाऊ केमिकल की ओर से बार-बार कहा जाता रहा कि हम भारत के जूरिडिक्शन एरिया में नहीं आते हैं. इसी को लेकर शनिवार को इस मामले में भोपाल के जिला न्यायलय में बहस हुई. बता दें कि डाऊ केमिकल को नोटिस जारी किया गया था. भोपाल न्यायालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे. इस मामले में 6 जनवरी 2005 को पहला नोटिस जारी किया गया था. उसके बाद सात बार और नोटिस डाऊ केमिकल और अमेरिका के न्याय विभाग को भेजे गए.

Bhopal Gas Tragedy
भोपाल गैस त्रासदी यूनियन कार्बाइड

अदालत में ये तर्क दिए : 18 साल बाद अब यह पहला मौका है जिसमे डाऊ केमिकल की ओर से प्रतिनिधि व वकील न्यायालय में उपस्थित हुए. इससे पूर्व हर बार डाऊ केमिकल की ओर से न्यायालय में यह कहा गया था कि उनकी कंपनी भारत में व्यापार तो कर सकती है पर वह की न्याययिक व्यवस्था के अंतर्गत नहीं आती. वह भोपाल कोर्ट की जूरिडिक्शन में नहीं आते. इसलिए भोपाल में मामला नहीं चल सकता. अब इस मामले में बहस जारी है. बता दें कि साल 1992 में इस मामले में यूनियन कार्बाइड को भोपाल कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया था.

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