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कांग्रेस के कामकाज पर नहीं, RSS की विचारधारा पर है भरोसा, राजस्थान के लिए पायलट एक जुनून हैं - अनिरुद्ध सिंह

भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और सोशल मीडिया एक्टिविस्ट अनिरुद्ध सिंह सचिन पायलट के जितने करीब हैं, उतने ही वे वैचारिक रूप से कांग्रेस से दूर हैं. अनिरुद्ध सिंह ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. इस बातचीत के दौरान उन्होंने राजनीतिक मुद्दों से लेकर सचिन पायलट को लेकर हर मुद्दे पर बेबाकी (Anirudh Singh big statement on Sachin Pilot) से जवाब दिया.

Anirudh Singh big statement on Sachin Pilot
Anirudh Singh big statement on Sachin Pilot
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Published : May 19, 2023, 8:19 PM IST

अनिरुद्ध सिंह से ईटीवी भारत की खास बातचीत

जयपुर. भरतपुर के पूर्व राजपरिवार सदस्य और सोशल मीडिया एक्टिविस्ट अनिरुद्ध सिंह भरतपुर ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. इस बातचीत के दौरान उन्होंने खुद और प्रदेश से जुड़े कई मसलों पर खुलकर जवाब दिए. फिर चाहे मामला सचिन पायलट के लिये उनके एक तरफा समर्थन का हो या फिर उनके पिता और मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के साथ दूरियों का. अनिरुद्ध ने राजस्थान के राजनीतिक संकट को लेकर भी बेबाकी के साथ अपनी बात को रखा.

इस खास बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि क्यों कांग्रेस सरकार के एक मंत्री का बेटा खुलेआम हिन्दू राष्ट्र की विचारधारा का समर्थन करता है. ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ अश्विनी विजय प्रकाश पारीक ने उनसे हर सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश की. आइये जानते हैं कि इस खास बातचीत में अनिरुद्ध सिंह ने वर्तमान राजनीतिक स्थितियों से लेकर दूसरे मुद्दों पर क्या कुछ कहा.

सवालः आप सोशल मीडिया पर जितना एक्टिव होते हैं, कहा जाता है कि जमीन पर आपका चेहरा उतना नजर नहीं आता है, क्या जवाब होगा आपका ?

अनिरुद्ध सिंहः मैं पहले लोगों से मिलता था, तब यह कहा जाता था कि इनका लिमिटेड एक्सेस है और अब जब सोशल मीडिया पर दायरा बढ़ाया, तो कहा जाता है कि वहीं एक्टिव हैं, ऐसा नहीं है. मैं जनमानस से मिलने के लिए अपने दफ्तर पर उपलब्ध रहता हूं. सोशल मीडिया से मुझे प्रजेंस मिली है, अलग पहचान मिली है, जितना मैं सोशल मीडिया पर हूं, उतना ही मैं जनता के बीच में हूं.

सवालः आपके राजनीतिक चेहरे पर हमेशा सवाल होते हैं, भाजपा के आप समर्थक हैं. नेता के रूप में पायलट के साथ खड़े हैं और आपके पिता राजनीति में किसी और दल से हैं , किस चेहरे की बात करें ?.

Anirudh Singh big statement on Sachin Pilot
सचिन पायलट के समर्थक अनिरुद्ध सिंह

अनिरुद्ध सिंहः पॉलिटिकल एक्टिविजम का मतलब यह कतई नहीं होता कि आप इलेक्शन लड़ने के लिए तैयार रहें. अगर हर कोई चुनाव लड़ेगा तो फिर जमीन पर काम कौन करेगा ?. इसलिए मैं हर किसी के लिए चुनाव लड़ने के लिए सहमत नहीं हूं. जहां तक सवाल राजनीतिक विचारधारा का है, तो कांग्रेस के कामकाज के तरीके से मैं बिल्कुल सहमत नहीं हूं. मैं आरएसएस की विचारधारा में विश्वास करता हूं, मैं हिंदू राष्ट्र के विचार पर भरोसा करता हूं. मुझे लगता है कि भारत को लंबे अरसे तक सस्टेनेबल इकोनॉमिक सुपर पावर बनाने के लिए भाजपा की इसी आइडियोलॉजी की जरूरत होगी, मेरी फीलिंग राइट विंग की तरफ है.

