नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी अब मौका परस्त नेताओं को जल्द ही सबक सिखाने के लिए नए नियम लाने जा रही है. हाल ही में पार्टी ने गुजरात में तो प्रचंड बहुमत हासिल कर लिया, लेकिन दिल्ली नगर निगम और हिमाचल प्रदेश के चुनाव में हुई हार का आकलन लगातार बीजेपी में अंदरखाने चल रहा है. सूत्रों की माने तो बीजेपी को ऐसा लगता है कि खेमें के बगावती नेताओं ने ही हिमाचल और दिल्ली नगर निगम का खेल खराब किया है.
यही वजह है की भाजपा जल्द ही एक ऐसा नियम लाने जा रहीं है, जिसमें यदि कोई भी पार्टी का नेता एक बार बीजेपी के कैंडिडेट के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरता है, तो उसे फिर कभी पार्टी में वापस नहीं लिया जाएगा. यानी एक बार बाहर का रास्ता दिखाया तो हमेशा के लिए आऊट.
ज्यादातर हाल के चुनाव में पार्टी के कई नेताओं ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ा और जब चुनाव हार गए, तो फिर से पार्टी का दामन थाम लिया, या फिर यदि जीत गए तो पार्टी की सरकार में शामिल हो गए. लेकिन सूत्रों की माने तो पार्टी के आला नेताओं का मानना है कि यदि पहले ही कड़े नियम बनाए जाएं तो शायद नेता पार्टी के खिलाफ बगावत करने से पहले सोचेंगे.
वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो हिमाचल की 68 सीटों में से 21 सीटों पर बीजेपी से बागी नेताओं ने चुनाव लड़ा और अपने ही कैंडिडेट्स के वोट काटे, हालांकि इनमें से जीत मात्र 2 सीटों पर ही बागियों की हुई, लेकिन पार्टी के लिए मुश्किलें पैदा कर दी. ठीक इसी तरह यदि दिल्ली नगर निगम के चुनाव में देखें तो बीजेपी को 38.7 प्रतिशत वोट ज्यादा मिले, लेकिन बागी उम्मीदवार भी लगभग 16 से 20 प्रतिशत सीटों पर पार्टी के खिलाफ प्रचार करते रहे, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा.
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इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए और 2024 लोकसभा और 2023 में कई राज्यों के महत्वपूर्ण चुनाव को देखते हुए, बीजेपी अब ये नियम बनाने जा रही है कि यदि कोई पार्टी का नेता अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ पर्चा भरता है, तो उसे पार्टी से हमेशा के लिए निकाल दिया जायेगा. पार्टी के नेता इस पर अभी कुछ बोलने से बच रहे हैं, लेकिन पार्टी इस नियम को जल्दी ही बड़े नेताओं से विचार विमर्श कर लागू करने जा रही है.