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राजस्थान : अंतर्राष्‍ट्रीय ऑनलाइन ठग गिरोह का भंडाफोड़, छह गिरफ्तार

भीलवाड़ा की प्रतापनगर थाना पुलिस ने 77 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी करने वाले अंतर्राष्‍ट्रीय ऑनलाइन ठग गिरोह का खुलासा किया है. पुलिस ने आठ राज्‍यों में छापे मारकर छह शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है. मुख्य सरगना सऊदी अरब में है.

छह गिरफ्तार
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Published : Jul 21, 2021, 10:10 PM IST

भीलवाड़ा : राजस्थान में ऑनलाइन ठग मामूली रोजगार करने वाले लोगों से 25-25 हजार रुपये में उनके बैंक खाते खरीद लेते थे. उसके बाद इन खातों के माध्‍यम ठगी का लेन-देन करते थे. भीलवाड़ा की प्रतापनगर पुलिस ने आठ राज्‍यों के 54 गांवों में दबिश देकर इन ठगों को गिरफ्तार किया.

गिरफ्तार किये गए छह कुख्‍यात ऑनलाइन ठगों से खरीदे गये 100 बैंक खातों की जानकारी मिली है. जिनमें इन्‍होंने ठगी के 77 लाख रुपये ट्रांसफर किये थे.

अंतर्राष्‍ट्रीय ऑनलाइन ठग गिरोह का खुलासा

भीलवाड़ा शहर के प्रतापनगर थाना प्रभारी भजन लाल ने कहा कि 16 फरवरी को भीलवाड़ा के एक कपड़ा व्‍यापारी हरकचन्‍द लालानी से किसी ने ऑनलाइन फ्रॉड किया और उनके बैंक ऑफ बडौदा के अकाउन्‍ट से 77 लाख रुपये निकाल लिये. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अकाउन्‍ट में बचे हुए 23 लाख रुपये के लिए खाते को फ्रिज करवा दिया.

भीलवाड़ा के पुलिस अधीक्षक (Bhilwara Superintendent of Police) विकास शर्मा ने इस ऑनलाइन ठगी को ट्रेस आउट करने के लिए नौ टीमें गठित कीं. ये टीमें पूरे भारत में अलग-अलग जगहों पर गईं. अनुसंधान के लिए पुलिस टीमों ने बिहार, झारखंड, दिल्‍ली, नालन्‍दा, उत्तराखंड और गया में ऑनलाइन ठगी के सूत्र खंगाले. टीमें जहां भी गईं वहां की पुलिस से मदद की गुहार लगाई. इसी आधार पर छह शातिर ठगों को पुलिस गिरफ्तार कर सकी.

पढ़ें : केरल में गैरकानूनी तरीके से रहने के आरोप में अफगान का नागरिक गिरफ्तार

प्रतापनगर थानाधिकारी भजन लाल के मुताबिक इन लोगों ने ऑनलाइन ठगी का एक रैकेट बना रखा है. जिसमें ये बैंक खाताधारक से 25 से 30 हजार रूपये में उसकी हैसियत के अनुसार उसका खाता खरीद लेते हैं. जिसमें बैंक की पास बुक, एटीएम कार्ड और मॉबाईल सिम कार्ड शामिल होता है. गरीब लोगों से यह खाता खरीदकर ऑनलाइन ठग बड़े ठगों को ये खाते उपलब्ध कराते हैं. बड़े ठग बडी राशि बैंक अकाउन्‍ट से हैक करके इन खरीदे गये बैंक खातों में ट्रांसफर करते हैं. जिस खाताधारक के साथ ये फ्रॉड होता है उसे निकाली गई राशि के बारे में जानकारी नहीं लग पाती.

ऑनलाइन ठगी के नेटवर्क का मुख्‍य हैकर इन खरीद गये बैंक खातों को जालसाजी में इस्तेमाल करता है. ये बैंक अकाउन्‍ट अक्सर उन लोगों के होते हैं जो छोटा-मोटा काम करते हैं. जैसे चाय की थड़ी वाले, अण्‍डे बेचने वाले या खेत पर मजदूरी करने वाले. इन लोगों को पता होता है कि उन्होंने जो बैंक खाता बेचा है वह ठगी के काम आएगा, लेकिन ये लोग पैसे के लालच में ऐसा करने के लिए तैयार हो जाते हैं. इन लोगों को ऑनलाइन ठगी के मुख्य सरगना के बारे में जानकारी नहीं होती. क्योंकि खाता खरीदने का काम बिचौलिये करते हैं.

पुलिस ने बरबीघा बिहार से 2, मधेपुरा से 2, उत्‍तराखण्‍ड से 1 और दिल्‍ली से 1 कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक ऑनलाइन ठगी का मुख्‍य हैकर सऊदी अरब में है. जिसके लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया जा चुका है. जैसे ही उसकी गिरफ्तारी होगी इस ऑनलाइन ठगी के बड़े नेटवर्क का खुलासा होगा.