इसे भी पढ़ें - अनिरुद्ध सिंह का बड़ा बयान, सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनते हैं तो राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी

सवालः आप हिंदू राष्ट्र को भी परिभाषित कीजिए, क्या जो RSS मानता है या फिर जो संत कहते हैं ?.

अनिरुद्ध सिंहः मेरे हिसाब से हिंदू राष्ट्र जो भाजपा मानती है और जो आरएसएस बात करती है . इसको विस्तार से समझने की जरूरत है, भारत में हिंदू धर्म को मानने वाले सबसे ज्यादा लोग हैं. अगर इस विचार को आगे रखा जाएगा तो भारत सुपर पावर बन जाएगा. ऐसा भी नहीं है कि अन्य धर्मों को दरकिनार किया जाना चाहिए. मैं मिडिल ईस्ट के कई देशों में रहा हूं, लेकिन बतौर हिंदू मैं वहां कभी भी असुरक्षित नहीं रहा. मुझे लगता है कि एक हिन्दू राष्ट्र होना चाहिए , जो सबको साथ लेकर चलता है.

सवालः सचिन पायलट के साथ आपकी मौजूदगी हमेशा रही है , सचिन पायलट को किस तरह से देखते हैं आप , आप अक्सर उनके साथ नजर आते हैं.

अनिरुद्ध सिंहः सचिन पायलट राजस्थान के लिए एक जुनून हैं , लोग उनके लिए मर मिटने के लिए तैयार हैं. मैं व्यक्तिगत रूप से उनके विचारों से सहमत हूं. यह विचार पार्टी से अलग रखकर देखा जाना चाहिए , उनके राजस्थान को लेकर विजन को मैं सपोर्ट करता हूं. मेरी राइट विंग की विचारधारा और पायलट के कांग्रेसी होने को एक नजरिए से देखा जा सकता है, उनके विजन को सपोर्ट करता हूं.

Anirudh Singh big statement on Sachin Pilot
सोशल मीडिया एक्टिविस्ट अनिरुद्ध सिंह

सवालः पायलट का विजन भी बता दीजिए.

अनिरुद्ध सिंहः युवाओं को सशक्त बनाना सचिन पायलट का विजन है. व्यक्तिगत स्तर पर मैं उस दौर को याद करता हूं, जब मुझ पर निजी जीवन में पत्थर फेंके जा रहे थे. तब मेरे साथ पायलट साहब खड़े थे,उन्होंने मेरे मत का समर्थन किया. मेरे व्यक्तिगत मत का साथ दिया, कुछ थोपा नहीं.

सवालः जिस निजी मसले का आप जिक्र कर रहे हैं, क्या उसे दर्शकों की सुविधा के लिए बयां करना चाहेंगे.

अनिरुद्ध सिंहः देखिये , इस बारे में कई बार बात हो चुकी है, मामला पुराना हो चुका है. मेरी राजनीतिक विचारधारा और मेरे पिता की राजनीतिक विचारधारा अलग है. मत भिन्नता भारतीय परिवारों की खूबसूरती रही है, पर यहां मतभेद रहा है. मेरी मां ने कभी पार्टी नहीं बदली , एक बार वह भाजपा से सांसद रही हैं और एक बार वसुंधरा जी की सरकार में विधायक रही हैं फिर उन्होंने अपने निजी मामलों को लेकर राजनीति से विराम लिया. वह भाजपा की विचारधारा से ही रही हैं. राम मंदिर के मसले पर वह अशोक सिंघल जी के साथ रही हैं, मेरी विचारधारा भी उन्हीं से प्रेरित रही है. मेरी मां ने 1996 में हिन्दू राष्ट्र की बात की थी, जब वह ग्यारहवीं लोकसभा में अटल जी की सरकार में सांसद रही थी. पिताजी ने दल बदले और क्यों बदले, यह आप उनसे पूछिए. मेरी आज तक उनसे इस पर बात नहीं हुई . मैं अपनी मां से जरूर प्रेरणा लेता हूं, वह बीजेपी की विचारधारा से है, राष्ट्रीय विचारधारा से है. मुझे विचारधारा विरासत में नहीं, संस्कारों में मिली है.

सवालः आने वाले चुनाव में आप स्वयं को और अपनी माता जी में से किसे, जनप्रतिनिधि के रूप में देखना चाहेंगे. आपके समर्थकों की क्या अप्रोच है ?.

