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Bageshwar dham: संत समाज ने भी धीरेन्द्र शास्त्री के बयान पर जताई आपत्ति, कथा वाचक ने साईं बाबा पर की थी टिप्पणी

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Published : Feb 9, 2023, 10:39 PM IST

बागेश्वरधाम सरकार के धीरेन्द्र शास्त्री द्वारा साईं बाबा लिए दिए गए बयान के विरुद्ध प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं हैं. साईं के अनन्य भक्तों के साथ-साथ अब संत समाज ने भी मुखर होकर आपत्ति जताई है.

Bageshwar dham
बागेश्वरधाम धीरेन्द्र शास्त्री

भोपाल। बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री के बयानों पर रुक-रुक कर उबाल आ रहा है. धीरेन्द्र शास्त्री ने साईं बाबा को लेकर जो टिप्पणी की थी. उस पर साईं भक्तों के साथ अब संत समाज की ओर से कड़ी आपत्ति जताई गई है. अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश प्रवक्ता और उदासीन अखाड़े के महंत अनिलानंद महाराज ने कहा है कि किसी भी संत को किसी समुदाय की आस्था पर चोट पहुंचाने का अधिकार नहीं है.

साईं बाबा को लोग ईश्वर के रूप में पूजते हैंः सनातन धर्म का ये संस्कार नहीं कि किसी के विश्वास पर चोट दी जाए. साईं बाबा में लाखों लोगों की मान्यता है. लोग उन्हें ईश्वर रूप में पूजते हैं. धीरेन्द्र शास्त्री महाराज की सांई बाबा को लेकर जो टिप्पणी की है उससे उन लाखों आस्थावान लोगों को चोट पहुंची है. संतों की वाणी में सद्भाव, संस्कार और सौहार्द होना चाहिए. किसी देवता गुरु या धर्म गुरु का अपमान नहीं. उधर सांई भक्तों की ओर से भी बयान आया है कि सांई विश्वास का विषय हैं, उन्हें विवाद में न घसीटा जाए.

sant samaj objected statement dhirendra shastri
साईं बाबा को लोग ईश्वर के रूप में पूजते हैं

Bageshwar Dham Sarkar: बागेश्वर बाबा का सबसे बड़ा सच, देखें बाबा पर बवाल का हर एंगल! धीरेन्द्र शास्त्री ने स्वीकारी चुनौती

साईं बाबा को लेकर क्या बोले धीरेन्द्र शास्त्रीः बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री ने सांई बाबा के संदर्भ में कहा था कि जब पूजा के लिए सनातन धर्म में 33 करोड़ देवी देवता है, तो चांद मिया को पूजने की क्या जरूरत है. शास्त्री महाराज ने कहा कि विश्व में सबसे ज्यादा पूज्य भगवान राम हैं. विश्व के पिता भी वही हैं. जो उनका नहीं वो किसी का नहीं. धीरेन्द्र शास्त्री महाराज ने जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती महाराज का भी जिक्र किया था. कहा था कि उन्होंने भी साईं प्रतिमाओं का विरोध किया था. पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा था कि इसके लिए संतों को एकजुट होना पड़ेगा.

संतों की वाणी को ये शोभा नहीं देताः अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश प्रवक्ता और उदासीन अखाड़े के महंत अनिलानंद महाराज ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि संतों की वाणी से किसी भी गुरु भगवान का अपमान शोभा नहीं देता. उन्होंने कहा कि संनातन धर्म का संस्कार ये है कि सद्भाव, सौहार्द और संस्कार रखा जाए. संत की वाणी से किसी भी गुरु, ईश्वर के लिए अपशब्द नहीं निकलने चाहिए. साईं बाबा में आस्था रखने वाले लाखों लोगों को धीरेन्द्र शास्त्री महाराज के इस वक्तव्य से चोट पहुंची होगी. संत की वाणी किसी को आहत करने के लिए नहीं होती.

sant samaj objected statement dhirendra shastri
साईं विश्वास का विषय हैं विवाद का नहीं

Bageshwar Dham: धीरेन्द्र शास्त्री के बयान पर फिर मचा बवाल, संत समाज ने जताया एतराज, बोले- ऐसी वाणी से बंटता है समाज

साईं विश्वास का विषय हैं विवाद का नहींः साईं कथा कहने वाले साईं भक्त सुमित पोंडा कहते हैं कि साईं मेरे लिए विवाद या अंधविश्वास का विषय नहीं विश्वास का विषय हैं. शिर्डी के साईं बाबा एक अनूठे संत हैं. उनके ईश्वर, भगवान या अवतार होने पर कोई विवाद कर सकता है, लेकिन उनके गुरु रूप पर कोई विवाद नहीं होता. उनके चमत्कारों पर विश्वास करने विषयक लोगों में मत-भिन्नता हो सकती है, लेकिन उनकी फकीरी वाली जीवन-शैली, स्वयं को ईश्वर का दास मानना, मनोविकारों पर नियंत्रण करने की कला और धर्म समानता के सिद्धांतों पर चलना उन्हें विशेषता प्रदान करती है. उनके जीवन की बातें सुनकर अपने आप रोमांच हो आता है. साईं भक्त सुमित फिर दोहराते हैं, साईं केवल विश्वास का विषय हैं.