गिरफ्तार किये गये 6 आरोपी राकेश झा उर्फ छोटू, कुन्‍दन, विजय प्रसाद, मुकेश उर्फ अमितराज, राजू कुमार उर्फ प्रद्धुम्न और सोनू कुमार शामिल हैं. इन लोगों तक पहुंचने के लिए पुलिस की सभी 9 टीमें आपसी में जुड़ी रहीं और जहां जिसको जरूरत थी, वहां पहुंची. नक्‍सली इलाकों में जहां मोबाइल नेटवर्क भी नहीं आता, उन इलाकों से आरोपियों को लाना मुश्किल था. विशेषकर झारखण्ड और बिहार के सुदुर गावों के 54 गावों में राजस्थान पुलिस ने छापे मारकर इन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

भीलवाड़ा : राजस्थान में ऑनलाइन ठग मामूली रोजगार करने वाले लोगों से 25-25 हजार रुपये में उनके बैंक खाते खरीद लेते थे. उसके बाद इन खातों के माध्‍यम ठगी का लेन-देन करते थे. भीलवाड़ा की प्रतापनगर पुलिस ने आठ राज्‍यों के 54 गांवों में दबिश देकर इन ठगों को गिरफ्तार किया.

गिरफ्तार किये गए छह कुख्‍यात ऑनलाइन ठगों से खरीदे गये 100 बैंक खातों की जानकारी मिली है. जिनमें इन्‍होंने ठगी के 77 लाख रुपये ट्रांसफर किये थे.

अंतर्राष्‍ट्रीय ऑनलाइन ठग गिरोह का खुलासा

भीलवाड़ा शहर के प्रतापनगर थाना प्रभारी भजन लाल ने कहा कि 16 फरवरी को भीलवाड़ा के एक कपड़ा व्‍यापारी हरकचन्‍द लालानी से किसी ने ऑनलाइन फ्रॉड किया और उनके बैंक ऑफ बडौदा के अकाउन्‍ट से 77 लाख रुपये निकाल लिये. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अकाउन्‍ट में बचे हुए 23 लाख रुपये के लिए खाते को फ्रिज करवा दिया.

भीलवाड़ा के पुलिस अधीक्षक (Bhilwara Superintendent of Police) विकास शर्मा ने इस ऑनलाइन ठगी को ट्रेस आउट करने के लिए नौ टीमें गठित कीं. ये टीमें पूरे भारत में अलग-अलग जगहों पर गईं. अनुसंधान के लिए पुलिस टीमों ने बिहार, झारखंड, दिल्‍ली, नालन्‍दा, उत्तराखंड और गया में ऑनलाइन ठगी के सूत्र खंगाले. टीमें जहां भी गईं वहां की पुलिस से मदद की गुहार लगाई. इसी आधार पर छह शातिर ठगों को पुलिस गिरफ्तार कर सकी.

पढ़ें : केरल में गैरकानूनी तरीके से रहने के आरोप में अफगान का नागरिक गिरफ्तार

प्रतापनगर थानाधिकारी भजन लाल के मुताबिक इन लोगों ने ऑनलाइन ठगी का एक रैकेट बना रखा है. जिसमें ये बैंक खाताधारक से 25 से 30 हजार रूपये में उसकी हैसियत के अनुसार उसका खाता खरीद लेते हैं. जिसमें बैंक की पास बुक, एटीएम कार्ड और मॉबाईल सिम कार्ड शामिल होता है. गरीब लोगों से यह खाता खरीदकर ऑनलाइन ठग बड़े ठगों को ये खाते उपलब्ध कराते हैं. बड़े ठग बडी राशि बैंक अकाउन्‍ट से हैक करके इन खरीदे गये बैंक खातों में ट्रांसफर करते हैं. जिस खाताधारक के साथ ये फ्रॉड होता है उसे निकाली गई राशि के बारे में जानकारी नहीं लग पाती.

ऑनलाइन ठगी के नेटवर्क का मुख्‍य हैकर इन खरीद गये बैंक खातों को जालसाजी में इस्तेमाल करता है. ये बैंक अकाउन्‍ट अक्सर उन लोगों के होते हैं जो छोटा-मोटा काम करते हैं. जैसे चाय की थड़ी वाले, अण्‍डे बेचने वाले या खेत पर मजदूरी करने वाले. इन लोगों को पता होता है कि उन्होंने जो बैंक खाता बेचा है वह ठगी के काम आएगा, लेकिन ये लोग पैसे के लालच में ऐसा करने के लिए तैयार हो जाते हैं. इन लोगों को ऑनलाइन ठगी के मुख्य सरगना के बारे में जानकारी नहीं होती. क्योंकि खाता खरीदने का काम बिचौलिये करते हैं.

पुलिस ने बरबीघा बिहार से 2, मधेपुरा से 2, उत्‍तराखण्‍ड से 1 और दिल्‍ली से 1 कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक ऑनलाइन ठगी का मुख्‍य हैकर सऊदी अरब में है. जिसके लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया जा चुका है. जैसे ही उसकी गिरफ्तारी होगी इस ऑनलाइन ठगी के बड़े नेटवर्क का खुलासा होगा.

गिरफ्तार किये गये 6 आरोपी राकेश झा उर्फ छोटू, कुन्‍दन, विजय प्रसाद, मुकेश उर्फ अमितराज, राजू कुमार उर्फ प्रद्धुम्न और सोनू कुमार शामिल हैं. इन लोगों तक पहुंचने के लिए पुलिस की सभी 9 टीमें आपसी में जुड़ी रहीं और जहां जिसको जरूरत थी, वहां पहुंची. नक्‍सली इलाकों में जहां मोबाइल नेटवर्क भी नहीं आता, उन इलाकों से आरोपियों को लाना मुश्किल था. विशेषकर झारखण्ड और बिहार के सुदुर गावों के 54 गावों में राजस्थान पुलिस ने छापे मारकर इन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

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