अनिरुद्ध सिंहः जनता की आवाज उठाने का काम मैं भी करता हूं और मेरी मां भी करती है, लेकिन राजनीतिक सक्रियता का मतलब चुनाव लड़ना नहीं है. अभी मेरा मकसद है कि जनता की सेवा करता रहूं, आगे मेरी मां और सचिन पायलटजी जो निर्णय लेंगे , मैं उसे फोलो करूंगा.

सवालः नदबई की जनता मूर्ति विवाद के बाद से आपको उस चेहरे के रूप में देख रही है , जहां कभी आपकी बुआ काम कर रही थी.

अनिरुद्ध सिंहः ये नदबई की जनता का प्यार और सम्मान है, सोशल मीडिया पर भी यह आवाज उठ रही है, लेकिन मैं खुद इस बात को कैसे कह सकता हूं?. ये तो जिम्मेदारी मैंने अपनी मां और पायलट साहब को सौंप रखी है, अगर कहा जाएगा , पर्दे के पीछे काम करें, तो ठीक है.

सवालः तय तो आपको करना है कि आपको कहां जाना है.

अनिरुद्ध सिंहः नहीं, नहीं , उनको तय करना है कि मुझे कहां जाना है?. मैं कॉर्पोरेट कल्चर को फॉलो करूंगा , जो सीनियर बोलेंगे, वही करूंगा.

सवालः नदबई के मूर्ति विवाद को आप किस तरह से देखते हैं?, आप आए और तस्वीर लगा दी.

अनिरुद्ध सिंहः वह काफी रोचक रहा. कभी भी कोई मूर्ति बहुमत के हिसाब से लगती है, अगर बहुमत की जगह के बीच विभिन्न मत के हिसाब से मूर्ति लगेगी, तो विवाद तो होगा ही. लेकिन, बेलारा गांव के आसपास बहुमत जाट समुदाय का है. गांव वालों की साढ़े चार साल से इच्छा रही है कि महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाई जाए, लेकिन मूर्ति लग जाती तो वहां के एमएलए साहब की और नेताओं की. नदबई में हर नुक्कड़ पर नेता मिल जाएगा, की राजनीति वहीं खत्म हो जाती. इसमें स्थानीय एमएलए साहब ने पीछे से कार्रवाई करके कुछ लोगों की कमेटी बनाकर जनता की जानकारी के पीछे मूर्ति का अप्रूवल ले लिया. बहरहाल मूर्ति के बारे में विवाद हो रहा था कि कौन सी मूर्ति लगेगी. यह विवाद काफी खतरनाक हो जाता, क्योंकि गंभीर सांप्रदायिक तनाव का भरतपुर का इतिहास रहा है. इसलिए मैंने वहां जाकर देखा कि जनता क्या चाहती है और जनता का बहुमत महाराजा सूरजमलजी की मूर्ति लगाने के पक्ष में था, तो मैंने बहुमत का पक्ष रखा.

सवालः आरोप लगा कि आप लोगों को भड़का रहे हैं.

अनिरुद्ध सिंहः नहीं , नहीं वहां इतने हालात , एक-दो दिन पहले गंभीर तनाव हुआ था. पुलिस ने जाने कितने लोग पकड़ कर बंद कर दिया था, भरतपुर का सांप्रदायिक तनाव का इतिहास रहा है. वहां खलबली मची कि इन्होंने तो मूर्ति लगवा दी , यह तो वाहवाही ले गए. ऐसे में हमारे ऊपर एफआईआर लगा दी गई.

सवालः चलिये, एक बार फिर पायलट साहब पर लौटते हैं, हम जानना चाहते हैं कि आपका रुख तो साफ हो गया कि जिधर पायलट साहब हैं , वहां आप हैं, पर पायलट साहब कहां है ?.

अनिरुद्ध सिंहः नहीं, अंदरखाने कुछ नहीं पक रहा है. पायलट साहब जो कुछ भी करते हैं, वह पब्लिक के बीच होता है. पब्लिक से कहकर मीडिया बंधु को बुलाकर एड्रेस करते हैं. अंदर कुछ नहीं पक रहा है. सचिन पायलट का एक विजन है राजस्थान को लेकर. कहने वाले कुछ भी कहें , अरे ! आप उपमुख्यमंत्री हैं , आप इल्जाम लगा रहे हैं खरीद-फरोख्त का , पैसे का , तो आपके पास सबूत भी होंगे. अगर आपके पास सबूत है , तो आप केस करिएना. पब्लिक में लाइये उन चीजों को. प्रेस कांफ्रेंस करके जनता के सामने वो सबूत पूरा फेकिए और फिर पुलिस कार्रवाई करवा कर बंद कीजिए सभी को, यह बार-बार कहना और उसका बैकअप नहीं देना , क्या मतलब है.

