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पूरे भारत को सीएनजी की आपूर्ति करेगा भावनगर, 80 लाख मीट्रिक टन गैस का होगा भंडार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 29 सितंबर को भावनगर में 5200 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. प्रधानमंत्री ने भावनगर में दुनिया के पहले सीएनजी टर्मिनल और ब्राउनफील्ड पोर्ट की आधारशिला रखी.

पूरे भारत को सीएनजी की आपूर्ति करेगा भावनगर, 80 लाख मीट्रिक टन गैस का होगा भंडार
पूरे भारत को सीएनजी की आपूर्ति करेगा भावनगर, 80 लाख मीट्रिक टन गैस का होगा भंडार
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Published : Oct 2, 2022, 8:18 AM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 29 सितंबर को भावनगर में 5200 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. प्रधानमंत्री ने भावनगर में दुनिया के पहले सीएनजी टर्मिनल और ब्राउनफील्ड पोर्ट की आधारशिला रखी. पीएम ने कहा कि भावनगर सीएनजी टर्मिनल और ब्राउनफील्ड पोर्ट प्रोजेक्ट के बहुत अधिक आर्थिक लाभ होंगे. मुंबई स्थित पद्मनाभन मफतलाल ग्रुप और यूके के फोरसाइट ग्रुप के कंसोर्टियम द्वारा 4,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से दुनिया का पहला कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) टर्मिनल गुजरात के भावनगर बंदरगाह के पास बनाया जाएगा. पहले चरण में 80 लाख मीट्रिक टन गैस स्टोर करने की क्षमता होगी. वहां से जीएसपीसी लाइन के जरिए पूरे देश में गैस पहुंचाई जाएगी।

गुजरात सरकार के द्विवार्षिक निवेश कार्यक्रम वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल बिजनेस समिट के नौवें संस्करण में, परियोजना के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर गुजरात मैरीटाइम बोर्ड के साथ हस्ताक्षर किए गए थे. जीएमबी द्वारा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को मंजूरी देने के बाद निर्माण 2023 की पहली तिमाही में शुरू होने की उम्मीद है. इसके 2026 तक चालू होने की उम्मीद है. प्रस्तावित पोर्ट टर्मिनल की क्षमता 4.65 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) है, जिसमें से सीएनजी टर्मिनल की क्षमता 0.3 एमटीपीए होगी.

पढ़ें: Maharashtra: पुणे में नियंत्रित विस्फोट से तोड़ा गया पुल

विशाल सीएनजी टर्मिनल परियोजना की कार्गो हैंडलिंग क्षमता 1.5 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) है. गुजरात मैरीटाइम बोर्ड (जीएमबी), जो वर्तमान में भावनगर बंदरगाह का प्रबंधन कर रहा है. इस परियोजना में भी मदद करेगा. इसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) प्रोजेक्ट की तरह उपयोग करके विकसित किया जाएगा. जीएमबी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, आगामी सीएनजी टर्मिनल में अल्ट्रा-मॉडर्न कंटेनर टर्मिनल, एक बहुउद्देशीय टर्मिनल, एक रो-रो टर्मिनल और एक लिक्विड टर्मिनल के अलावा दुनिया का चौथा सबसे बड़ा लॉक गेट सिस्टम होगा.

अधिकारी ने कहा कि भविष्य की ब्राउन फील्ड परियोजना का मौजूदा सड़क मार्ग और रेलवे नेटवर्क से सीधा संपर्क होगा जो सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्रों, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और भारत के उत्तरी भीतरी इलाकों से जुड़ता है. सीएनजी और अन्य टर्मिनलों का विस्तार करने के लिए, भावनगर बंदरगाह के मौजूदा बुनियादी ढांचे में व्यापक संशोधनों की भी आवश्यकता होगी, अधिकारी के अनुसार, जिसमें बंदरगाह बेसिन के जल चैनल में ड्रेजिंग, दो लॉक गेट्स का निर्माण, और सीएनजी परिवहन के लिए ऑफ-शोर इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है.