भोपाल। बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री के बयानों पर रुक-रुक कर उबाल आ रहा है. धीरेन्द्र शास्त्री ने साईं बाबा को लेकर जो टिप्पणी की थी. उस पर साईं भक्तों के साथ अब संत समाज की ओर से कड़ी आपत्ति जताई गई है. अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश प्रवक्ता और उदासीन अखाड़े के महंत अनिलानंद महाराज ने कहा है कि किसी भी संत को किसी समुदाय की आस्था पर चोट पहुंचाने का अधिकार नहीं है.

साईं बाबा को लोग ईश्वर के रूप में पूजते हैंः सनातन धर्म का ये संस्कार नहीं कि किसी के विश्वास पर चोट दी जाए. साईं बाबा में लाखों लोगों की मान्यता है. लोग उन्हें ईश्वर रूप में पूजते हैं. धीरेन्द्र शास्त्री महाराज की सांई बाबा को लेकर जो टिप्पणी की है उससे उन लाखों आस्थावान लोगों को चोट पहुंची है. संतों की वाणी में सद्भाव, संस्कार और सौहार्द होना चाहिए. किसी देवता गुरु या धर्म गुरु का अपमान नहीं. उधर सांई भक्तों की ओर से भी बयान आया है कि सांई विश्वास का विषय हैं, उन्हें विवाद में न घसीटा जाए.

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साईं बाबा को लोग ईश्वर के रूप में पूजते हैं

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साईं बाबा को लेकर क्या बोले धीरेन्द्र शास्त्रीः बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री ने सांई बाबा के संदर्भ में कहा था कि जब पूजा के लिए सनातन धर्म में 33 करोड़ देवी देवता है, तो चांद मिया को पूजने की क्या जरूरत है. शास्त्री महाराज ने कहा कि विश्व में सबसे ज्यादा पूज्य भगवान राम हैं. विश्व के पिता भी वही हैं. जो उनका नहीं वो किसी का नहीं. धीरेन्द्र शास्त्री महाराज ने जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती महाराज का भी जिक्र किया था. कहा था कि उन्होंने भी साईं प्रतिमाओं का विरोध किया था. पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा था कि इसके लिए संतों को एकजुट होना पड़ेगा.

संतों की वाणी को ये शोभा नहीं देताः अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश प्रवक्ता और उदासीन अखाड़े के महंत अनिलानंद महाराज ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि संतों की वाणी से किसी भी गुरु भगवान का अपमान शोभा नहीं देता. उन्होंने कहा कि संनातन धर्म का संस्कार ये है कि सद्भाव, सौहार्द और संस्कार रखा जाए. संत की वाणी से किसी भी गुरु, ईश्वर के लिए अपशब्द नहीं निकलने चाहिए. साईं बाबा में आस्था रखने वाले लाखों लोगों को धीरेन्द्र शास्त्री महाराज के इस वक्तव्य से चोट पहुंची होगी. संत की वाणी किसी को आहत करने के लिए नहीं होती.

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साईं विश्वास का विषय हैं विवाद का नहीं

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साईं विश्वास का विषय हैं विवाद का नहींः साईं कथा कहने वाले साईं भक्त सुमित पोंडा कहते हैं कि साईं मेरे लिए विवाद या अंधविश्वास का विषय नहीं विश्वास का विषय हैं. शिर्डी के साईं बाबा एक अनूठे संत हैं. उनके ईश्वर, भगवान या अवतार होने पर कोई विवाद कर सकता है, लेकिन उनके गुरु रूप पर कोई विवाद नहीं होता. उनके चमत्कारों पर विश्वास करने विषयक लोगों में मत-भिन्नता हो सकती है, लेकिन उनकी फकीरी वाली जीवन-शैली, स्वयं को ईश्वर का दास मानना, मनोविकारों पर नियंत्रण करने की कला और धर्म समानता के सिद्धांतों पर चलना उन्हें विशेषता प्रदान करती है. उनके जीवन की बातें सुनकर अपने आप रोमांच हो आता है. साईं भक्त सुमित फिर दोहराते हैं, साईं केवल विश्वास का विषय हैं.

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