सवालः पायलट साहब क्या मानहानि का मुकदमा करेंगे फिर ?.

अनिरुद्ध सिंहः यह आप पायलट साहब से पूछिए, पायलट साहब की राजनीति नफरत की नहीं है कि हम लोग यह मुकदमे करें. पायलट साहब कहते हैं कि मैं अपनी बात स्पष्ट रखता हूं और जनता अपने आप फैसला करेगी.

सवालः क्या आप अपना भविष्य असुरक्षित देखते हैं , कहीं ना कहीं सिक्योरिटी वाली बात पायलट साहब के साथ जोड़कर देखी जाती है. जिस कैंप का आपने चुनाव किया है , उस कैंप को टेंट लगाने के लिए जगह तलाशनी पड़ रही है.

अनिरुद्ध सिंहः मैं अपनी इनसिक्योरिटी की बात नहीं करता हूं. जिसके साथ जनता का आशीर्वाद है , उसको कभी भी डरने की जरुरत नहीं है. अगर हम लोगों ने किसी चीज के लिए कोई संकल्प उठाया है , तो उसके लिए जो भी अत्याचार हम साढ़े चार साल से सह रहे हैं, तो फिर कुछ महीने और ,फिर तो इलेक्शन है. जनता अपने आप फैसला करेगी.

सवालः किस तरह के अत्याचार?.

अनिरुद्ध सिंहः बहुत तरह के अत्याचार , हम लोगों के लोगों को परेशान करना. कोई अगर सरकारी सेवा में है और पायलट साहब से मिल आया है , तो उसका तबादला करना. हम लोगों के सरकारी कामों पर रोक लगाना , फालतू के प्रश्न उठाना. अफसरों से कहना कि हमारे जैन्यून काम है, तो उसे न करना, ये सब हम साढ़े चार साल से भुगतते आए हैं.

सवालः क्या यह सब आपने भी फेस किया है.

अनिरुद्ध सिंहः बहुत से तरीके से , जयपुर में ,भरतपुर में, पर हम लोग डरेंगे थोड़े ही इन चीजों से, जो डर गया , वो मर गया.

सवालः तो क्या सरकार का हिस्सा होने का प्रिवलेज नहीं मिला ,डिस एडवांटेज ज्यादा है ?.

अनिरुद्ध सिंहः जीरो , डिस ऐडवान्टेजेज़ और प्रिवलेज में काफी फर्क है.

अनिरुद्ध सिंह से ईटीवी भारत की खास बातचीत

जयपुर. भरतपुर के पूर्व राजपरिवार सदस्य और सोशल मीडिया एक्टिविस्ट अनिरुद्ध सिंह भरतपुर ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. इस बातचीत के दौरान उन्होंने खुद और प्रदेश से जुड़े कई मसलों पर खुलकर जवाब दिए. फिर चाहे मामला सचिन पायलट के लिये उनके एक तरफा समर्थन का हो या फिर उनके पिता और मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के साथ दूरियों का. अनिरुद्ध ने राजस्थान के राजनीतिक संकट को लेकर भी बेबाकी के साथ अपनी बात को रखा.

इस खास बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि क्यों कांग्रेस सरकार के एक मंत्री का बेटा खुलेआम हिन्दू राष्ट्र की विचारधारा का समर्थन करता है. ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ अश्विनी विजय प्रकाश पारीक ने उनसे हर सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश की. आइये जानते हैं कि इस खास बातचीत में अनिरुद्ध सिंह ने वर्तमान राजनीतिक स्थितियों से लेकर दूसरे मुद्दों पर क्या कुछ कहा.

सवालः आप सोशल मीडिया पर जितना एक्टिव होते हैं, कहा जाता है कि जमीन पर आपका चेहरा उतना नजर नहीं आता है, क्या जवाब होगा आपका ?

अनिरुद्ध सिंहः मैं पहले लोगों से मिलता था, तब यह कहा जाता था कि इनका लिमिटेड एक्सेस है और अब जब सोशल मीडिया पर दायरा बढ़ाया, तो कहा जाता है कि वहीं एक्टिव हैं, ऐसा नहीं है. मैं जनमानस से मिलने के लिए अपने दफ्तर पर उपलब्ध रहता हूं. सोशल मीडिया से मुझे प्रजेंस मिली है, अलग पहचान मिली है, जितना मैं सोशल मीडिया पर हूं, उतना ही मैं जनता के बीच में हूं.