उन्होंने आगे कहा कि बंदरगाह का निर्माण 2023 की पहली छमाही में शुरू होने की उम्मीद है. बंदरगाह 2026 में चालू हो जाएगा. अधिकारी ने कहा कि सीएनजी टर्मिनल के अलावा, भावनगर बंदरगाह का उन्नयन भी होगा. आगामी परियोजनाओं जैसे वाहन स्क्रैपिंग यार्ड, कंटेनर निर्माण, धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र और अन्य मेगा परियोजनाओं के लिए भावनगर जिले की भविष्य की जरूरतों और मांगों को पूरा करने की ओर भी काम किया जाएगा. दिसंबर 2019 में भावनगर बंदरगाह के उत्तर की ओर एक सीएनजी टर्मिनल और अतिरिक्त टर्मिनलों के निर्माण के लिए जीएमबी को एक परियोजना प्रस्ताव प्रस्तुत किया.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 29 सितंबर को भावनगर में 5200 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. प्रधानमंत्री ने भावनगर में दुनिया के पहले सीएनजी टर्मिनल और ब्राउनफील्ड पोर्ट की आधारशिला रखी. पीएम ने कहा कि भावनगर सीएनजी टर्मिनल और ब्राउनफील्ड पोर्ट प्रोजेक्ट के बहुत अधिक आर्थिक लाभ होंगे. मुंबई स्थित पद्मनाभन मफतलाल ग्रुप और यूके के फोरसाइट ग्रुप के कंसोर्टियम द्वारा 4,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से दुनिया का पहला कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) टर्मिनल गुजरात के भावनगर बंदरगाह के पास बनाया जाएगा. पहले चरण में 80 लाख मीट्रिक टन गैस स्टोर करने की क्षमता होगी. वहां से जीएसपीसी लाइन के जरिए पूरे देश में गैस पहुंचाई जाएगी।

गुजरात सरकार के द्विवार्षिक निवेश कार्यक्रम वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल बिजनेस समिट के नौवें संस्करण में, परियोजना के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर गुजरात मैरीटाइम बोर्ड के साथ हस्ताक्षर किए गए थे. जीएमबी द्वारा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को मंजूरी देने के बाद निर्माण 2023 की पहली तिमाही में शुरू होने की उम्मीद है. इसके 2026 तक चालू होने की उम्मीद है. प्रस्तावित पोर्ट टर्मिनल की क्षमता 4.65 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) है, जिसमें से सीएनजी टर्मिनल की क्षमता 0.3 एमटीपीए होगी.

पढ़ें: Maharashtra: पुणे में नियंत्रित विस्फोट से तोड़ा गया पुल

विशाल सीएनजी टर्मिनल परियोजना की कार्गो हैंडलिंग क्षमता 1.5 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) है. गुजरात मैरीटाइम बोर्ड (जीएमबी), जो वर्तमान में भावनगर बंदरगाह का प्रबंधन कर रहा है. इस परियोजना में भी मदद करेगा. इसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) प्रोजेक्ट की तरह उपयोग करके विकसित किया जाएगा. जीएमबी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, आगामी सीएनजी टर्मिनल में अल्ट्रा-मॉडर्न कंटेनर टर्मिनल, एक बहुउद्देशीय टर्मिनल, एक रो-रो टर्मिनल और एक लिक्विड टर्मिनल के अलावा दुनिया का चौथा सबसे बड़ा लॉक गेट सिस्टम होगा.

अधिकारी ने कहा कि भविष्य की ब्राउन फील्ड परियोजना का मौजूदा सड़क मार्ग और रेलवे नेटवर्क से सीधा संपर्क होगा जो सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्रों, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और भारत के उत्तरी भीतरी इलाकों से जुड़ता है. सीएनजी और अन्य टर्मिनलों का विस्तार करने के लिए, भावनगर बंदरगाह के मौजूदा बुनियादी ढांचे में व्यापक संशोधनों की भी आवश्यकता होगी, अधिकारी के अनुसार, जिसमें बंदरगाह बेसिन के जल चैनल में ड्रेजिंग, दो लॉक गेट्स का निर्माण, और सीएनजी परिवहन के लिए ऑफ-शोर इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है.

उन्होंने आगे कहा कि बंदरगाह का निर्माण 2023 की पहली छमाही में शुरू होने की उम्मीद है. बंदरगाह 2026 में चालू हो जाएगा. अधिकारी ने कहा कि सीएनजी टर्मिनल के अलावा, भावनगर बंदरगाह का उन्नयन भी होगा. आगामी परियोजनाओं जैसे वाहन स्क्रैपिंग यार्ड, कंटेनर निर्माण, धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र और अन्य मेगा परियोजनाओं के लिए भावनगर जिले की भविष्य की जरूरतों और मांगों को पूरा करने की ओर भी काम किया जाएगा. दिसंबर 2019 में भावनगर बंदरगाह के उत्तर की ओर एक सीएनजी टर्मिनल और अतिरिक्त टर्मिनलों के निर्माण के लिए जीएमबी को एक परियोजना प्रस्ताव प्रस्तुत किया.

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