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भीमा कोरेगांव हिंसा मामला: आरोपी वरवरा राव की मोतियाबिंद सर्जरी कराने की अनुमति वाली याचिका खारिज

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले के आरोपी वरवरा राव को मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए हैदराबाद जाने की अनुमति वाली याचिका खारिज कर दी है.

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Published : Jun 5, 2023, 7:49 PM IST

Updated : Jun 5, 2023, 10:54 PM IST

मुंबई: तेलंगाना के तेलुगु भाषी कवि और भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी वरवरा राव को मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए हैदराबाद जाने की अनुमति की मांग वाली याचिका को बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. सोमवार को इस याचिका की सुनवाई में जस्टिस सारंग कोतवाल ने अर्जी को खारिज करते हुए पीठ को इसे फिर से लागू करने का निर्देश दिया. गौरतलब है कि महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में 200वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित एक बड़े कार्यक्रम में हिंसा भड़क गई थी और यह आरोप लगाया गया था कि उस हिंसा के लिए वयोवृद्ध कवि वरवरा राव जिम्मेदार हैं. उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ्तार भी किया था.

उसके बाद उन्होंने चिकित्सकीय कारणों से कोर्ट में अर्जी दी. वह कोरोना महामारी के दौरान कई दिनों तक सरकारी अस्पताल में भर्ती रहे. वह फिलहाल जमानत पर है. उन्होंने अपने नियमित डॉक्टर से मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने के लिए आवेदन किया था. हालांकि, कोर्ट ने कहा, "मैं इस पर फैसला नहीं कर सकता और मुझे फिर से बेंच में अर्जी देनी होगी. क्योंकि उसके लिए सिंगल बेंच काफी नहीं है."

वरवरा राव के वकीलों ने भी मूल जमानत अर्जी में संशोधन करने का अनुरोध किया था, जिसे उन्होंने इस समय सुनवाई में भी अनुरोध किया था. लेकिन न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल ने मांग को खारिज करते हुए खंडपीठ का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया. अब वरवरा राव को फिर से बेंच में अर्जी देनी होगी. जब वरवरा राव के वकील ने अदालत से कहा कि उन्हें मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए हैदराबाद के एक अस्पताल में जाना चाहिए, तो उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल ने कहा, 'यदि तथ्य समान हैं, तो ठीक है. लेकिन यदि तथ्य अलग हैं, तो मामला बदल जाएगा.' इसलिए इस पर फैसला करने के लिए उसे दो सदस्यीय बेंच के पास जाना होगा.

हालांकि, राव के वकील सत्यनारायण ने कहा, 'अदालत को याचिका से जुड़े सभी दस्तावेजों को उस प्रक्रिया के बारे में देखना चाहिए जो तेलंगाना राज्य में मोतियाबिंद सर्जरी के संबंध में है.' कोर्ट ने कहा कि केवल इसे देखने के बाद ही आज कोई राहत नहीं दी जा सकती है. हालांकि, बुनियादी चिकित्सा कारणों से हैदराबाद जाने के खिलाफ, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मोतियाबिंद की सर्जरी मुंबई में की जाए. अब हाई कोर्ट दो सदस्यीय बेंच के समक्ष इस संबंध में दोबारा सुनवाई करेगा.

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मुंबई: तेलंगाना के तेलुगु भाषी कवि और भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी वरवरा राव को मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए हैदराबाद जाने की अनुमति की मांग वाली याचिका को बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. सोमवार को इस याचिका की सुनवाई में जस्टिस सारंग कोतवाल ने अर्जी को खारिज करते हुए पीठ को इसे फिर से लागू करने का निर्देश दिया. गौरतलब है कि महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में 200वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित एक बड़े कार्यक्रम में हिंसा भड़क गई थी और यह आरोप लगाया गया था कि उस हिंसा के लिए वयोवृद्ध कवि वरवरा राव जिम्मेदार हैं. उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ्तार भी किया था.

उसके बाद उन्होंने चिकित्सकीय कारणों से कोर्ट में अर्जी दी. वह कोरोना महामारी के दौरान कई दिनों तक सरकारी अस्पताल में भर्ती रहे. वह फिलहाल जमानत पर है. उन्होंने अपने नियमित डॉक्टर से मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने के लिए आवेदन किया था. हालांकि, कोर्ट ने कहा, "मैं इस पर फैसला नहीं कर सकता और मुझे फिर से बेंच में अर्जी देनी होगी. क्योंकि उसके लिए सिंगल बेंच काफी नहीं है."

वरवरा राव के वकीलों ने भी मूल जमानत अर्जी में संशोधन करने का अनुरोध किया था, जिसे उन्होंने इस समय सुनवाई में भी अनुरोध किया था. लेकिन न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल ने मांग को खारिज करते हुए खंडपीठ का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया. अब वरवरा राव को फिर से बेंच में अर्जी देनी होगी. जब वरवरा राव के वकील ने अदालत से कहा कि उन्हें मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए हैदराबाद के एक अस्पताल में जाना चाहिए, तो उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल ने कहा, 'यदि तथ्य समान हैं, तो ठीक है. लेकिन यदि तथ्य अलग हैं, तो मामला बदल जाएगा.' इसलिए इस पर फैसला करने के लिए उसे दो सदस्यीय बेंच के पास जाना होगा.

हालांकि, राव के वकील सत्यनारायण ने कहा, 'अदालत को याचिका से जुड़े सभी दस्तावेजों को उस प्रक्रिया के बारे में देखना चाहिए जो तेलंगाना राज्य में मोतियाबिंद सर्जरी के संबंध में है.' कोर्ट ने कहा कि केवल इसे देखने के बाद ही आज कोई राहत नहीं दी जा सकती है. हालांकि, बुनियादी चिकित्सा कारणों से हैदराबाद जाने के खिलाफ, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मोतियाबिंद की सर्जरी मुंबई में की जाए. अब हाई कोर्ट दो सदस्यीय बेंच के समक्ष इस संबंध में दोबारा सुनवाई करेगा.

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Last Updated : Jun 5, 2023, 10:54 PM IST
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