सवालः आपके राजनीतिक चेहरे पर हमेशा सवाल होते हैं, भाजपा के आप समर्थक हैं. नेता के रूप में पायलट के साथ खड़े हैं और आपके पिता राजनीति में किसी और दल से हैं , किस चेहरे की बात करें ?.

Anirudh Singh big statement on Sachin Pilot
सचिन पायलट के समर्थक अनिरुद्ध सिंह

अनिरुद्ध सिंहः पॉलिटिकल एक्टिविजम का मतलब यह कतई नहीं होता कि आप इलेक्शन लड़ने के लिए तैयार रहें. अगर हर कोई चुनाव लड़ेगा तो फिर जमीन पर काम कौन करेगा ?. इसलिए मैं हर किसी के लिए चुनाव लड़ने के लिए सहमत नहीं हूं. जहां तक सवाल राजनीतिक विचारधारा का है, तो कांग्रेस के कामकाज के तरीके से मैं बिल्कुल सहमत नहीं हूं. मैं आरएसएस की विचारधारा में विश्वास करता हूं, मैं हिंदू राष्ट्र के विचार पर भरोसा करता हूं. मुझे लगता है कि भारत को लंबे अरसे तक सस्टेनेबल इकोनॉमिक सुपर पावर बनाने के लिए भाजपा की इसी आइडियोलॉजी की जरूरत होगी, मेरी फीलिंग राइट विंग की तरफ है.

इसे भी पढ़ें - अनिरुद्ध सिंह का बड़ा बयान, सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनते हैं तो राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी

सवालः आप हिंदू राष्ट्र को भी परिभाषित कीजिए, क्या जो RSS मानता है या फिर जो संत कहते हैं ?.

अनिरुद्ध सिंहः मेरे हिसाब से हिंदू राष्ट्र जो भाजपा मानती है और जो आरएसएस बात करती है . इसको विस्तार से समझने की जरूरत है, भारत में हिंदू धर्म को मानने वाले सबसे ज्यादा लोग हैं. अगर इस विचार को आगे रखा जाएगा तो भारत सुपर पावर बन जाएगा. ऐसा भी नहीं है कि अन्य धर्मों को दरकिनार किया जाना चाहिए. मैं मिडिल ईस्ट के कई देशों में रहा हूं, लेकिन बतौर हिंदू मैं वहां कभी भी असुरक्षित नहीं रहा. मुझे लगता है कि एक हिन्दू राष्ट्र होना चाहिए , जो सबको साथ लेकर चलता है.

सवालः सचिन पायलट के साथ आपकी मौजूदगी हमेशा रही है , सचिन पायलट को किस तरह से देखते हैं आप , आप अक्सर उनके साथ नजर आते हैं.

अनिरुद्ध सिंहः सचिन पायलट राजस्थान के लिए एक जुनून हैं , लोग उनके लिए मर मिटने के लिए तैयार हैं. मैं व्यक्तिगत रूप से उनके विचारों से सहमत हूं. यह विचार पार्टी से अलग रखकर देखा जाना चाहिए , उनके राजस्थान को लेकर विजन को मैं सपोर्ट करता हूं. मेरी राइट विंग की विचारधारा और पायलट के कांग्रेसी होने को एक नजरिए से देखा जा सकता है, उनके विजन को सपोर्ट करता हूं.

Anirudh Singh big statement on Sachin Pilot
सोशल मीडिया एक्टिविस्ट अनिरुद्ध सिंह

सवालः पायलट का विजन भी बता दीजिए.

अनिरुद्ध सिंहः युवाओं को सशक्त बनाना सचिन पायलट का विजन है. व्यक्तिगत स्तर पर मैं उस दौर को याद करता हूं, जब मुझ पर निजी जीवन में पत्थर फेंके जा रहे थे. तब मेरे साथ पायलट साहब खड़े थे,उन्होंने मेरे मत का समर्थन किया. मेरे व्यक्तिगत मत का साथ दिया, कुछ थोपा नहीं.

सवालः जिस निजी मसले का आप जिक्र कर रहे हैं, क्या उसे दर्शकों की सुविधा के लिए बयां करना चाहेंगे.

अनिरुद्ध सिंहः देखिये , इस बारे में कई बार बात हो चुकी है, मामला पुराना हो चुका है. मेरी राजनीतिक विचारधारा और मेरे पिता की राजनीतिक विचारधारा अलग है. मत भिन्नता भारतीय परिवारों की खूबसूरती रही है, पर यहां मतभेद रहा है. मेरी मां ने कभी पार्टी नहीं बदली , एक बार वह भाजपा से सांसद रही हैं और एक बार वसुंधरा जी की सरकार में विधायक रही हैं फिर उन्होंने अपने निजी मामलों को लेकर राजनीति से विराम लिया. वह भाजपा की विचारधारा से ही रही हैं. राम मंदिर के मसले पर वह अशोक सिंघल जी के साथ रही हैं, मेरी विचारधारा भी उन्हीं से प्रेरित रही है. मेरी मां ने 1996 में हिन्दू राष्ट्र की बात की थी, जब वह ग्यारहवीं लोकसभा में अटल जी की सरकार में सांसद रही थी. पिताजी ने दल बदले और क्यों बदले, यह आप उनसे पूछिए. मेरी आज तक उनसे इस पर बात नहीं हुई . मैं अपनी मां से जरूर प्रेरणा लेता हूं, वह बीजेपी की विचारधारा से है, राष्ट्रीय विचारधारा से है. मुझे विचारधारा विरासत में नहीं, संस्कारों में मिली है.

सवालः आने वाले चुनाव में आप स्वयं को और अपनी माता जी में से किसे, जनप्रतिनिधि के रूप में देखना चाहेंगे. आपके समर्थकों की क्या अप्रोच है ?.

अनिरुद्ध सिंहः जनता की आवाज उठाने का काम मैं भी करता हूं और मेरी मां भी करती है, लेकिन राजनीतिक सक्रियता का मतलब चुनाव लड़ना नहीं है. अभी मेरा मकसद है कि जनता की सेवा करता रहूं, आगे मेरी मां और सचिन पायलटजी जो निर्णय लेंगे , मैं उसे फोलो करूंगा.

सवालः नदबई की जनता मूर्ति विवाद के बाद से आपको उस चेहरे के रूप में देख रही है , जहां कभी आपकी बुआ काम कर रही थी.

अनिरुद्ध सिंहः ये नदबई की जनता का प्यार और सम्मान है, सोशल मीडिया पर भी यह आवाज उठ रही है, लेकिन मैं खुद इस बात को कैसे कह सकता हूं?. ये तो जिम्मेदारी मैंने अपनी मां और पायलट साहब को सौंप रखी है, अगर कहा जाएगा , पर्दे के पीछे काम करें, तो ठीक है.

सवालः तय तो आपको करना है कि आपको कहां जाना है.

अनिरुद्ध सिंहः नहीं, नहीं , उनको तय करना है कि मुझे कहां जाना है?. मैं कॉर्पोरेट कल्चर को फॉलो करूंगा , जो सीनियर बोलेंगे, वही करूंगा.

सवालः नदबई के मूर्ति विवाद को आप किस तरह से देखते हैं?, आप आए और तस्वीर लगा दी.

अनिरुद्ध सिंहः वह काफी रोचक रहा. कभी भी कोई मूर्ति बहुमत के हिसाब से लगती है, अगर बहुमत की जगह के बीच विभिन्न मत के हिसाब से मूर्ति लगेगी, तो विवाद तो होगा ही. लेकिन, बेलारा गांव के आसपास बहुमत जाट समुदाय का है. गांव वालों की साढ़े चार साल से इच्छा रही है कि महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाई जाए, लेकिन मूर्ति लग जाती तो वहां के एमएलए साहब की और नेताओं की. नदबई में हर नुक्कड़ पर नेता मिल जाएगा, की राजनीति वहीं खत्म हो जाती. इसमें स्थानीय एमएलए साहब ने पीछे से कार्रवाई करके कुछ लोगों की कमेटी बनाकर जनता की जानकारी के पीछे मूर्ति का अप्रूवल ले लिया. बहरहाल मूर्ति के बारे में विवाद हो रहा था कि कौन सी मूर्ति लगेगी. यह विवाद काफी खतरनाक हो जाता, क्योंकि गंभीर सांप्रदायिक तनाव का भरतपुर का इतिहास रहा है. इसलिए मैंने वहां जाकर देखा कि जनता क्या चाहती है और जनता का बहुमत महाराजा सूरजमलजी की मूर्ति लगाने के पक्ष में था, तो मैंने बहुमत का पक्ष रखा.

सवालः आरोप लगा कि आप लोगों को भड़का रहे हैं.

अनिरुद्ध सिंहः नहीं , नहीं वहां इतने हालात , एक-दो दिन पहले गंभीर तनाव हुआ था. पुलिस ने जाने कितने लोग पकड़ कर बंद कर दिया था, भरतपुर का सांप्रदायिक तनाव का इतिहास रहा है. वहां खलबली मची कि इन्होंने तो मूर्ति लगवा दी , यह तो वाहवाही ले गए. ऐसे में हमारे ऊपर एफआईआर लगा दी गई.

सवालः चलिये, एक बार फिर पायलट साहब पर लौटते हैं, हम जानना चाहते हैं कि आपका रुख तो साफ हो गया कि जिधर पायलट साहब हैं , वहां आप हैं, पर पायलट साहब कहां है ?.

अनिरुद्ध सिंहः नहीं, अंदरखाने कुछ नहीं पक रहा है. पायलट साहब जो कुछ भी करते हैं, वह पब्लिक के बीच होता है. पब्लिक से कहकर मीडिया बंधु को बुलाकर एड्रेस करते हैं. अंदर कुछ नहीं पक रहा है. सचिन पायलट का एक विजन है राजस्थान को लेकर. कहने वाले कुछ भी कहें , अरे ! आप उपमुख्यमंत्री हैं , आप इल्जाम लगा रहे हैं खरीद-फरोख्त का , पैसे का , तो आपके पास सबूत भी होंगे. अगर आपके पास सबूत है , तो आप केस करिएना. पब्लिक में लाइये उन चीजों को. प्रेस कांफ्रेंस करके जनता के सामने वो सबूत पूरा फेकिए और फिर पुलिस कार्रवाई करवा कर बंद कीजिए सभी को, यह बार-बार कहना और उसका बैकअप नहीं देना , क्या मतलब है.

सवालः पायलट साहब क्या मानहानि का मुकदमा करेंगे फिर ?.

अनिरुद्ध सिंहः यह आप पायलट साहब से पूछिए, पायलट साहब की राजनीति नफरत की नहीं है कि हम लोग यह मुकदमे करें. पायलट साहब कहते हैं कि मैं अपनी बात स्पष्ट रखता हूं और जनता अपने आप फैसला करेगी.

सवालः क्या आप अपना भविष्य असुरक्षित देखते हैं , कहीं ना कहीं सिक्योरिटी वाली बात पायलट साहब के साथ जोड़कर देखी जाती है. जिस कैंप का आपने चुनाव किया है , उस कैंप को टेंट लगाने के लिए जगह तलाशनी पड़ रही है.

अनिरुद्ध सिंहः मैं अपनी इनसिक्योरिटी की बात नहीं करता हूं. जिसके साथ जनता का आशीर्वाद है , उसको कभी भी डरने की जरुरत नहीं है. अगर हम लोगों ने किसी चीज के लिए कोई संकल्प उठाया है , तो उसके लिए जो भी अत्याचार हम साढ़े चार साल से सह रहे हैं, तो फिर कुछ महीने और ,फिर तो इलेक्शन है. जनता अपने आप फैसला करेगी.

सवालः किस तरह के अत्याचार?.

अनिरुद्ध सिंहः बहुत तरह के अत्याचार , हम लोगों के लोगों को परेशान करना. कोई अगर सरकारी सेवा में है और पायलट साहब से मिल आया है , तो उसका तबादला करना. हम लोगों के सरकारी कामों पर रोक लगाना , फालतू के प्रश्न उठाना. अफसरों से कहना कि हमारे जैन्यून काम है, तो उसे न करना, ये सब हम साढ़े चार साल से भुगतते आए हैं.

सवालः क्या यह सब आपने भी फेस किया है.

अनिरुद्ध सिंहः बहुत से तरीके से , जयपुर में ,भरतपुर में, पर हम लोग डरेंगे थोड़े ही इन चीजों से, जो डर गया , वो मर गया.

सवालः तो क्या सरकार का हिस्सा होने का प्रिवलेज नहीं मिला ,डिस एडवांटेज ज्यादा है ?.

अनिरुद्ध सिंहः जीरो , डिस ऐडवान्टेजेज़ और प्रिवलेज में काफी फर्क है.

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